रायपुर@छत्तीसगढ़ सीबीएसई का बड़ा फैसला

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रायपुर,
04 दिसम्बर 2023 (ए)। सीबीएसई अब से छात्रों की श्रेणी का जिक्र अंकसूची में नहीं करेगा। अर्थात छात्रों को प्रदान किए जाने वाले फ र्स्ट, सेकेंड और थर्ड डिवीजन का उल्लेख अंकसूची में नहीं होगा।
इसके साथ ही छात्रों को मिलने वाली विशेष योग्यता, कुल प्रतिशत तथा सीजीपीए भी अंकसूची में प्रदर्शित नहीं की जाएगी। अंकसूची में केवल इस बात का जिक्र रहेगा कि छात्र को किस विषय में कितने अंक मिले हैं। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा यह फैसला इसलिए लिया गया है, ताकि छात्रों पर बनने वाला अनावश्यक दबाव खत्म हो सके तथा वे चिंतामुक्त होकर पढ़ाई कर सकें।
प्रतिस्पर्धा मुक्त अध्ययन प्रणाली लागू करने यह व्यवस्था की जा रही है। अंकसूची में छात्रों द्वारा प्राप्त प्रतिशत का उल्लेख पिछले शैक्षणिक सत्र से ही किया जाना बंद कर दिया गया। वर्तमान शैक्षणिक सत्र से सर्कुलर जारी करते हुए इसे आधिकारिक रूप से बंद कर दिया गया है। सर्कुलर जारी करते हुए सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक सान्याम भारद्वाज ने कहा, कुल मिलाकर कोई श्रेणी, विशेष योग्यता या कुल प्राप्तांक नहीं दिए जाएंगे। यदि किसी अभ्यर्थी ने पांच से अधिक विषयों में परीक्षा दी है तो उसे प्रवेश देने वाला संस्थान या नियोक्ता, उसके लिए सर्वश्रेष्ठ पांच विषयों पर विचार करने का फैसला कर सकता है।
यदि सीबीएसई छात्र द्वारा किसी शैक्षणिक संस्थान में पढ़ाई के लिए अथवा किसी कंपनी में नौकरी के लिए आवेदन किया जाता है तो छात्रों को मिले प्रतिशत की गणना शैक्षणिक संस्थानों अथवा कंपनी को खुद ही करनी होगी। सीबीएसई की बोर्ड परीक्षाओं के अंतर्गत छात्र पांच विषयों में परीक्षाएं दिलाते हैं। छात्र एक अतिरिक्त विषय का भी चुनाव कर सकते हैं। प्रतिशत निकालते वक्त सीबीएसई 6 में से उन 5 विषयों का चयन करता था, जिसमें छात्र को सर्वाधिक अंक मिले होते थे। अब ऐसा नहीं होगा। प्रतिशत निकालने शैक्षणिक संस्था अथवा नियोक्ता कंपनी अपनी आवश्यकतानुसार अथवा छात्रों द्वारा दिए गए आवेदन के अनुसार यह तय कर सकेगी कि किन पांच विषयों का चुनाव प्रतिशत निकालने के लिए किया जाना है।
सीबीएसई द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर मेरिट लिस्ट जारी की जाती रही है। इसके अलावा राज्य स्तर पर भी प्रावीण्य सूची जारी होती है। स्कूल भी कक्षा स्तर पर प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों की घोषणा करते रहे हैं। नए सर्कुलर के बाद इसमें भी पूर्णतः प्रतिबंध लग जाएगा। अर्थात शाला स्तर पर भी प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों की घोषणा नहीं की जाएगी। सीबीएसई संबंद्ध सभी स्कूलों को ‘को इसका पालन करना होगा। ऐसा ना किए जाने पर स्कूलों की मान्यता समाप्त की जा सकेगी। किसी विषय में छात्र द्वारा 75 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए जाने पर उस विषय में विशेष योग्यता अर्थात डिस्टिंक्शन प्रदान किया जाता रहा है। अब यह भी प्रतिबंधित है।


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