चिरमिरी@सालों से बंद पड़ी अंजनहिल,बरतुंगा हिल और कटकोना 3/4 खदान फिर शुरू होने की सुगबुगाहट…फिर लौटेगी रौनक…कॉलरी में लगाएंगे कारखाना

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-रवि सिंह-
चिरमिरी/बैकुण्ठपुर,02 दिसंबर 2023 (घटती-घटना)। लंबे समय से बंद कोयला खदानों से उत्पादन शुरू करने के लिए एसईसीएल ने प्रयास शुरू कर दिए हैं। चिरमिरी व बैकुण्ठपुर क्षेत्र के बंद खदानों के शुरू होने से कोयला उत्पादन बढ़ेगा और क्षेत्र से हो रहे पलायन की समस्या पर विराम भी लगेगा। वहीं रोजगार के नए मार्ग प्रशस्त होंगे। अंजनहिल, बरतुंगा हिल व कटकोना 3/4 खदान को लेकर रिटेंडर प्रक्रिया में है। खासबात यह है कि वर्ल्ड बैंक ने चिरमिरी की दो बंद खदानों को उद्योग स्थापना के लिए चयनित किया है। बता दें कि एसईसीएल के सीएमडी डॉ. पीएस मिश्रा ने चिरमिरी क्षेत्र के दौरे में कहा था कि क्षेत्र से 10 मिलियन टन कोयला उत्पादन संभव है। इसके बाद प्रबंधन ने कोयला उत्पादन बढ़ाने के लिए पुरानी खदानों को फिर से शुरू करने के लिए नई संभावनाओं की तलाश में प्रयास शुरू कर दिया था। वित्तीय वर्ष 2022-23 में एसईसीएल चिरमिरी क्षेत्र का कोयला उत्पादन 2.5 मिलियन टन था। आगामी वर्ष में 3.5 मिलियन टन उत्पादन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए कंपनी प्रबंधन द्वारा प्रयास किया जा रहा है। एसईसीएल के महाप्रबंधक नवनीत श्रीवास्तव ने बताया कि क्षेत्र के विकास की दिशा में खदानों के विस्तारीकरण का कार्य जारी है। कंपनी का लक्ष्य है कि चिरमिरी के खदानों का विस्तार कर उत्पादन बढ़ाया जाए। जिसके तहत अंजनहिल, बरतुंगा हिल खदान का विस्तारीकरण के लिए रिटेंडर प्रक्रिया में है। दोनों बंद खदानें एमडीओ (माइंस डेवलपमेंट और ऑपरेशन) मोड में रेवेन्यू समरी के आधार पर टेंडर की गई है। इसमें कोयले का उत्पादन करने वाली संस्था ही कोयले का विक्रय भी करेगी। इससे होने वाले लाभ का तय हिस्सा एसईसीएल को प्रदान करेगी।
एक साल पहले एसईसीएल सीएमडी डा. प्रेम सागर मिश्रा का हुआ था बैकुंठपुर एरिया का दौरा
ज्ञात हुआ कि एसईसीएल सीएमडी डा. प्रेम सागर मिश्रा ने बैकुंठपुर एरिया में दस्तक दी। निरीक्षण की शुरुआत चरचा आरओ वेस्ट माइन से की जहां उन्होंने माइन प्लान को देखा तथा उत्पादकता अभिवृद्धि से सम्बंधित बिंदुओं पर चर्चा की। इसके बाद चरचा ईस्ट पहुंचकर कटघोरी शाफ़्ट को देखा तथा उपयोगी टिप्स दिए। चरचा सीएचपी के निरीक्षण के दौरान ई एंड एम की टीम को निर्देश देते हुए डॉ मिश्रा ने कहा कि वे मशीनरी और व्यवस्था को और प्रभावी बनाने के लिए योजना बनाएं। कटकोना 3/4 एरिया की बंद खदान है। सीएमडी डॉ मिश्रा ने माइन प्लान व प्रोजेक्ट रिपोर्ट के ज़रिए उपलब्ध रिज़र्व, खदान की दिशा, तकनीक आदि का अध्ययन किया तथा इसे पुनः चालू करने के लिए समयबद्ध तरीकें से कार्य योजना बनाकर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। कटोरा सादडिंग में स्टॉक संचय की व्यवस्था का अवलोकन करते हुए उन्होंने मानसून की तैयारी पूरी कर लेने को कहा जिससे कि यहां जल जमाव ना हो। इसके बाद सीएमडी व उनकी टीम झिलमिली माईन पहुंची। यहां माइन प्लान, बेल्ट स्ट्रख्र का निरीक्षण किया गया। पाण्डवपारा यूजी में माइन प्लान देखते हुए उन्होंने वर्किंग डिस्टेंस को कम करने का सुझाव दिया। स्ट्राटा व वर्किंग के विषय में माइन टीम से जानकारी ली। पूरे विजि़ट के दौरान उनका ज़ोर व्यवस्थागत सुधार पर था तथा इसके लिए उन्होंने सभी के सुझावों को बड़े ध्यान से सुना। खदानों का दौरा करने के पूर्व बैकुंठपुर एरिया पहुंचने पर सीएमडी डॉ मिश्रा ने क्षेत्र के कोर टीम के साथ बैठक की। खदानों के निरीक्षण के उपरांत वे एरिया जेसीसी सदस्यों से मिले तथा देर शाम वित्त विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। चलू वित्तीय वर्ष में बैकुंठपुर क्षेत्र को 2.5 मिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य मिला हुआ है।
खदानों की विस्तारीकरण प्रक्रिया शुरू
चिरमिरी क्षेत्र अंतर्गत खुली खदान रानी अटारी विजय वेस्ट, चिरमिरी एनसीपीएच व न्यू कुरासिया भूमिगत खदानों के विस्तारीकरण की प्रक्रिया के लिए भी क्षेत्रीय प्रबंधन द्वारा प्रयास जारी है। परिणाम जल्द ही देखने को मिलेगा। एसईसीएल के इस प्रयास से क्षेत्र से पलायन व स्थायित्व की समस्या कुछ समय के लिए हल होगा। रिटेंडर प्रक्रिया में, खदानों में उत्पादन बढ़ने से पलायन की समस्या पर लगेगा विराम, एनसीपीएच ओल्ड खदान के लिए टेंडर एसईसीएल प्रबंधन ने क्षेत्र के विकास के लिए बंद पड़े एनसीपीएच खदान को भी एमडीओ के तहत टेंडर करने का प्रस्ताव क्षेत्रीय स्तर पर तैयार किया है। इसे एक नए अध्याय के रूप में देखा जा रहा है। क्षेत्र में कोयला खदानों के विस्तारीकरण के साथ ही उत्पादन बढ़ेगा इससे क्षेत्र का विकास होगा।
बंद खदानों को त्वरित परिवर्तन योजना के तहत चयनित किया है
महाप्रबंधक नवनीत श्रीवास्तव ने बताया कि चिरमिरी क्षेत्र की खदानों का विस्तारीकरण एसईसीएल सीएमडी के मार्गदर्शन अनुसार किया जा रहा है। वर्ल्ड बैंक ने वेस्ट चिरमिरी कॉलरी और एनसीसी (नार्थ चिरमिरी कॉलरी) के बंद खदानों को त्वरित परिवर्तन योजना के तहत चयनित किया है। इसका भी कार्य शुरू हो गया है। वर्ल्ड सर्वे बैंक द्वारा बंद खदानों में उद्योग स्थापित किया जाएगा। इससे खदानों के बंद होने के बाद होने वाले पलायन को रोका जा सके।
2025 तक उत्पादन होना है शुरू
बीएन झा महाप्रबंधक बैकुंठपुर इस संबंध में बताया कि काम जारी है 1/2 व 3/4 को जोड़ा कर आरो होगा जिसके लिए टेंडर हो चुका है और 4 सीएम मशीन आनी है 2 साल के अंदर इस काम को पूरा करना है 2025 में उत्पादन शुरू होने की तिथि निर्धारित की गई है यदि यह शुरू हो जाता है तो प्रति दिन 5500 टन कोयला उत्पादन किया जाएगा, साल में 17 लाख 40 हजार टन कोयला उत्पादन होगा।


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