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नई दिल्ली@दूरसंचार विधेयक पर संसद की मुहर

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नई दिल्ली,21 दिसंबर२०२३(ए)। राज्यसभा ने आज दूरसंचार विधेयक 2023 को विपक्ष की गैर मौजूदगी में ध्वनिमत से आज पारित कर दिया जिसमें टेलीकॉम क्षेत्र में न सिर्फ व्यापक पैमाने पर सुधार के प्रावधान किए गए बल्कि उपभोक्ताओं के हितों और अधिकारों के सुरक्षा के साथ ही फर्जी कागजात पर सिम लेकर उससे धोखाधड़ी करने वालों पर शिकंजा कसने की व्यवस्था की गई है। लोकसभा ने इस विधेयक को कल पारित किया था। इस तरह से आज इस पर संसद की मुहर लग गई।संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्यसभा में इस विधेयक पर हुई चर्चा का जबाव देते हुए कहा कि उपनिवेश काल के कानूनों को समाप्त कर यह नया विधेयक बनाया गया है। पिछले साढे नौ वर्षों में यह क्षेत्र घोटालों से उबर कर उभरता हुआ क्षेत्र बन गया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में देश में 6.25 लाख टॉवर थे जो अभी बढ़कर 25.5 लाख हो गये हैं। इसके साथ ही ब्रांडबैंड इंटरनेट ग्राहकों की संख्या भी 1.5 करोड़ से बढ़कर 85 करोड़ हो गयाी है। 14 महीने से भी कम समय में देश में 5 जी के 4 लाख से अधिक टॉवर लगाये गये हैं। उन्होंने कहा कि गलत कागजात देकर फर्जी सिम का उपयोग करने वालों को 3 वर्ष की सजा और 50 लाख रुपये का जुर्माने का प्रावधान किया गया है। मोबाइल फोन को क्लोन करके अपराध करने वालों पर भी कठोर कार्रवाई का प्रावधान किया गया है। इसके साथ शिकायत निवारण की व्यवस्था की गयी है। इसके अतिरिक्त टॉवर लगाने के लिए सुगम व्यवस्था की गयी है। इसमें कॉमन डक्ट बनाने की बात की गयी है जिसका सभी दूरसंचार सुविधाओं के लिए उपयोग किया जा सकेगा।

दूरसंचार विधेयक 2023 पर संक्षिप्त जानकारी

1. उपयोगकर्ता सुरक्षा पर प्रमुख ध्यान डू नॉट डिस्टर्ब रजिस्टर से अनचाहे व्यावसायिक ;स्पैमद्ध संदेश और कॉल से उपयोगकर्ताओं को सुरक्षा के लिए कानूनी सुरक्षादिया जाएगा । उपयोगकर्ताओं की शिकायतों के समाधान के लिए ऑनलाइन शिकायत निवारण तंत्र तथा किसी और के पहचान प्रमाण का उपयोग करके सिम प्राप्त करना भी धोखाधड़ी व दंडनीयहोगा । 2. वे टू राइट रिफ़फ ार्म राज्य सरकार के नेतृत्व वाली विवाद समाधान संरचना बनाई गई है। जिसमें जिलाधिकारी एवंजिला न्यायाधीश रास्ते के अधिकार संबंधी मुद्दों का निर्णय करेंगे। बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में सामान्य नलिकाएं स्थापित करने का प्रावधानकर दूरसंचार नेटवर्क की स्थापना की जाएगी । यदि सार्वजनिक संपत्ति है तो समयबद्ध तरीके से अनुमति दी जाएगीएवं यदि निजी संपत्ति है तो मालिक और उस व्यक्ति जो टेलीकॉम नेटवर्क स्थापित करना चाहता है के बीच आपसी समझौता किया जाएगा ।

3. लाइसेंस सुधार वर्तमान में लगभग 100 विभिन्न प्रकार के लाइसेंस हैं। लाइसेंस के अलावा अन्य निर्माण जैसे पंजीकरणए अनुमति और प्राधिकरण हैं । इसमें 3 पहलुओं के लिए प्राधिकरण की एक सरल संरचना में बदलाव किया गया है। दूरसंचार सेवाएँ प्रदान करनाए दूरसंचार का संचालन और विस्तार नेटवर्क और रेडियो उपकरण रखना । इससे ओटीटी को बाहर रखा गया तथा इसमें दस्तावेज़ीकरण वर्तमान में सैकड़ों पृष्ठों से घटकर कम हो जाएगा।

4. स्पेक्ट्रम सुधार 1885 के अधिनियम में स्पेक्ट्रम का कोई उल्लेख नहीं है। इसमें स्पेक्ट्रम की परिभाषा स्पष्ट रूप से विधेयक में उल्लेख किया गया है।स्पेक्ट्रम आवंटन के लिए नीलामी को पसंदीदा माध्यम बनाया जाएगा । दीर्घकालिक योजना को सक्षम करने के लिए राष्ट्रीय आवृत्ति आवंटन योजना लागू की जाएगी ।

5. डिजिटल डिजाइन द्वारा चतुर्थ स्तरीय विवाद समाधान ढांचा स्वैच्छिक उपक्रमरू नियुक्तियों और दूरसंचार सेवा नेटवर्क को सक्षम बनानाप्रदाताओं को स्वेच्छा से कमियों का खुलासा करना होगा और अनजाने में हुई गलतियों को सुधारना होगा तथा न्याय निर्णयन अधिकारी और नामित अपील समिति के रूप में कार्य करनाशर्तों के उल्लंघन से संबंधित मामलों पर निर्णय लेने के लिए डिजिटल कार्यालय नियुक्तियों और दूरसंचार सेवा नेटवर्क प्रदाताओं द्वारा शर्तें लागू की जाएगी ।

6. मानकों साइबर सुरक्षा और दूरसंचार नेटवर्क की सुरक्षा के लिए कानूनी ढांचा

7 डिजिटल भारत निधि

८ नवाचार और प्रौद्योगिकी विकास

९ नए उत्पादों और सेवाओं के परीक्षण की अनुमति देने के लिए नियामक सैंडबॉक्स का प्रावधान

१० बिल से पहले दी गई छूटए लाइसेंस अनुमति पंजीकरण आदिजारी रहेगा


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