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बैकुण्ठपुर@क्या मुख्यमंत्री का चेहरा व घोषणा ही बचा सकता है बैकुंठपुर विधानसभा को हर से?

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  • बैकुंठपुर विधानसभा कांग्रेस प्रत्याशी पसंद नहीं पर मुख्यमंत्री का संभाग बनाने का घोषणा क्या आ सकता लोगों को पसंद।
  • कोरिया के छोटा होने के बाद अब कुछ बड़ा होने की उम्मीद…अब संभाग की उम्मीद!
  • तीनों सीट पर मिलेगी जीत तब बनेगा संभाग घोषणा के साथ-साथ शर्त भी।

-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 14  नवम्बर 2023 (घटती-घटना)। कोरिया जिले को संभाग बनाने की घोषणा बैकुंठपुर पहुंचे प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कर दी। संभाग बनाने की घोषणा करते हुए उन्होंने यह शर्त भी रख दी की कोरिया जिला संभाग तभी बनेगा जब अविभाजित कोरिया जिले की तीनों विधानसभा में कांग्रेस पार्टी जीत दर्ज करेगी। मुख्यमंत्री की सशर्त घोषणा के बाद यह भी तय हो गया की मुख्यमंत्री ने भी मान लिया की बैकुंठपुर विधानसभा सहित विभाजित कोरिया जिले की तीनों विधानसभाओं में कांग्रेस प्रत्याशियों की जीत आसान नजर नहीं आ रही है जिसके कारण उन्हे बड़ी घोषणाएं करने की जरूरत पड़ रही है और वह घोषणा करके प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित करने में लगे हुए हैं। बैकुंठपुर विधानसभा में यह लगातार देखा जा रहा है की विधानसभा में कांग्रेस का विरोध कम प्रत्याशी जो वर्तमान विधायक भी हैं उनका विरोध ज्यादा है और उसे मुख्यमंत्री भी भांप गए और उन्होंने संभाग बनाने की घोषणा करके यहां से प्रत्याशी की जीत तय कराने की एक कोशिश की है। वैसे जन चर्चाओं के अनुसार यदि माने तो संभाग बनाने की घोषणा का जो असर देखने को मिलना था वह मिला नहीं,क्योंकि अभी तक पुरानी घोषणाओं और पुराने कई लागू की जा चुकी घोषणाओं को ही सरकार में रहते हुए सत्ताधारी दल बेहतर लागू नहीं कर सकी और उसके बाद फिर नई घोषणा जो लोगों को सोचने पर मजबूर कर रही है की आखिर चुनाव जीतने के लिए कुछ भी घोषणा करते रहेंगे राजनीतिक दल जबकि पुरानी घोषणाओं को ही वह अमली जामा नहीं पहना पाए।
कोरिया जिला संभाग बनेगा यह देखा जाए तो बड़ी घोषणा है लेकिन कोरिया जिले के कौन कौन से जिले शामिल होंगे यह भी बताकर जाना था मुख्यमंत्री को यह लोगों के बीच चर्चा है, क्या दो ही जिलों का संभाग बनेगा कोरिया जिला? क्योंकि कोरबा जिला कोरिया को संभाग के रूप में स्वीकार नहीं करेगा क्योंकि उसके लिए बिलासपुर ही बेहतर है वहीं पेंड्रा मरवाही गौरेला जिला भी कोरिया जिले को संभाग के रूप में स्वीकार नहीं कर पाएगा उनको भी बिलासपुर ही बेहतर संभाग के रूप में लगेगा वहीं सूरजपुर जिला मुख्यालय क्षेत्र भले ही कोरिया जिले को संभाग के रूप में स्वीकार कर ले लेकिन सूरजपुर जिले का प्रतापपुर क्षेत्र निश्चित रूप से संभाग के रूप में सरगुजा को पसंद करेगा यही सत्य माना जायेगा। कुल मिलाकर मुख्यमंत्री की संभाग बनाए जाने की घोषणा प्रभावी हो सकेगी इसमें संशय अभी से माना जा रहा है।

जिले को 24 वर्षों में भी पूरा कार्यालय प्राप्त नहीं हो
कोरिया जिले का विभाजन हुआ आज तक कोरिया जिले में शामिल पोड़ी बचरा क्षेत्र किस जिले में शामिल है तय नहीं हो पाया शिक्षा स्वास्थ्य और पुलिस जिला क्षेत्र के लिए एमसीबी है राजस्व जिला कोरिया है वहीं कोरिया जिला 1998 में कांग्रेस सरकार ने ही बनाया था लेकिन जिले को 24 वर्षों में पूरे कार्यालय प्राप्त नहीं हो सके थे जो आज भी अप्राप्त हैं। कई नई तहसील बनाई गईं लेकिन वहां न तो भवन है न ही नकल शाखा आज भी नकल के लिए पुरानी तहसीलों में जाना मजबूरी है लोगों की वहीं मुख्यमंत्री ने चिरमिरी खड़गवां का क्या भविष्य होगा यह भी बताना छोड़ दिया और हेलीकॉप्टर से उड़ गए। कुल मिलाकर माना जा रहा है की विभाजित कोरिया जिले के तीनों प्रत्याशियों की जीत उनके चेहरे पर संभव नहीं नजर आ रही है इसलिए संभाग का पांसा फेंका है मुख्यमंत्री ने और अब वह घोषणा के दम पर तीनो सीट जितना चाहते हैं। सबसे खराब स्थिति व्यक्तिगत तौर पर बैकुंठपुर की कांग्रेस प्रत्याशी की मानी जा रही है जिनका विरोध व्यक्तिगत है और उनको कम समर्थन मिलता नजर आ रहा है इसलिए संभाग का दांव खेला गया है यह माना जा रहा है।

संभाग की घोषणा करके मुख्यमंत्री हवाई यात्रा पर निकल गए लेकिन कई सवाल छोड़ गए?
वैसे संभाग की घोषणा करके मुख्यमंत्री तो हवाई यात्रा पर निकल गए लेकिन कई सवाल छोड़ गए आगे क्या भविष्य होगा जिले का पहले उन्हे यह बताना था जो वह नहीं बता सके। 32 ग्राम पंचायत किस जिले में शामिल होंगे यह भी वह नहीं बता पाए वहीं संभाग का मुख्यालय कहां होगा यह भी उन्होंने बताना उचित नहीं समझा जो लोगों के लिए एक प्रश्न बनकर रह गया है। वैसे कुछ लोगों ने घोषणा को चुनावी बताया है और उनका कहना है की प्रत्याशियों की हार भांपकर मुख्यमंत्री जी कुछ भी घोषणा करने तैयार हैं वह ग्राम पंचायतों को भी जिला बनाने की घोषणा कर सकते हैं यह लोगों की प्रतिक्रिया आ रही है,कुछ ने तो कोरिया जिले को राजधानी बनाएंगे मुख्यमंत्री यह भी प्रतिक्रिया दी है,देखा जाए तो संभाग बनाने की घोषणा को लोग एक जुमला बता रहे हैं और उनका मानना है की प्रत्याशी संभाग की घोषणा के नाम पर जीत दर्ज करना चाहती हैं क्षेत्र में वह पिछले कार्यकाल में भी नहीं रहती थीं आगे भी नहीं रहेंगी उन्हे केवल अपनी जीत से मतलब है वह भी अपने ही पार्टी के लोगों की मदद के बिना इसलिए वह घोषणा कराकर चुनाव जितने के प्रयास में लगी हुई हैं।
बैकुंठपुर कांग्रेस प्रत्याशी की स्थिति चुनाव में सबसे ज्यादा कमजोर,इसलिए संभाग बनाने का दांव खेला मुख्यमंत्री ने
जैसा की पहले से माना जा रहा था की बैकुंठपुर की कांग्रेस प्रत्याशी के लिए कोई एक बड़ा स्टार प्रचारक विधानसभा में आएगा और वह मुख्यमंत्री ही होंगे यह भी तय माना जा रहा था वह भी वह कोई एक बड़ी घोषणा करेंगे यह भी तय था इसके पीछे का कारण यह माना जा रहा था की कांग्रेस प्रत्याशी काफी पीछे हैं रुझानों में और वह पार्टी के ही कार्यकर्ताओं का विश्वास नहीं हासिल कर पा रही हैं वहीं जनता के बीच उनका विरोध जरूरत से ज्यादा है जो पार्टी का विरोध कम उनका व्यक्तिगत विरोध है। ऐसे में उनकी जीत किसी बड़ी घोषणा के सहारे ही हो सकती है यह पहले से माना जा रहा था जो मुख्यमंत्री करें यह उनकी तैयारी थी जो हुआ भी और संभाग की घोषणा कर दी गई। संभाग बनाने की घोषणा कितनी सही साबित होगी यह भविष्य में कांग्रेस की यदि सरकार बनती है तभी समझ में आएगा फिलहाल केवल यही कहा जा सकता है की बैकुंठपुर कांग्रेस प्रत्याशी को किसी तरह चुनाव जिताया जाए और उसके लिए कोई भी घोषणा करनी हो की जाए।
विभाजित कोरिया जिले की तीनो विधानसभाओं के लिए मुख्यमंत्री ने खेला एक साथ दांव,संभाग की घोषणा से तीन सीटों को साधने का प्रयास
मुख्यमंत्री ने कोरिया जिले को संभाग बनाने की घोषणा करके एक साथ तीन विधानसभा सीटों के लिए दांव खेला है। तीन विधानसभाओं में उनके प्रत्याशियों को काफी संघर्ष करना पड़ रहा है विपक्षी प्रत्याशियों से और जैसी सूचना मिल रही है कहीं भी किसकी जीत होगी मामला एकतरफा नजर नहीं आ रहा है इसलिए भी संभाग बनाने की घोषणा मुख्यमंत्री ने की है। मुख्यमंत्री की यह घोषणा एक तीर तीन निसाने वाली तीर थी ऐसा माना जा रहा है।
शर्त रखकर मुख्यमंत्री ने संशय छोड़ना भी जरूरी समझा
मुख्यमंत्री ने कोरिया जिले को संभाग बनाने की घोषणा करते समय एक संशय भी छोड़ना उचित समझा उन्होंने स्पष्ट रूप से नहीं कहा की कोरिया जिला संभाग का दर्जा प्राप्त करेगा ही,उन्होंने घोषणा के साथ एक बात बड़ी जोर देकर कही की विभाजित कोरिया जिले की तीनों विधानसभा यदि जीतती है कांग्रेस तो कोरिया जिला संभाग बनाया जायेगा। अब यदि ऐसा नहीं होता है तो क्या कोरिया जिला संभाग नहीं बनाया जायेगा यह संशय लोगों के मन में छोड़ गए मुख्यमंत्री।
चिरमिरी खड़गवां के भविष्य के लिए कोई घोषणा नहीं कर गए मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने एक दिन में विभाजित कोरिया जिले की तीनों विधानसभाओं को साधने का प्रयास किया वहीं उन्होंने इस दौरान चिरमिरी और खड़गवां को लेकर कोई वादा या घोषणा नहीं की जिससे इन जगहों के लिए सरकार बनने की स्थिति में क्या योजनाएं होगी यह स्पष्ट नहीं बता पाए मुख्यमंत्री। पोड़ी बचरा क्षेत्र किस जिले में सम्पूर्ण रूप से शामिल होगा यह भी वह नहीं बता पाए। कुल मिलाकर अपने शहर के पलायन को रोकने की सोच के साथ चिरमिरी वासियों को लेकर कोई घोषणा न होना उनके लिए निराशाजनक रहा।
भीड़ के लिए की गई भोजन व्यवस्था में मची भगदड़,मुख्यमंत्री की सभा में जुटाई गई भीड़ भोजन व्यवस्था से नाराज होकर देर रात बिना कुछ खाए घर लौटी
मुख्यमंत्री की सभा के लिए भीड़ जुटाने में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कोई कसर नहीं छोड़ी,भीड़ देर शाम या कहें रात तक रुकी रहे इसके लिए भोजन की भी व्यवस्था है ऐसा भीड़ को बताया गया था,भीड़ के लिए भोजन स्वरूप में मांसाहारी भोजन की भी व्यवस्था थी जैसा बताया जा रहा है लेकिन भीड़ भोजन तक पहुंच नहीं पाई भोजन के समय भगदड़ मच गई जो देर रात तक मची रही जिससे आई भीड़ नाराज देखी गई। सूत्रों की माने तो देर रात अधिकांश भीड़ बिना भोजन किए घर लौट पाई वहीं कतार लगाकर भीड़ भोजन के लिए इंतजार भी करती रही लेकिन अधिकांश का नंबर नहीं आया। कुल मिलाकर भीड़ के लिए की गई भोजन व्यवस्था भीड़ की नाराजगी का कारण बन गई और लोग व्यवस्था को कोसते हुए घर लौटे।


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