संपादकीय

@कविता @न बिछड़े कभी

पंछी का पंछीन बिछड़े कभीपतझड़ में भी कोई घरन उजड़े कभीहाथों की लकीरों मेंचाहे जो लिखा होधड़कने धड़कनों सेना बिछड़े कभीजिंदगी में दुख तोआते -जाते रहते हैंपर कांत की कांतन छूटे कभीपतझड़ में भीपत्ता शाख सेन टूटे कभीपंछी का पंछीन बिछड़े कभी।गरिमा राकेश गर्विताकोटा ,राजस्थान

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कविता@ ठंडी की धूप

मास है शरद ऋतु, सिहराती ठंडी हैरोम-रोम सिहरन,तन को कँपाती है।धूप है सुनहरी ये,मन को लुभाती हैठंड की है धूप,तन-मन को भाती है।धूप है सलौनी और बड़ी मस्तानी हैबाग में बहार आई लगती सुहानी है।फूल हैं खिलते अब कली मुस्काई हैठंड की धूप में रौनकता भर आई है।शीतल सुगन्ध ठंडी हवा चली आई हैतरु-तृण धरा सभी ओस से नहाई है।मोतियों …

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लेख@ दिशाहीन रूढि़वादिता और अंधविश्वास की डगर हेतु वैज्ञानिक शिक्षा ज्ञान का नवीन स्वरूप

भारतीय समाज एक बहुभाषी, बहु सांस्कृतिक,बहुजातीय,बहु धार्मिक समाज है। एक नजर में इसकी प्रगाढ़ता और इसके विराट स्वरूप को समझना अत्यंत कठिन है। भारतीय समाज की गहरी और विशाल संरचना को, उसके विभिन्न आयामों को समझना हमारे लिए अत्यंत आवश्यक भी है और अनिवार्य भी। हमारा समाज एक विशिष्ट और उत्कृष्ट समाज है, जो अनेक संस्कृतियों,रीति-रिवाजों, धार्मिक विश्वासों और जीवन …

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लेख@ अपराधियों का महिमामंडन एक चिंताजनक प्रवृत्ति

जब अपराध को ग्लैमराइज़ किया जाता है, तो यह एक मिसाल क¸ायम करता है जहाँ युवा अवैध गतिविधियों को सफलता और मान्यता के मार्ग के रूप में देखते हैं, जिससे सामाजिक नैतिकता प्रभावित होती है। ऐसी फç¸ल्में जो अपराधियों को प्रसिद्धि या विलासिता प्राप्त करते हुए दिखाती हैं, युवाओं को अपराध को एक व्यवहार्य जीवन शैली के रूप में देखने …

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@कविता@चल तू लक्ष्य का संधान कर

चल तू लक्ष्य का संधान करइस समय को बर्बाद मत करये समय नहीं आएगा लौटकरअपने सपने को जरा याद करचल तू लक्ष्य का संधान कर।अपने हौसले को बुलंद करसब कुछ तुझे हासिल होगामेहनत पर जरा विश्वास करचल तू लक्ष्य का संधान कर।किस बात का है तुझको ग़ममंजिल की ओर बढ़ा कदमलक्ष्य नहीं है तुमसे ज्यादा दूरचल तू लक्ष्य का संधान …

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@कविता@सत्य बाहर निकल रहा

हम कभी दबकर रहे नहीं,बेशक हमें दमित दिखाया गया,इतिहास के झूठे पन्नों मेंहमें ही भीरु बताया गया,कुछ चालाक प्राणियों के द्वारा,झूठ पर झूठ फैलाया गया,डरपोकों को सुपर पावर बताया गया,यह सब दो प्रमुख विचारोंमानवतावादी और अमानवतावादीके बीच हुए द्वंद्व का रूप है,सत्य को छिपाने वाले उच्च व सुंदरऔर सत्य अपनाने वालों कालिखा गया चेहरा कुरूप है,हमारा हर काम चालबाजों नेजग …

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@राजस्थान विधानसभा उपचुनाव@अपना-अपना गढ़ बचाने में लगी हैं सभी पार्टियां

राजस्थान में आगामी 13 नवंबर को सात विधानसभा सीटों पर होने जा रहे उपचुनाव के लिए वोट डाले जाएंगे। सात में से पांच विधानसभा सीटों झुंझुनू,दौसा,खींवसर,देवली-उनियारा, चौरासी में वहां के विधायकों के सांसद बनने के चलते इस्तीफा देने से उपचुनाव होने जा रहे हैं। वहीं सलूंबर व रामगढ़ में विधायकों की मृत्यु होने के चलते उपचुनाव हो रहे हैं। हालांकि …

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लेख@अपराधियों को बचाने में अधिकारियों की संलिप्तता

इन दिनों हम देखते है कि देश भर में उच्च पदों पर बैठे कुछ अफसरों के भ्रष्टाचार और यौन अपराधों में ख़ुद के शामिल होने और अपराधियों को बचाने में उनकी सलिंप्तता के मामले बढ़ढ़ते जा रहे हैं जो देश और समाज के लिए सही संकेत नहीं हैं। आखिर कौन-सी वजह हैं कि उच्च पद आसीन व्यक्तित्व (सभी नहीं) इन …

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लेख @ ट्रम्प की जीत के भारत के लिए मायने

अमेरिका एक तरह से भारत की तरह है, जो इस सदी की शुरुआत में नई दिशा की तलाश में था, चीजों को हिलाने और एक नया रास्ता बनाने के लिए दो आम चुनाव,एक नीरस दशक और नरेंद्र मोदी के उग्र आगमन की जरूरत पड़ी। व्यवसायी ट्रम्प के लिए,खातों को संतुलित करना और व्यापार घाटे को कम करना एक स्वाभाविक कार्य …

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@कविता @ चाइना बर मोह

चाइना के हमर देश मा भरमार होगे।चार दिन के चंदैनी ले प्यार होगे।।मैं जनम-जनम के साथ देवइया।आज मोर बर अलग विचार होगे।।देख दशा जीव कलपत हावय।मिहनत छोड़ मनखे सुखियार होगे।।का मोहनी डारिस ये चाइना?झट ले सब येकर शिकार होगे।।दुनिया भर मा उजास करइया।मोर जिनगी कतका अंधियार होगे।दीया जस संग देवइया कोनो नहीं।मोर बिन आज कइसे तुँहर तिहार होगे?प्रिया देवांगन प्रियुराजिम,गरियाबंद,छत्तीसगढ़

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