– भाजपा के खिलाफ लगती है खबर तो पत्रकारों को क्यों मारने पीटने की धमकी देता है मीडिया प्रभारी?
– एमसीबी के निवासी पत्रकार को कोरिया का मीडिया प्रभारी बनाना आखिर जिलाध्यक्ष की कैसी मजबूरी?
– जिस प्रकार जिलाध्यक्ष देते हैं नेताओ को पीठ पीछे गाली क्या उसी प्रकार मीडिया प्रभारी भी देता हैं पत्रकारों को गाली?
– जिलाध्यक्ष ने बिगाड़ी संगठन की चाल,मीडिया प्रभारी बना चर्चा का विषय।
– एमसीबी के निवासी को कोरिया में बनाया गया भाजपा का मीडिया प्रतिनिधि,आखिर क्यों पार्टी की किरिकिरी करा रहे भाजपा जिलाध्यक्ष?
– क्या भाजपा मीडिया प्रतिनिधि नही रहता रात के 8 बजे के बाद होश में?
– क्या जिलाध्यक्ष के माध्यम से वह है भाजपा जैसी अनुशासित पार्टी का बन बैठा है मीडिया प्रतिनिधि…पार्टी को ही पहुंचा रहा नुकसान?
– प्रेस विज्ञप्ति में सिर्फ जिलाध्यक्ष को देता है महत्व क्या इसलिए जिलाध्यक्ष ने सिर पर है बैठाया उसे?
– जब छपती इनके कमियों की खबर तो जिलाध्यक्ष कार्यालय में बैठकर करते हैं मीडिया प्रतिनिधि के साथ प्लानिंग-सूत्र
– मीडिया प्रतिनिधि का रवैया सही नही इसलिए भाजपा की प्रेस कांफ्रेंस में नही जाते अधिकतम पत्रकार।
– जिलाध्यक्ष समर्थक कुछ भी करें मिलेगा समर्थन,नही होगी कार्यवाही,लेकिन दूसरे नेताओं के समर्थक के लिए मौका तलाशते हैं जिलाध्यक्ष।
-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 25 नवम्बर 2022 (घटती-घटना)। भाजपा एक अनुशासित पार्टी मानी जाती है जिसमें अनुशासन का बहुत बड़ा महत्व होता है, पर यदि ऐसी पार्टी में अनुशासनहीन व्यक्तियों को महत्वपूर्ण पद दे दिया जाए तो कहीं ना कहीं पार्टी की ही अनुशासन पर सवाल उठना लाजिमी है, भाजपा जिलाध्यक्ष को लेकर पार्टी में खुद पदाधिकारी भी एक मत नहीं है पर उसके बाद एक और पदाधिकारी भाजपा संगठन के लिए खतरा साबित होने लगे हैं और वह है भाजपा का मीडिया प्रतिनिधि जिसकी नियुक्ति जिलाध्यक्ष के द्वारा की गई है जिलाध्यक्ष ने जिस व्यक्ति को मीडिया प्रभारी के जिम्मेदारी दी है, मीडिया प्रभारी का पद काफी संवेदनशील होता है और अपने पार्टी के लिए अच्छे समाचारों को प्रसारित करने का माध्यम होता है उसे पदाधिकारी के कंधे पर यह बड़ी जिम्मेदारी होती है यदि जिसके कंधे पर भाजपा की छवि को निखारने का जिम्मा हो यदि वही पार्टी के लिए गलत गतिविधियों में शामिल हो तो फिर ऐसे पदाधिकारी का क्या काम है? कोरिया के भाजपा मीडिया प्रतिनिधि को लेकर भी विरोध दिखने लगा है जिन्हें प्रभारी बनाया गया है वह भी नवीन जिले से स्थान दिया गया है अब सवाल यह उठता है कि क्या भाजपा के जिलाध्यक्ष के लिए उनके ही विधानसभा या उनके जिले में कोई योग व्यक्ति नहीं था जिसे यह पद दिया जा सके? पार्टी के अंदर अनुशासन पूरी तरीके से ध्वस्त हो रहा है पर इस पर किसी की नजर नहीं जा रही, जिस व्यक्ति को मीडिया प्रभारी का जिम्मा दिया गया है वह खुद भी इतने संवेदनशील व्यक्ति नहीं है जो पार्टी हित में काम कर सके, पार्टी के लिए काम करते नजर नहीं आ रहे हैं, मीडिया प्रतिनिधि की छवि इतनी धूमिल हो चुकी है और खासकर सोशल मीडिया में बिना सर पांव के लिखने वाले शब्दों को लेकर, रात को ही यह सोशल मीडिया में कुछ भी लिखते हैं इसके बाद उनकी कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगता है पूरे जिले को इस बात की जानकारी है कि भाजपा के मीडिया प्रतिनिधि रात के 8:00 बजे के बाद बहक जाते हैं और किसी के लिए भी कुछ भी लिखने लगते हैं जो अपराध की श्रेणी में आता है पर इसके बावजूद भी पुलिस उसे पर कार्यवाही नहीं कर पाती।
ज्ञात होकी एमसीबी के निवासी को को भाजपा कोरिया का मिडिया प्रतिनिधि बनाया गया है, मिडिया प्रतिनिधि भी ऐसे की वह भाजपा की ही किरकिरी लगातार करा रहे हैं वह भी अनुशासित कही जाने वाली भाजपा की। भाजपा का जिला मीडिया प्रतिनिधि एमसीबी के व्यक्ति को नियुक्त करने के पीछे हांथ भाजपा जिलाध्यक्ष का है यह भी बात सामने आ रही है क्योंकि वह अकेले उन्ही के खास हैं। मिडिया प्रतिनिधि भी ऐसे की वह रात आठ बजे के बाद सोशल मीडिया में सक्रिय होते हैं उसके बाद वह शब्द मर्यादाएं तार तार करते हैं और फिर उनके सामने सभी नतमस्तक हो जाते हैं क्योंकि वह जो कुछ लिखते हैं वह गजब की लेखनी होती है जिसमें महिलाओं का अपमान किसी महिला की मर्यादा को तार तार करना शामिल होता है। कुल मिलाकर रात आठ बजे के बाद वह इतने उत्साहित हो जाते हैं की फिर वह बैकुंठपुर शहर के पुराने घड़ी चौक को लाल चौक बनाने से भी पीछे नहीं हटते और वह सोशल मिडिया पर धमकियां देने से भी बाज नही आते, भाजपा खुद को अनुशासित पार्टी बताती चली आ रही है ऐसे में ऐसे मिडिया प्रतिनिधि उसके ही चरित्र को तार तार क्यों कर रहे हैं यह बड़ा प्रश्न है। वैसे कोरिया भाजपा के जिस मिडिया प्रतिनिधि की बात की जा रही है वह जिलाध्यक्ष के खास हैं, यह सारी बात हम नहीं कह रहे हैं पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय है कई बार तो आए कुछ संगठन के पदाधिकारी से भी पत्रकारों ने इस बारे में सवाल पूछ चुका है पर कहीं ना कहीं जिलाध्यक्ष उनकी पैरवी करते नजर आते हैं, उसकी वजह सिर्फ यह है कि मीडिया प्रतिनिधि सारे लोगों को छोड़ सिर्फ जिलाध्यक्ष को ही महत्व देते हैं यहां तक विधानसभा चुनाव में जहां प्रत्याशी भाजपा की तरफ से चुनाव लड़ रहा था उनके लिए प्रचार अच्छे तरीके से होना चाहिए था पर उनके प्रचार के साथ-साथ जिलाध्यक्ष का भी प्रचार हो रहा था ऐसा लग रहा था कि चुनाव भाजपा का प्रत्याशी नहीं जिलाध्यक्ष लड़ रहे हैं, जबकि बाकी विधानसभाओं और बाकी जिलाओं की बात की जाए तो बीजेपी कांग्रेस सभी मिलकर कई जिलाध्यक्ष होंगे जो संगठन का काम करते हुए अपने प्रत्याशी को जीत दिलाने के लिए काम कर रहे थे पर वह सभी अपने प्रत्याशी के प्रचार प्रसार में लगे हुए थे ना कि अपना खुद का प्रचार प्रसार कर रहे थे पर एक इकलौता बैकुंठपुर विधानसभा व कोरिया जिला ही था जहां पर प्रत्याशी के प्रचार के साथ-साथ जिलाध्यक्ष का भी प्रचार हो रहा था और यह प्रचार का माध्यम सिर्फ मीडिया प्रतिनिधि बने हुए थे। जिस कमी को प्रकाशित करने के बाद मीडिया प्रतिनिधि को यह बात बिल्कुल भी पसंद नहीं आई और आपत्तिजनक टिप्पणियों पर वह आ गए और आपत्तिजनक टिप्पणी भी ऐसी जो देखने वाले भी खुद शर्मसार हो गए पर भाजपा की मीडिया प्रतिनिधि को शर्म नहीं आई।