गरीबों के आवास को लेकर छत्तीसगढ़ की नई सरकार पूरी तरह एक्शन में आ गई है।
नगरीय प्रशासन विभाग ने इस मामले में प्रदेश के नगरीय निकायों को नोटिस जारी किया है।
रायपुर,14 दिसम्बर 2023 (ए)। गरीबों के लिए आवास बनाने की धीमी रफ्तार पर प्रदेश सरकार सख्त हो गई है। नगरीय प्रशासन विभाग ने समय सीमा में पीएम आवास का काम नहीं कर पा रहे नगरीय निकायों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों (सीएमओ) और नोडल अफसरों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री आवास योजना बड़ा सियासी मुद्दा बना हुआ है। पूर्ववर्ती सरकार में पंचायत मंत्री रहे टीएस सिंहदेव ने पीएम आवास के लिए फंड नहीं जारी करने पर विभागीय मंत्री का पद छोड़ दिया था। पीएम आवास योजना विधानसभा चुनाव में बड़ा मुद्दा बन गया था। छत्तीगसढ़ में हुई हर चुनावी जनसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य में भाजपा की सरकार बनने राज्य के 18 लाख गरीबों को पीएम आवास देने का वादा किया था। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में आज हुई राज्य कैबिनेट की पहली बैठक में प्रदेश के 18 लाख गरीबों को पीएम आवास देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इन निकायों को जारी किया गया है नोटिस नगर पालिका परिषद् जांजगीर-नैला, नगर पंचायत बलौदा, नगर पंचायत खोंगापानी, नगर पंचायत कुसमी, नगर पंचायत राजपुर, नगर पालिका परिषद् शिवपुरचरचा, नगर पंचायत सीतापुर, नगर पंचायत बस्तर, नगर पंचायत बगीचा, नगर पंचायत पखांजूर, नगर पंचायत पेण्ड्रा, नगर पंचायत पथरिया, नगर पंचायत भटगांव (सूरजपुर), नगर पालिका परिषद् तखतपुर, नगर पंचायत जरही, नगर पंचायत भानूप्रतापपुर, नगर पंचायत लैलूंगा, नगर पालिक निगम चिरमिरी, नगर पालिका परिषद्, नगर पंचायत गौरेला, नगर पंचायत कोंटा, नगर पंचायत नवागढ़ (जांजगीर-चांपा) और नगर पंचायत बारसूर।