बैकुण्ठपुर@क्या कांग्रेस प्रत्याशी के लिए कुछकांग्रेसियों को खतरा मानकर दूसरे विधानसभा में नई जिम्मेदारी देकर भेजा जारहा है?

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योगेश वेदांती के बाद आशीष को भी भेजा गया बैकुंठपुर विधानसभा से बाहर।
क्या इन तीनों को माना जा रहा था बैकुंठपुर से कांग्रेस प्रत्याशी के लिए बड़ा खतरा?

-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 11 नवम्बर 2023 (घटती-घटना)। कांग्रेस पार्टी ने बैकुंठपुर विधानसभा से तीन कांग्रेस नेताओं को विधानसभा से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। तीन कांग्रेसियों में से दो खुद विधानसभा से टिकट के दावेदार थे वहीं एक अपने करीबी के लिए टिकट की मांग कर रहे थे। तीन कांग्रेसियों की बैकुंठपुर से विदाई क्या इसलिए हुई क्योंकि वह पार्टी के प्रत्याशी के लिए नुकसानदायक साबित हो सकते थे यह बड़ा सवाल है। सबसे पहले जिला पंचायत उपाध्यक्ष वेदांती तिवारी और कद्दावर कांग्रेस नेता योगेश शुक्ला को विधानसभा से बाहर भेजा गया अब एक युवा नेता को भी बाहर भेज दिया गया जिनका नाम आशीष डबरे है। कांग्रेस ने दो नेताओं को बैकुंठपुर से भरतपुर सोनहत विधानसभा की जिम्मेदारी देकर भेज दिया है वहां वह पार्टी प्रत्याशी के लिए काम करेंगे वहीं एक को मनेंद्रगढ़ विधानसभा भेजा गया है। वैसे तीन नेताओं में से एक नेता जिन्हे तीसरे नम्बर पर बैकुंठपुर से बाहर का रास्ता दिखाया गया है वह पिछले चुनाव में वर्तमान कांग्रेस प्रत्याशी वर्तमान विधायक के मुख्य प्रचारक थे और कहीं न कहीं उन्हीं के रणनीति के तहत जीत भी प्रत्याशी की उस समय सुनिश्चित हुई थी,बाद में कुछ ऐसा हुआ जिसके बाद उनकी और विधायक या यह कहें वर्तमान प्रत्याशी की आपसी दूरी बढ़ गई और स्थिति ऐसी हुई की वर्तमान विधायक की दावेदारी समाप्त करने में वह नेता लग गए जबकि वह खुद दावेदार नहीं थे वह अन्य के लिए मेहनत कर रहे थे।
उन्होंने अपने दावेदार को प्रत्याशी की दौड़ में सबसे अंतिम समय तक की सूची में शामिल भी कराए रखा लेकिन टिकट वर्तमान विधायक का ही तय हुआ और तभी से माना जा रहा था की उन्हे पार्टी विधानसभा से बाहर का रास्ता दिखाएगी जो हुआ भी। वैसे पार्टी ने जिन तीन कांग्रेस नेताओं को विधानसभा से बाहर भेजा है वह बिना प्रत्याशी के सहमती के बाहर नहीं भेजे जाते और निश्चित रूप से प्रत्याशी की ही शिकायत पर उन्हे बाहर भेजा गया है ऐसा सभी मानकर चल रहे हैं वहीं यह तीनो अपना अच्छा खासा जनाधार बैकुंठपुर विधानसभा में अलग अलग रखते हैं इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता। कुल मिलाकर तीन नेताओं के बाहर जाने के बाद माना जा रहा है की कांग्रेस की मुश्किल आसान होने की बजाए बढ़ेगी क्योंकि इन तीन नेताओं के समर्थक कहीं न कहीं नाराज हुए हैं और वह भी विपरीत जाकर काम करने की सोचेंगे कांग्रेस प्रत्याशी के ऐसा माना जा रहा है। जिला पंचायत उपाध्यक्ष वेदांती तिवारी का अपने क्षेत्र सहित पूरे विधानसभा में अच्छा जनाधार है, कद्दावर नेता योगेश शुक्ला भी पूरे विधानसभा में हर वर्ग में अपना जनाधार रखते हैं वहीं युवा नेता आशीष डबरे युवाओं के बीच खासे लोकप्रिय हैं ऐसे में यदि यह तीन नेता चुनाव प्रचार से नदारद रहेंगे निश्चित रूप से पार्टी को नुकसान होगा इससे इंकार नही किया जा सकता। वैसे बताया यह भी जा रहा है की यह तीनों नेता भी चाहते थे की उनकी शिकायत हो और उन्हे अन्य जगह की जिम्मेदारी मिल सके जिससे किसी विपरीत परिणाम का दोष उनके ऊपर लगे और हुआ भी वही उन्हे अन्यत्र भेज दिया गया।
वरिष्ठ कांग्रेसियों ने भी बनाई दूरी
कांग्रेस में शुरू से ही प्रचलित था कि यहां कई गुट सक्रिय है, पहला गुट संगठन का, दूसरा गुट योगेश शुक्ला का और तीसरा गुट वेदांति तिवारी का। एक अन्य गुट आशीष डबरे, आशा महेश साहू भी सक्रिय हुआ। इस चुनाव में संगठन को छोड़ दे तो सभी गुट चुनाव से दूर है। योगेश शुक्ला को मनेंद्रगढ विधानसभा एवं वेदांती तिवारी को भरतपुर विधानसभा का प्रभारी बना दिया गया है जबकि आशीष डबरे को सोनहत ब्लॉक की जिम्मेदारी दे दी गई है, जाहिर सी बात है उक्त तीनो नेता अपने समर्थको के साथ वहां की जिम्मेदारी निभांएगे। सूत्रो ने बतलाया कि उक्त तीनो नेताओ ने प्रदेश कांग्रेस के जिम्मेदार पदाधिकारियों एवं वरिष्ठ नेताओ से विधायक अंबिका सिंहदेव की कार्यशैली के कारण बैकुण्ठपुर विधानसभा क्षेत्र में कार्य करने में असहमति व्यक्त कर दिय था जिसके बाद उन्हे अन्यत्र भेज दिय गया है। नेताओ के दूरी बनाने का खामियाजा भी अंबिका सिंहदेव को भुगतना पड़ेगा।


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