संपादकीय

ज्ञान बटोरिए पर उससे पहले थोड़ा टटोलिए!

लंबे समय से टेलीविजन पर ऐसा कोई विज्ञापन नहीं आया था, जिसकी चर्चा हो या जिसके मुहावरे लोगों की जुबान पर चढ़ जाएं। कुछ विज्ञापनों का धार्मिक व सांस्कृतिक कारणों से विरोध जरूर हुआ लेकिन कोई विज्ञापन ऐसा नहीं आया था, जो समाज की किसी भी हकीकत पर उंगली रखता हो। यह सूखा दूर हुआ है ‘कौन बनेगा करोड़पति’ के …

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 संपादकीय@आखिर कब बंद होगा देश अवैध कारोबार का गोरख धंधा, क्या अवैध कारोबारियों के बल पर ही टिकी हैं सरकारें?

हरियाणा में डीएसपी पर चढ़ाया गया डम्फर, प्रदेश में भी होता है अवैध कारोबार।अवैध उत्खनन माफियाओं को मिलता है राजनीतिक एवम प्रशासनिक संरक्षण।क्या कभी बंद भी हो सकेगा यह संरक्षण मिलने का सिलसिला या मरते रहेंगे शासकीय कर्मचारी।बात पुलिस की आई तो एनकाउंटर भी तत्काल हुआ, आम व्यक्ति की बात होती आरोपी अज्ञात ही होता।आखिर क्यों पुलिस पर हमले के …

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इस्तीफा है या रिश्तों की दरार?

टीएस के इस्तीफे में जो वजह है वह सरकार को कठघरे में खड़ा करती है?इस्तीफा टीएस ने दिया पर तकलीफ विधायकों को क्यों? क्या विधायकों का कद टीएस से बड़ा या मुख्यमंत्री से छोटा?क्या मुख्यमंत्री के करीबी बनने के लिए विधायकों ने टीएस के प्रति छेड़ा मुहिम या वास्तव में चाहते हैं पार्टी हित?तकलीफ सहते रहो तो सब ठीक तकलीफ …

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केसीआर की मोदी को ललकार!

तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव ने रविवार को गजब बात कही। प्रेस कांफ्रेंस करके इंदिरा गांधी के आपातकाल का हवाला देते हुए कहा कि वे हिम्मतवान थी जो घोषणा करके इमरजेंसी लगाईं, जबकि आज नरेंद्र मोदी ने तानाशाही बना रखी है और अघोषित आपातकाल है। उन्होंने आगे कहा कि भारत के इतिहास में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसा कमजोर प्रधानमंत्री कभी …

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कोई संस्कृति गलत नहीं होती देखने का नजरिया गलत होता है”

हम कई बार पाश्चात्य संस्कृति और सभ्यता के बारे में लोगों को कहते हुए सुनते की अमरीका के लोग स्वच्छंद है, लड़कियाँ कम कपड़े पहनती है, दारु पीती है, सिगरेट पीती है, वहाँ पारिवारिक रिश्ते अच्छे नहीं होते, लिव इन रिलेशनशिप, तलाक और अबॉर्शन बगैरह बहुत सारे मुद्दों पर गलतियाँ निकालते पश्चिमी कल्चर को कोसते है।इस पर कोई टिप्पणी करने …

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कितने सच है अफसरों पर जवानों की आत्महत्या के आरोप?

आखिर क्यों दुश्मन की छाती चीरने वाले बन जाते है अपनी ही जान के दुश्मनसुरक्षाबलों के प्रशिक्षण के दौरान उन्हें तनाव से निपटने के तरीके बताने चाहिए व म्यूजिक थेरेपी, योग, ध्यान, प्राणायाम जैसे उपायों को पुरजोर अपनाना चाहिए। पुलिस तथा अर्धसैनिक बलों के अधिकारियों कि यह जिम्मेवारी बने कि वे कर्मचारियों की समस्याएं सुने तथा उन्हें सुलझाने का प्रयास …

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क्यों वेतनभोगियों को दुधारू गाय की तरह कर के लिए बार-बार दूध दुही जाती है?

वेतन पाने वाले आय का उच्चतम प्रतिशत करों में देते हैं, बदले में कम मिलता है और उनके कर का रुपया वोटों के लिए उपयोग किया जाता है। भारत में सामाजिक समानता का मतलब है कि मुंबई में हर महीने 6,000 रुपये कमाने वाले एक क्लर्क को आयकर का भुगतान करना होगा, लेकिन पंजाब के गुरदासपुर में एक स्ट्रॉबेरी किसान …

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सत्य और नैतिकता केवल किताबों में,जीवन से वाष्पित होते सत्य

महात्मा गांधीजी की किताब (माय एक्सपेरिमेंट विथ ट्रुथ) मेरे सत्य के साथ प्रयोग,आज वास्तविक जीवन से दूर बहुत दूर होते देखे गए हैं। सत्य और अहिंसा सही मायनों में सामाजिक जीवन से ही वाष्पित हो गए हैं। सच्चाई जीवन के हर पहलू से परे हो गई है। आज हम स्वयं दिग्भ्रमित हैं तो आने वाली पीढ़ी को हम क्या नैतिक, …

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जन संख्या नियंत्रण कानून जल्दी से लागू हो”

प्रतिवर्ष 10 जुलाई जनसंख्या नियंत्रण दिवस पर सबको याद आता है कि देश में बढ़ रही जन संख्या की वजह से दिन ब दिन महंगाई और बेरोजगारी बढ़ती जा रही है। उसी तरह इस साल भी आजकल जन संख्या नियंत्रण कानून का मुद्दा देश में गर्माया हुआ है। क्यूँकि जनसंख्या के मामले में भारत 1.35 अरब की आबादी के साथ …

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पढ़ाई के लिए हॉस्टल सही या घर

प्राचीन काल में बच्चों को गुरूकुलों में शिक्षा दी जाती थी ताकि विद्यार्थी घर के उन्मुक्त वातावरण एवं समस्त आकर्षणों से दूर रहे और एकान्त में एकाग्रचित होकर पढ़ाई कर सकें। आज के युग में इस प्रकार के गुरूकुल तो सम्भव नहीं पर हॉस्टलों की व्यवस्था जरूर है। पर कहाँ गुरुकुल का शिस्त सभर वातावरण और कहाँ आजकल की होस्टलें।आज …

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