संपादकीय

संपादकीय@क्या अहंकार के अंत के लिए मर्यादा का होना आवश्यक नहीं?

रावण का दहन कीजिये पर पहले राम जैसे बने का प्रयास तो कीजिए।रावण के राज्य में भ्रष्टाचार, अपराध आदि नही थे आज के हालात तो सबको पता है।सत्ता अधिकांशत: अहंकार को जन्म देती है और अहंकार दुराचार को स्थान देता है।क्या रावण से ज्यादा बुरा इन्सान इस दुनिया में है, बहुत से लोग दुनिया में इतने बुरे है की रावण …

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संपादकीय@राष्ट्रपिता के दिखाए मार्ग पर कितने लोग चल रहे हैं?

लेख रवि सिंह:- राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती अवसर पर आज देश की राजनीति पर विचार आवश्यक है। आज सत्य अहिंसा का मार्ग प्रसस्त करने वाले राष्ट्रपिता के दिखाए मार्ग पर कितने लोग चल रहे हैं और कितने केवल दिखावा कर रहें हैं यह देखा जा सकता है। राजनीतिक जीवन जी रहे जनप्रतिनिधि की जिम्मेदारी निभा रहे लोग क्या राष्ट्रपिता के दिखाए मार्ग पर चल रहे …

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संपादकीय@73 की उम्र में जवानी की अंगड़ाई…सिद्धान्तों की लड़ाई या सत्ता की अंगड़ाई?

लेख राकेश प्रताप सिंह परिहार:- बात गुलाम नबी आजाद की जो कांग्रेस से आज़ाद हो हुंकार भर कह रहे हम वर्तमान राजनीति की दिशा और दशा बदल देंगे….यह आत्मविश्वस नरेंद्र दामोदर मोदी के भावुकता की वजह तो नही?…नरेंद्र दामोदर मोदी से गुलामनबी आज़ाद की नजदीकियां जग जाहिर रही है…गुलाम नबी आजाद के विदाई वाले दिन राज्यसभा में पीएम मोदी भावुक …

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संपादकीय@क्या राजस्थान के राजनीति गणित को साधने ओम माथुर को छत्तीसगढ़ भेजा गया व तेलंगाना के समीकरण को साधने डी पुरंदेश्वरी को खाली रखा गया?

क्या बीजेपी की रणनीति को कोई नहीँ समझ पाया?क्या डी पुरंदेश्वरी का जाना, ओम माथुर के आने का कनेक्शन राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना विधानसभा चुनाव से है?समझिते है “विश्लेषण” को, आरएसएस द्वारा नियुक्त किए गए संगठन महामंत्रियों को प्रभार मिलते ही बड़ा बदलाव क्यों। लेख रवि सिंह:- बात करते हैं भाजपा के उलटफेर की भाजपा की राजनीति में हुए उलटफेर इन दिनों बड़ी सुर्खियों में है। प्रदेश  प्रभारी डी पुरंदेश्वरी इन्हें …

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संपादकीय@तिरंगे की शान को बरकरार रखना है तो देश को भ्रष्टाचार की गंदगी से स्वतंत्र करना जरुरी

हर व्यक्ति को है अपने तिरंगे पर अभिमान, क्योंकि हर भारतीय की तिरंगा है पहचान।आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर सभी ने भारतीय होने का दिया परिचय, घरों में लगाया तिरंगा।बीजेपी, कांग्रेस दोनों ने घरो तिरंगा पहुंचाने का चलाया अभियान, तिरंगे के साथ भ्रष्टाचार मुक्त भारत का दिलाना था संकल्प।राजनीतिकरण के बीच हर व्यक्ति ने बड़ी शान से अपने …

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संपादकीय@आजादी का अमृत महोत्सव, देशभर में बड़ी धूमधाम से मनाया गया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वीकार्यता पूरे देश मे है, हर घर तिरंगा अभियान की सफलता से साबित भी हुआ।अपने उद्बोधन में प्रधानमंत्री ने ताली और थाली बजाने का भी किया उल्लेख।कोरोना वारियर्स को याद कर कहा, देश ने ताली और ताली बजाकर आह्वान को सफल बनाया।ताली और थाली बजाना कोरोना वारियर्स को सम्मान देना था, जिसे हर भारतवासी ने पूरा …

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संपादकीय@युकां का चुनाव रहा काफी दिलचस्प कुत्ते बिल्लियों को भी बनाया गया सदस्य

क्या युकां चुनाव कुत्ते व बिल्ली को सदस्य बनाने के लिए हुआ था?17 लाख में से 9 लाख कुत्ते बिल्ली व अन्य रहे सदस्य, जिन की सदस्यता हुई रद्द।युवक कांग्रेस के चुनाव में आखिर किसके पक्ष में पड़ा कुत्ता बिल्ली का मत।युवा कांग्रेस के प्रत्याशी अपने पक्ष में मतदान कराने के चक्कर में जिसे चाहा उसे बांटा ऐप और पड़े …

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सालों से जुड़ा एक प्यार भरा रिश्ता आखिर क्यूँ टूट जाता है?

“तलाक की शमशीर बड़ी तेज होती है चलती है जब रिश्तों के धागे पर तब एक प्यार से पिरोई माला कतरा कतरा बिखर जाती है”तलाक की तलवार कहर ढ़ाती है, दो दिलों के किले पर और इमारत दांपत्य की ढ़ह जाती है। तलाक या (डिवोर्स) महज़ शब्द नहीं एहसासों को विच्छेद करने वाली छैनी है।जब दो विपरीत तार जुड़ जाते …

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कोरिया कुमार और थाती के घाती!

स्व. रामचन्द्र सिंहदेव! ये आधिकारिक नाम कोरिया की पहचान समझा जाता है मगर सादगी और सरलता का पर्याय समझे जाने वाले इस हुतात्मा के कोरिया के प्रति समर्पण और निष्ठा ने कोरिया के जन जन को ऐसे प्रेम और अपनत्व में बांधा है कि उन्हें उनके सामंती नाम “कोरिया कुमार” से पुकारने में न कभी किसी तरह की राजशाही दासता …

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आखिर क्यों बदल रहे हैं मनोभाव और टूट रहे परिवार?

भौतिकवादी युग में एक-दूसरे की सुख-सुविधाओं की प्रतिस्पर्धा ने मन के रिश्तों को झुलसा दिया है. कच्चे से पक्के होते घरों की ऊँची दीवारों ने आपसी वार्तालाप को लुप्त कर दिया है. पत्थर होते हर आंगन में फ़ूट-कलह का नंगा नाच हो रहा है. आपसी मतभेदों ने गहरे मन भेद कर दिए है. बड़े-बुजुर्गों की अच्छी शिक्षाओं के अभाव में …

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