नई दिल्ली@गजवा-ए-हिंद साजिश के पीछे पाकिस्तान का हाथ

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चार राज्यों में मारे गए छापे में एनआइए्र को मिले अहम सबूत
गजवा-ए-हिंद साजिश के पीछे पाकिस्तान का हाथ
चार राज्यों में मारे गए छापे में एनआइए को मिले अहम सबूत
पटना के फुलवारीशरीफ में पिछले साल जुलाई में आतंकी माड्यूल का हुआ था पर्दाफाश


नई दिल्ली,26 नवम्बर 2023 (ए)।
भारत में गजवा-ए-हिंद साजिश के पीछे पाकिस्तान का हाथ है। रविवार को उत्तर प्रदेश के आजमगढ़, मध्य प्रदेश के देवास, गुजरात के गिर सोमनाथ और केरल के कोझिकोड जिले में मारे गए छापे में एनआइए को इसके अहम सबूत मिले हैं।


फुलवारी शरीफ में मिले साजिश से जुड़े अहम दस्तावेज


जुलाई 2022 को पटना के फुलवारी शरीफ में मारे गए छापे में भारत को 2047 तक इस्लामिक देश बनाने की साजिश से जुड़े अहम दस्तावेज मिले थे। इसके साथ ही गिरफ्तार मरघूब अहमद दानिश के मोबाइल से गजवा-ए-हिंद के नाम से व्हाट्सएप ग्रूप भी सक्रिय मिला था। एनआइए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि असल में इस ग्रूप को एक पाकिस्तानी ने तैयार किया था।
एनआइए ने रविवार को मारे गए छापे में मोबाइल फोन, सिम और अन्य दस्तावेज बरामद किया है। इनमें भारत में कट्टर इस्लाम को बढ़ावा देने और गजवा-ए-हिंद के पीछे पाकिस्तानी हैंडलर्स का हाथ होने के अहम सबूत मिले हैं।


पाकिस्तानी साजिश
की गहन जांच शुरू


वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नए सबूतों के आधार पर फुलवारी शरीफ में दर्ज गजवा-ए-हिंद केस की जांच का दायरा बढ़ गया है और इसके पीछे पाकिस्तानी साजिश की गहन जांच शुरू कर दी गई है। अभी तक इसके पीछे सिर्फ पीएफआइ की साजिश की आशंका जताई जा रही थी।
एनआइए के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि गजवा-ए-हिंद का व्हाट्सएप ग्रूप पाकिस्तानी हैंडलर्स ने तैयार किया था और मरघूब अहमद दानिश उर्फ ताहिर मरघूब को एडमिन बना दिया था। भारत में दानिश ने इसमें कई युवाओं को जोड़ा, जहां उन्हें गजवा-ए-हिंद के लिए प्रेरित किया जाता था।
व्हाट्सएप के अलावा गजवा-ए-हिंद के नाम का यह ग्रुप टेलीग्राम और बीआइपी मैसेंजर भी सक्रिय था। इस ग्रुप का उद्देश्य आतंकी हमलों के लिए बड़ी संख्या में स्लीपर सेल तैयार करना था। भारत के अलावा इस ग्रूप में पाकिस्तान, बांग्लादेश और यमन के लोगों को भी शामिल किया था।
इसके अलावा दानिश बीडी गजवा-ए-हिंद बीडी नाम का अलग से व्हाट्सएप ग्रूप भी चलाता था, जिसमें बांग्लादेशी नागरिकों को सदस्य बनाया गया था। इन ग्रुपों में भले दानिश लोगों को शामिल करता था, लेकिन उनका संचालन प्रमुख रूप से पाकिस्तान से किया जाता था। जुलाई 2022 में जांच अपने हाथ में लेने के बाद एनआइए को दानिश के खिलाफ इस साल जनवरी में आतंकरोधी धाराओं के तहत चार्जशीट दाखिल कर चुकी है।


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