सीएम साय के काफिले की गाडि़यों में पुलिस कैटेगरी के नंबर
रायपुर,15 दिसम्बर 2023 (ए)। प्रदेश में सरकार बदलने के साथ ही गाडि़यों के नंबर भी बदल दिए गए है। सरकार बदलते ही मुख्यमंत्री की गाडि़यों के विशिष्ट नंबर को भी बदला गया है। ये वही गाडि़यों ंहैं जिन्हें पूर्व की कांग्रेस सरकार ने खरीदा था। जिसमें पूर्व सीएम भूपेश बघेल बैठते थे। उन्होंने अपने काफिले की गाडि़यों के लिए खास नंबर चुना था।
23 अंक को पूर्व सीएम बघेल अपना लकी नंबर मानते थे. इसलिए उन्होंने काफिले की गाड़ी का नंबर यही रखवाया था। अगस्त 2023 में ही खरीदी गई चमचमाती हुई टोयोटा फॉर्च्यूनर कार का नंबर पूर्व सीएम ने सीजी 02 बीबी -0023 चुना था। लेकिन अब इसमें बदलाव कर दिया गया है। गाडि़यां तो वही हैं, लेकिन नंबर बदल दिया गया है।
वर्तमान में सीएम के काफिले की गाडि़यों में जो नंबर है वो पुलिस कैटेगरी का है। सीएम साय की गाड़ी का नंबर सीजी 03 9502 है.। जिसमें 03 का मतलब पुलिस कैटेगरी गाड़ी से है. वहीं इससे पहले गाड़ी का नंबर सीजी 02 था। जिसे अब बदल दिया गया है. इतना ही नहीं पूर्व सीएम रमन सिंह और पूर्व सीएम भूपेश बघेल के काफिले की सभी गाडि़यों के नंबर एक ही थे। जबकि अभी काफिले में शामिल गाडि़यों के नंबर अलग-अलग हैं.
वर्तमान में सीएम साय की गाड़ी का नंबर
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश के काफिले में ‘सीजी 02 ख्ख् 0023 में कई सारे रहस्य थे। जिसमें ष्टत्र मतलब छत्तीसगढ़, 02 का अर्थ सरकारी गाड़ी, बीबी का मतलब भूपेश बघेल, वहीं ’23’ का मतलब, सीएम के बर्थ डेट निकाला जा रहा था। भूपेश बघेल का जन्मदिन 23 अगस्त 1961 है। जिसमें से बर्थडे की तारीख गाड़ी के नंबर के लिए ली गई थी।
बता दें कि रमन सरकार में खरीदी गई मित्सुबिसी पजेरो को सुरक्षा कारणों से काफिले से हटा दिया गया था। पुरानी गाडि़यां करीब पांच साल चल चुकी थी। सुरक्षा के लिहाज से भी इन गाडि़यों को बदलना जरूरी हो गया था। नई गाडि़यों की खरीदी के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी बनाई गई थी। कमेटी ने कई अलग-अलग कंपनियों के कोटेशन मंगाए गए थे। कमेटी की ओर से टोयोटा फॉर्च्यूनर पसंद की गई। कमेटी के अप्रूवल के बाद काफिले के लिए 14 नई गाडि़यों खरीदी गई।
रमन सिंह में चुना था खास नंबर
इन गाडि़यों में से चार बुलेटप्रूफ बनाई गई है। नई गाडि़यां एडवांस तकनीक से लैस हैं। विशेषकर सीएम की सुरक्षा को ध्यान में रखकर इन गाडि़यों को पंजाब में विशेष रूप से कस्टमाइज कराया गया है। बताते हैं कि स्पीड मॉनिटरिंग से लेकर लाइव लोकेशन को भी ट्रैक किया जा सकता है। रमन सरकार के दौरान जब मित्सुबिसी पजेरो खरीदी गई थी, तब गाडि़यों का नंबर 0004 रखा गया था।