सूरजपुर@अधिकारियों की उदासीन रवैया से जिले में दम तोड़ रही है स्वच्छ भारत मिशन अभियान

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  • गांवों में कचरो का अंबार,नहीं हो रही है कचरों का कलेक्शन
  • सामुदायिक शौचालय बना शोपीस,कचरा कलेक्शन का रिक्शा हो रहा है कबाड़
  • अधिकारी काट रहे हैं चांदी,गांवों में नहीं हो रही है मॉनिटरिंग
  • ओंकार पाण्डेय-
    सूरजपुर,27 नवम्बर 2023 (घटती-घटना)। स्वच्छ भारत मिशन की योजनाओं को जिले के अधिकारियों ने यहाँ सिर्फ अपनी कमाई का जरिया बना रखा है।स्वच्छता को लेकर चलाए जा रहे अभियान कही धरातल पर दिख नहीं रहा जिससे इस योजना का लाभ लोगों को मिल सके। ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालय निर्माण में भारी धांधली की शिकायत पूर्व से ही होती रही मगर किसी ने ध्यान नहीं दिया नतीजा अभी भी कई गांव में शौचालय जर्जर अवस्था में देखने को मिल जाएगा इसका उपयोग लोग नहीं करते यह सिर्फ सरकारी आंकड़ों के लिए है। सामुदायिक शौचालय का भी बुरा हाल है सरकार के पैसे से सामुदायिक शौचालय तो बना मगर इसकी भी उपयोगिता नहीं हो रही है पानी की भी व्यवस्था नहीं है,इसके लिए गांव में कोई जागरूकता अभियान भी नही चल रहा है। कचरा प्रबंधन के लिए जिले के किसी गांवों में डोर टू डोर कचरा कलेक्शन नही किया जा रहा है जिससे गांव को स्वच्छ बनाया जा सके।अधिकारियों की उदासीन रवैया के कारण भारत सरकार की यह महती योजना जिले में दम तोड़ रही है जिसकी जांच कर लापरवाह लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए।
    जिले की पंचायतों को ओडीएफ घोषित कर तो दिया गया है। दूसरी ओर ग्राम पंचायतों में डोर टू डोर कचरा कलेक्शन करने के लिए खरीदे गए रिक्शे बिना उपयोग कबाड़ होने लगी हैं। रिक्शे का टायर ट्यूब व चक्के गायब होने लगे हैं। पंचायतों को मिली रिक्शों का उपयोग डोर-टू- डोर कचरा कलेक्शन करने के लिए नहीं हो रहा है। जिससे महिला समूहों को भी लाभ नहीं मिल पा रहा है। पंचायतों को स्वच्छ बनाने के लिए नई नई योजनाएं बन रही है, लेकिन प्रशासनिक उदासीनता व लापरवाही की वजह से कुछ योजनाएं धरातल पर पहुंचे बगैर ही यहाँ दम तोड़ रही है। ग्राम पंचायतों में कचरा प्रबंधन के लिए मनरेगा के तहत सेग्रिगेशन शेड का निर्माण कराया गया है, अब यह सेग्रिगेशन शेड भी बदहाल होने को है। टीन शेड क्षतिग्रस्त होकर गिरने लगे हैं। ऐसे में सेग्रिगेशन शेड ग्रामीणों के लिए मात्र शो पीस बनकर रह गए हैं। ग्राम पंचायतों में लाखो रुपए खर्च करने के बाद भी अधिकांश गांव स्वच्छ सुंदर गांव की ओर बढ़ते हुए नहीं दिख रहे हैं। ग्राम पंचायत में सोकता का निर्माण भी ढंग से नहीं होने से हैंडपंपों के आस पास पानी का जमावड़ा व गंदगी का आलम देखा जा सकता है जिससे गांवों में बीमारियां भी पनप रही है यही कारण है कि चिकित्सालय में मरीजों की भीड़ बनी हुई है। पंचायत को स्वच्छ सुंदर बनाने का सपना स्वच्छ भारत मिशन के तहत देखा गया था मगर जिले के उदासीन और लापरवाह अधिकारियों की वजह से यह योजना दम तोड़ रही है।अधिकारी गांव में भ्रमण कर स्वच्छ भारत मिशन के कामों की मॉनिटरिंग तक नहीं करते।बताते हैं कि अधिकारी सिर्फ कागजों की खाना पूर्ति कर कार्यालय में ही चांदी काट रहे हैं।मिशन के तहत जिले में हुए कार्यों की ईमानदारी से जांच हो जाए तो घोटालों का बड़ा आंकड़ा सामने आ सकता है और पाक साफ बनने वाले कई अधिकारी नप सकते हैं।
    समूह की महिलाओं को रोजगार से होना पड़ रहा है वंचित
    समूह की महिलाओं को रोजगार से जोड़कर गांव से इकट्ठा किए गए कचरे को डंप कर जैविक खाद बनाई जानी थी, लेकिन यह योजना जिले में फेल नजर आ रही है। इसके चलते समूह की महिलाएं रोजगार से वंचित हो रहा है। जनप्रतिनिधियों ने बताया कि प्रशासन की लापरवाही से सरकार की महत्वपूर्ण योजना दम तोड़ रही है। महिला समूहों को आवंटित होने वाली रिक्शे जंग खा रही है। वहीं कचरा डंप के लिए बनाए गए यार्ड की खिड़की, दरवाजे तक नहीं बचे हैं। भवन जर्जर हो रहे हैं। और स्वच्छ भारत मिशन के अधिकारी मॉनिटरिंग करने के बजाय पंचायत से सेटिंग में लगे हुए हैं
    ग्रामीणों को सेग्रिगेशन
    शेड का लाभ नहीं

    गांव को स्वच्छ सुंदर बनाने के लिए जिले के पंचायतों में सेग्रिगेशन शेड निर्माण किया गया है.जहां कचरा संग्रहित किया जाना है और गीले व सूखे कचरे को अलग कर जैविक खाद बनाने की प्रकिया किया जाना था। मगर कचरा कलेक्शन नहीं होने से यह योजना छप्पर पड़ गई है सिर्फ कागजों में ही चल रहा है इस ओर ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत व जिला पंचायत प्रशासन के जिम्मेदारों को ध्यान देने की जरूरत है ताकि ग्राम पंचायत स्वच्छ सुंदर गांव बन सके।
    कचरा कलेक्शन का रिक्शा जिला पंचायत की बनी शोभा
    जिले की पंचायतों में डोर टू डोर कचरा कलेक्शन करने रिक्शे खरीदी गई थी, जिसका उपयोग नहीं होने से कोठार बाड़ी में पड़े पड़े खराब हो रहे हैं पंचायतो मे जर्जर रिक्शा जहां तहां पड़े नजर आ ही जाएंगे मगर सबसे बड़ा दुर्भाग्य तो यह है कि अधिकारियों की लापरवाही की वजह से कुछ नए रिक्शे जिला पंचायत में रखे रखे जर्जर हो रहे हैं और अधिकारी इसे जिला पंचायत की शोभा समझकर मजे काट रहे हैं।
    इस संबंध में स्वच्छ भारत मिशन के सलाहकार संजय सिंह से जब चर्चा किया गया तो उन्होंने कहा कि आपके माध्यम से मुझे जानकारी मिला है मैं अपने वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा कर इसमें कार्रवाई के लिए पहल करूँगा एवं संबंधित जनपद पंचायत के अधिकारी को भी निर्देशित किया जाएगा।

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