हमारा जीवन कई जटिलताओं से भरा हुआ है। खासकर इस बात का एहसास हमें तब होता है जब हम अपनी जरूरतों और उद्देश्यों को पुरा करने की जद्दोजहद में लगे होते है। अमूमन अपने युवावस्था में हम इस सत्य से अवगत होते हैं। बचपन में अक्सर हम बड़े होकर क्या बनना चाहते हैं, इस सवाल पर मन चाहे जवाब देते …
Read More »संपादकीय
लेख@ अकेले पड़ते बुजुर्गों की बढ़ती मुश्किलें
बुजुर्ग आबादी को न केवल आर्थिक असुरक्षा बल्कि सामाजिक अलगाव का भी समाधान चाहिए।भारत में पहले से कहीं ज़्यादा बुज़ुर्ग लोग हैं। उनमें से ज़्यादातर के पास सामाजिक सुरक्षा बहुत कम है और वे स्वास्थ्य सेवा का ख़र्च नहीं उठा सकते। जबकि सरकार उन्हें देखभाल प्रदान करने के लिए तैयार नहीं दिखती। इन चुनौतियों का सामना करने के लिए शारीरिक …
Read More »लेख@ परिवर्तन प्रकृति का आधारभूत सिद्धांत
@ समय-समय पर नवीन मूल्य की स्थापना एक शाश्वत सत्य…@ सत्य की शक्ति मानव को असीमित शक्ति अतुल्य बल प्रदान करती है…यह बात स्वामी विवेकानंद जी ने कही है। यह सच बात है कि मानव सभ्यता का सतत विकास उसकी अदम्य जिज्ञासा, उत्कट उत्साह, जिजीविषा, निरंतर उन्नति की भूख और आशावादिता का प्रतिफल है। सभ्यता और संस्कृति की सुविधा के …
Read More »लेख@ गैस चैंबर बना दिल्ली का वातावरण और ग्लोबल वार्मिंग से प्रभावित विश्व
gas chemberDownload वातावरण का हमारी सेहत पर प्रभाव होना संभाविक है। मनुष्य जिस तरह के वातावरण में सांस लेता है वह उसकी सेहत को मानसिक,शारीरिक और आत्मिक रूप से पूर्णतया प्रभावित करता है। पिछले कई सालों से दिल्ली का वातावरण चिंता का विषय बना हुआ है। आज वर्तमान समय में दिल्ली एक गैस चैंबर के रूप में परिवर्तित हो चुकी …
Read More »लेख@ युवा भारतीय महिलाओं की उभरती आकांक्षाएँ
@ पारंपरिक सामाजिक संरचनाओं और मानदंडों को चुनौती देती महिलाएं…उच्च शिक्षा और कौशल विकास में लड़कियों की अब लड़कों के बराबर शैक्षिक उपलब्धि है, जिसमें 50 प्रतिशत से अधिक युवा महिलाएँ कक्षा 12 पूरी कर रही हैं और 26 प्रतिशत कॉलेज की डिग्री प्राप्त कर रही हैं। युवा महिलाएँ विभिन्न कैरियर पथों और डिजिटल कौशल प्लेटफ़ॉर्म तक पहुँच से प्रभावित …
Read More »लेख@ मंगल ग्रह पर माइक्रोबियल जीवन बर्फ के पानी में जीव विकास की संभावना
आज भी वैज्ञानिकों में मंगल ग्रह का आकर्षण कम नहीं हुआ है। वैज्ञानिकों, कवियों, स्वप्नदृष्टाओं और कहानीकारों की कल्पनाओं का मंगल ग्रह, जिस लाल ग्रह के रूप में जाना जाता है, वह सदियों से प्रेरणा देता आया है। हम ने कभी मंगलवासियों के बौद्धिक विकास की बात की है तो कभी मंगल की सुनसान भूमि की धूल के तूफानों की …
Read More »@विश्व बाल दिवस पर विशेष आलेख@
सौभाग्य की बात है कि बाल साहित्य का सृजन आजकल बहुत ही होने लगा है पर अफसोस यह है कि बालकों तक यह साहित्य पहुंच पाता है या नही । बाल साहित्य आजकल सभी भाषाओं में लिखा जाने लगा है साथ ही बाल साहित्य की आवशयकता को भी अंगीकार किया जाने लगा है। बाल मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि बालकों …
Read More »लेख@ बुलडोजर न्याय:प्रशासनिक दक्षता और संवैधानिक अधिकारों के बीच टकराव
हाल ही में, सर्वोच्च न्यायालय ने संविधान के अनुच्छेद 142 के अंतर्गत संपत्ति के विध्वंस के लिए दिशा-निर्देश स्थापित किए, जिसमें व्यक्तिगत नोटिस जारी करना और अपील के लिए पर्याप्त समय प्रदान करना अनिवार्य किया गया। न्यायालय ने बुलडोजर न्याय के मुद्दे पर प्रकाश डाला, तथा अपने हालिया निर्णय में इसे कानून के शासन के अंतर्गत अस्वीकार्य माना। संपत्ति और …
Read More »लेख@ प्रस्तावित परिसीमन से भारत के संघीय ढांचे को खतरा
परिसीमन उच्च-विकास वाले राज्यों की ओर शक्ति को झुका सकता है,जिससे उच्च कुल प्रजनन दर वाले उत्तरी राज्यों को संघीय मामलों में अधिक नियंत्रण मिल सकता है…बिहार और यूपी को अतिरिक्त सीटें मिल सकती हैं,जिससे सभी राज्यों को प्रभावित करने वाली केंद्रीय नीतियों पर उनका प्रभाव बढ़ सकता है।भारत में परिसीमन अभ्यास, जिसकी देखरेख राष्ट्रपति द्वारा चुनाव आयोग के परामर्श …
Read More »लेख@ हिन्दू हृदय सम्राट-बाला साहेब ठाकरे
बाला साहेब ठाकरे ने 17 नवंबर 2012 को 86 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कहा था। बाला साहब की छवी एक कट्टर हिंदू नेता के तौर पर रही। बाला साहब बाहर से आकर मुंबई में बसने वाले लोगों के खिलाफ थे। ठाकरे साहेब की छवि हमेशा कट्टर हिंदू राष्ट्रवादी नेता की रही हैं। बाला साहेब ने अपना …
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