माँ मानव सृष्टि की जननी,पिता परिवार के संरक्षक,वट-वृक्ष।बुजुर्ग दंपत्ति परिवार की संपत्ति।भारत देश के संदर्भ में मां शब्द बड़ा ही वृहद और विराट है। पूरी सृष्टि इसमें समाहित होती है। मां ,धरती, जननी, धरा ,माते इतना पवित्र शब्द है कि संताने उनका ऋण कभी नहीं चुका सकती हैं इसी तरह परिवार में पिता भी एक वट वृक्ष की तरह होता …
Read More »संपादकीय
लेख आपका काव्य लेखन आपके लिये आपका आत्म सम्मान
आज मन के भीतर चल से स्वयं के अंतर्द्वंद्व कि आवाज़ को बहुत ही कान लगा कर सुन रही थी। पहले कुछ समझ नहीं आया कि क्यों मेरा मन, भाव, जज़्बात के बीच अंतर्द्वंद्व छिड़ा हुआ है? तब यकायक मुझे दिमाग के चिल्लाने की आवाज़ आई, आवाज़ कुछ कर्कश, क्रोध से भरी हुई थी। आखिर ऐसा क्या हो गया कि …
Read More »लेख@ आखिर प्रवासी श्रमिकों की दुर्दशा का कारण क्या है?
आंकड़ों के अनुसार, जो लोग आजीविका की तलाश में स्थानीय और क्षेत्रीय सीमाओं के पार जाते हैं, उन्हें अपने मेजबान समाज में स्थायी रूप से बाहरी समझे जाने का अपमान सहना पड़ता है। श्रमिकों को अक्सर टेलीविजन स्क्रीन पर दुखद घटनाओं के पात्र के रूप में दिखाया जाता है, जिससे उनके योगदान और उन्हें प्राप्त मान्यता के बीच का अंतर …
Read More »@14 जनवरी मकर संक्रान्ति पर विशेष@आस्था और विश्वास का संगम है गंगासागर
भारत में सबसे पवित्र गंगा नदी गंगोत्री से निकल कर पश्चिम बंगाल में सागर से मिलती है। गंगा का जहां सागर से मिलन होता है उस स्थान को गंगासागर के नाम से जाना जाता है। इस स्थान को सागरद्वीप के नाम से भी जाना जाता है। गंगासागर सिर्फ¸ एक तीर्थस्थल नहीं है। यह भावना, संस्कृति, आस्था और विश्वास का संगम …
Read More »लेख@ जीवंत रीति-रिवाजों और परंपराओं से सजा मकर संक्रांति का उत्सव
हिंदू महाकाव्य महाभारत में मकर संक्रांति से जुड़े माघ मेले का उल्लेख है। हर बारह वर्ष बाद मकर संक्रांति पर कुंभ मेला आयोजित होता है, जो विश्व के सबसे बड़े सामूहिक तीर्थस्थलों में से एक है, जिसमें लाखों लोग आते हैं। संक्रांति को एक ऐसे देवता के रूप में पूजा जाता है, जिन्होंने, किंवदंतियों के अनुसार, राक्षस शंकरसुर को पराजित …
Read More »लेख@ छत्तीसगढ़ के लोक परब दान के प्रतीक छेरछेरा
Oplus_131072 छत्तीसगढ़ के पावन भुइँया,जेखर महिमा अपरंपार हे।एकर कतको बखान करे जाय कम ही हे।जब भुइँया के बात आथे,त ए माटी के सुरता हमन ल बरबस ही धान के रिगबिग-रिगबिग छटके लहलहात फसल के बाली ह, डोली ह, अउ खेती-खारी ह झलक जाथे।छत्तीसगढ़-माटी के इही पहचान आय,इही ह तो चिन्हारी आय।तभे तो कहे जाथे-“छत्तीसगढ़ के पावन माटीजेकर महिमा हे अबड़ …
Read More »लेख@ फिर संकट में हरियाणा की सुकन्या समृद्धि
घटती बेटियां: कोख में ही छीन रहें साँसेंहरियाणा में 2024 में लिंगानुपात आठ साल के सबसे निचले स्तर पर पहुँच गया है। हरियाणा में जन्म के समय लिंगानुपात 2024 में गिरकर 910 हो गया है, जो 2016 के बाद सबसे कम है, जब यह अनुपात 900 था। राज्य ने कभी भी डब्ल्यूएचओ द्वारा अनुशंसितआदर्श लिंगानुपात 950 को हासिल नहीं किया …
Read More »@राष्ट्रीय युवा दिवस पर विशेष @बालकों से पहले अभिभावक समझें संस्कारों की अहमियत
आज के आधुनिक दुनिया की वास्तविकता है कि दुर्भाग्य से अभिभावकों का व्यवहार ही बच्चों को नकारात्मकता की ओर धकेल रहा हैं। बच्चों में चिड़चिड़ापन, जिद, अनुचित व्यवहार के साथ शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं तो लगातार बढ़ ही रही हैं, जन्म के समय बच्चों का अपर्याप्त विकास, कुपोषण, विकलांगता जैसी समस्याएं भी बढ़ रही हैं। आधुनिकता के नाम पर …
Read More »लेख@ वीर सावरकर:कॉलेज के नाम पर विवाद क्यों?
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल में दिल्ली यूनिवर्सिटी में महान स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर वीर सावरकर के नाम पर नए कॉलेज की आधारशिला रखी। इसी के साथ सावरकर के नाम पर राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस ने सावरकर के नाम पर विरोध जताना शुरू कर दिया है। कांग्रेस इस कॉलेज का नाम पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नाम पर …
Read More »लेख@ वैश्विक स्तर पर मान-सम्मान दिलाती है हिन्दी
आधुनिकता की ओर तेजी से अग्रसर कुछ भारतीय ही आज भले ही अंग्रेजी बोलने में अपनी आन, बान और शान समझते हों किन्तु सच यही है कि हिन्दी ऐसी भाषा है, जो प्रत्येक भारतवासी को वैश्विक स्तर पर मान-सम्मान दिलाती है। सही मायनों में विश्व की प्राचीन, समृद्ध एवं सरल भाषा है भारत की राजभाषा हिन्दी, जो न केवल भारत …
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