कोरिया@मिचौंग तूफान का ऐसा असर की किसानों के लिए हुई समस्या की बारिश

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ठंड बढी,किसानों की फसल हुई खराब
बेमौसम बारिश से धान की फसल को हो रहा है भारी नुकसान,प्रशासन जल्द आंकलन कर किसानों को दे राहत: डॉ. आकाश
-रवि सिंह-

कोरिया,08 दिसम्बर 2023 (घटती-घटना)। विगत दो दिनों से बेमौसम हो रहे बारिश ने किसानों के चेहरे पर मायुसी ला दी है। खलिहान और खेतों में कटी धान की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा बे मौसम बारिश की वजह से आलू और दलहन तथा तिलहन की फसलों को भी नुकसान पहुंचा है। किसान मायूस नजर आ रहे हैं, और जिन्होंने कृषि के खातिर कर्ज ले रखा है, उन किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ देखी जा सकती हैं।
बुधवार से शुरू हुई बारिश का दौर गुरुवार देर शाम तक जारी रहा। इसके बाद शुक्रवार को भी पूरे दिन आसमान में बादल छाए रहे, जिसके कारण तापमान में भी अचानक कमी आई है। वर्तमान में लगभग 40 प्रतिशत धान की मिजाई का कार्य पूर्ण हो चुका है। परंतु बेमौसम बारिश की वजह से खेत, खलिहान में पड़े हुए धान खराब हो रहे हैं, और साथ ही उनकी मलिटी और गुणवत्ता भी प्रभावित हो रही है। आम आदमी पार्टी के कोरबा लोकसभा प्रभारी डॉ आकाश जायसवाल ने जिला प्रशासन से किसानों को तत्काल राहत देने की मांग की है। जिन किसानों की फसलों का नुकसान हुआ है, इसका आंकलन कर तत्काल मुआवजा राशि वितरण की व्यवस्था बनाने का आग्रह जिला प्रशासन से किया है।
इन कारणों से किसानों के माथे पर है चिंता की लकीरें
बेमौसम बारिश से खेत और खलिहान में पड़े धान की फसल पूरी तरह या तो भीग गई है या पानी में डूब गई है। जिसमें अंकुरण आने की पूरी संभावना है। जिससे धान की गुणवत्ता प्रभावित होगी और साथ ही आसमान में बादल छाए रहने के कारण और नमी की वजह से धान की मिजाई का कार्य भी तत्काल प्रारंभ नहीं हो सकता। और यदि धान के गुणवत्ता खराब हो गई तो सहकारी समितियों में ऐसे धान को खरीदने से इनकार किया जा सकता है। इन सब बातों ने किसानों के चेहरे मायूस कर दिए हैं। वही आलू, गेहूं और चने की फसल भी बे मौसम बारिश की वजह से प्रभावित हुई है। जिन किसानों ने समितियों से कर्ज ले रखा है, फसल के बर्बाद होने पर कर्ज पटाने की चिंता भी किसानों को खाये जा रही है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा का नहीं मिल पाता लाभ
यूं तो किसानों को राहत देने के लिए सरकारों द्वारा तरह-तरह के प्रावधान किए जाते हैं। उसी में एक प्रावधान है प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना। परंतु सामान्यतः यह देखा गया है कि आमतौर पर इस योजना का लाभ किसानों तक नहीं पहुंच पाता। और फसल बर्बाद होने की स्थिति में बीमित फसल की जो राशि किसानों तक पहुंचनी चाहिए,वह नहीं पहुंच पाती इसके लिए पूरी तरह प्रशासन जिम्मेदार होता है। क्योंकि सारे प्रकरण विभाग और प्रशासन को तैयार कर बीमा कंपनी को प्रेषित करने होते हैं। आमतौर पर विभाग और प्रशासन इसमें रुचि नहीं लेता, जिससे सीधे तौर पर नुकसान किसानों का होता है। जो किसान सहकारी समितियां एवं अन्य बैंकों से कृषि ऋण लेते हैं, स्वत ही उनका प्रधानमंत्री फसल बीमा हो जाता है और राशि काट ली जाती है। परंतु दुर्लभ से दुर्लभतम प्रकरण में यही देखा गया है की फसल के खराब होने उपरांत भी बीमित फसल की राशि किसानों तक नहीं पहुंच पाती। इसके अलावा क्षेत्र में हजारों ऐसे किसान हैं, जिन्होंने अपनी फसलों का बीमा नहीं कराया है या किसी प्रकार का कृषि ऋण नहीं लिया है, यदि प्रशासन ऐसे किसानों के नुकसान का आंकलन कर राहत नहीं पहुंचाती, तो यह किसानों पर दोहरी मार होगी। आम आदमी पार्टी के बैकुंठपुर विधानसभा प्रत्याशी रहे वर्तमान में कोरबा लोकसभा प्रभारी डॉ आकाश जायसवाल ने जिला प्रशासन से आग्रह किया है कि जिन किसानों ने फसल बीमा लिया हुआ है, उनके नुकसान का आंकलन कर तत्काल प्रकरण तैयार कर किसानों को राहत पहुंचाने की दिशा में पहल की जाए और ऐसे किसान जिनके फसलों का बीमा नहीं है, उन्हें विभाग और प्रशासनिक स्तर पर राहत पहुंचाने हेतु मुआवजा प्रकरण तैयार किया जाना चाहिए। क्योंकि प्रदेश की अर्थव्यवस्था, कृषि और कृषकों के कंधे पर टिकी है। यदि कृषि और कृषकों के कंधे झुक गए और विभाग तथा प्रशासन से उन्हें उचित सहयोग नहीं मिला तो इसका सीधा प्रभाव अर्थव्यवस्था पर देखने को मिलेगा।

बेमौसम बारिश से धान की फसल को हो रहा है भारी नुकसान,प्रशासन जल्द आंकलन कर किसानों को दे राहत: डॉ. आकाश


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