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रायपुर@छत्तीसगढ़ पुलिस के हाथ झीरम की जांच

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नक्सली अटैक में 30 से ज्यादा कांग्रेस नेता मारे गए थे, छत्तीसगढ़ पुलिस करेगी झीरम हमले की जांच, नक्सली अटैक में 30 से ज्यादा कांग्रेस नेता मारे गए थे


रायपुर,21 नवम्बर 2023 (ए)।
लंबे समय से प्रदेश सरकार छत्तीसगढ़ पुलिस से मामले की जांच करवाने की मांग कर रही थी। आखिरकार सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई जिसमें एनआईए की अपील को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। अब झीरम घाटी नक्सली हमले की जांच अब छत्तीसगढ़ पुलिस करेगी।
मामले में कांग्रेस के पक्षकर वकील सुदीप्त श्रीवास्तव ने ये जानकारी दी है। 25 मई साल 2013, यह वह तारीख है जिसे छत्तीसगढ़ में कांग्रेस अपने इतिहास का काला दिन मानती है। बस्तर के झीरम घाटी में माओवादियों ने कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर हमला किया था। इस हमले में महेंद्र कर्मा, नंद कुमार पटेल, विद्याचरण शुक्ल, जैसे कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं की हत्या हो गई थी। कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा सुकमा से दरभा होते हुए जगदलपुर जा रही थी। सामने नंदकुमार पटेल, फिर कवासी लखमा का काफिला था।इनके बाद महेंद्र कर्मा का काफिला आ रहा था। झीरम घाटी पहुंचते ही जंगल से गाडç¸यों पर अंधाधुंध गोलियां बरसनी शुरू हो गई थी। लोग संभल पाते तब तक कई लाशें बिछ चुकी थीं। बता दें कांग्रेस ने बीजेपी शासनकाल में हुए इस कांड को राजनीतिक हत्याकांड और साजिश बताया था।


झीरम कांड मामले में भूपेश बघेल ने किया ट्वीट,
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कहा,अब सब साफ हो जाएगा


झीरम मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एनआईए की अपील खारिज कर दी है। अब छत्तीसगढ़ पुलिस झीरम कांड की जांच कर सकेगी। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार एनआईए की जांच से संतुष्ट नहीं थी। इसके बाद झीरम हमले में मारे गए नेताओं के परिजनों की शिकायत पर छत्तीसगढ़ पुलिस ने नए सिरे से जांच शुरू कर दी थी। इसके बाद जांच पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी। भूपेश बघेल ने एक्स पर लिखा, झीरम कांड पर माननीय सुप्रीम कोर्ट का आज का फ़ैसला छत्तीसगढ़ के लिए न्याय का दरवाज़ा खोलने जैसा है। झीरम कांड दुनिया के लोकतंत्र का सबसे बड़ा राजनीतिक हत्याकांड था। इसमें हमने दिग्गज कांग्रेस नेताओं सहित 32 लोगों को खोया था। कहने को एनआईए ने इसकी जांच की, एक आयोग ने भी जांच की लेकिन इसके पीछे के वृहत राजनीतिक षडयंत्र की जांच किसी ने नहीं की। छत्तीसगढ़ पुलिस ने जांच शुरु की तो एनआईए ने इसे रोकने के लिए अदालत का दरवाज़ा खटखटाया था। आज रास्ता साफ़ हो गया है। अब छत्तीसगढ़ पुलिस इसकी जांच करेगी। किसने किसके साथ मिलकर क्या षडयंत्र रचा था। सब साफ़ हो जाएगा। झीरम के शहीदों को एक बार फिर श्रद्धांजलि।


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