भरतपुर सोनहत@भाजपा पूर्व विधायक की स्वेच्छानुदान का पर्चा कांग्रेस प्रत्याशी ने पिछले चुनाव के दौरान बटवाया…इस चुनाव कांग्रेस विधायक की स्वेच्छानुदान का पर्चा भाजपा प्रत्याशी बटवा रही।

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  • गुलाब कमरो ने कांग्रेसियों को बांट दी स्वेच्छानुदान की राशि,बना चुनावी मुद्दा।
  • भाजपा प्रत्याशी रेणुका सिंह लगातार खोल रही हैं कमरो की पोल
  • भरतपुर सोनहत विधानसभा क्षेत्र में पर्चे की चर्चा,पिछले चुनाव का खेल कैसे और किस पर पड़ रहा भारी। 

-रवि सिंह-
भरतपुर सोनहत 10 नवम्बर 2023 (घटती-घटना)। छत्तीसगढ़ में प्रथम चरण के मतदान संपन्न होने के बाद राजनितिक पार्टियां दूसरे चरण के मतदान के प्रचार-प्रसार में जुट गई हैं। राजनितिक पार्टियां अपने प्रतिद्वंदियों को पटखनी देने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रही हैं। सोनहत में 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर गुलाब कमरो ने उस समय की भाजपा विधायक रहीं चंपादेवी पावले के खिलाफ स्वेच्छानुदान राशि को खर्च करने का पर्चा बंटवाया था और उस पर बंदरबांट का आरोप लगाया था, लेकिन इस बार अब वैसा ही पर्चा श्री कमरो के खिलाफ क्षेत्र में बंट रहा है। स्वेच्छानुदान राशि के बंदरबांट का यह पर्चा इस चुनाव में उनके ही गले की फांस बन गया है।
उल्लेखनीय है कि, सोनहत में 2018 के पर्चे के जवाब में 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने भरतपुर-सोनहत विधानसभा क्षेत्र में किये जाने वाले व्ययों का पर्चा बंटवाया है। इन पर्चों में गुलाब कमरो द्वारा दी गई स्वेच्छानुदान राशि का जिक्र है। पर्चे में विधायक के कांग्रेस पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं को स्वेच्छानुदान की राशि बांटे जाने का जिक्र है। पर्चे में दिखाया गया है कि, जो जरूरतमंद नहीं थे उनको पैसे बांटे गए हैं। आपको बता दें कि, पिछले चुनाव में गुलाब कमरो ने पर्चा बंटवाकर माहौल अपने पक्ष में बनाया था, इस चुनाव में उनका यह दांव उन पर ही उल्टा पड़ गया है। अब देखना काफी दिलचस्प होगा कि, इस बार का पर्चा किस पर और कितना भारी पड़ता है।
आरोपों की बौछार
भरतपुर सोनहत के विधायक एवं सविप्रा के उपाध्यक्ष गुलाब कमरो ने सत्ता का भरपूर फायदा उठाया है, यही नही कमरो समर्थक भी इससे पीछे नही है, वनाचंल भरतपुर क्षेत्र की बात हो या सोनहत क्षेत्र की बात हर क्षेत्र में इनके समर्थको ने अपना राज स्थापित कर लिया था, किसी भी कार्य में इनका ही हस्तक्षेप पूरे पांच वर्ष देखने को मिलता था,जनता इनके कारनामें से त्रस्त थी जिसका असर अब देखने को मिल रहा है, सचिव आत्महत्या कांड का मामला हो या फिर सुमित शर्मा की हत्या का मामला इन दोनो मामलो के आरोपी भी कहीं न कहीं गुलाब कमरो से ही ताल्लुकात रखते हैं, तो वहीं निर्माण कार्यो में भी इनकी ही ठेकेदारी चलती थी, विधायक गुलाब कमरो ने एक ओर जहां अपनी के नाम गरीबी रेखा का कार्ड बनवा रखा था तो वहीं बहन भी दोहरा मानदेय ले रहीं हैं इन आरोपो के बाद अब स्वेच्छानुदान से जुड़ा मामला भी सामने आ रहा है,चुनावी फिजा में कमरो द्वारा बांटा गया अनुदान सोशल मीडिया मे तैर रहा है,उन्होने अपने करीबी एवं कांग्रेसियों को भी इसका लाभ दिया है,भाजपा प्रत्याशी रेणुका सिंह ने इसे अपने सोशल मीडिया पेज से भी प्रचार करना शुरू कर दिया है,चुनाव के अंतिम समय में पोल खोल अभियान से कमरो की मुसीबत बढ सकती है।
कांग्रेसी एवं चेहतो को मिला स्वेच्छानुदान
पांच साल तक भरतपुर सोनहत क्षेत्र में विधायक गुलाब कमरो ने कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर सत्ता का भरपूर फायदा उठाया है,गरीब एवं कमजोर तबके के लोगो को जो आर्थिक सहायता मुहैया कराने का प्रावधान है उससे अलग हटकर अपने कार्यकर्ताओं एवं चहेतो को भी स्वेच्छानुदान की राशि उपलब्ध करा दी गई है। उक्ताशयत का आरोप भाजपा प्रत्याशी रेणुका सिंह ने भी लगाया है और सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि भरतपुर सोनहत विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक गुलाब कमरो का भ्रष्टाचार घोटाला,स्वेच्छानुदान की राशि अमीरो व कांग्रेसियों में बांटी। कमरो के कारनामे के तहत उन्होने आरटीआई से प्राप्त सूची भी जारी की है, जिसके अनुसार ब्लांक कांग्रेस अध्यक्ष रविप्रताप सिंह की पत्नी दुर्गा सिंह के नाम पर 1 लाख 50 हजार, रविप्रताप सिंह के पुत्र श्रेयस सिंह के नाम पर भी 1 लाख 50 हजार,खुद के ड्रायवर जावेद अख्तर के नाम पर 50 हजार, मीडिया प्रतिनिधि प्रेमसागर तिवारी के नाम पर 20 हजार, अपने करीबी प्रदीप साहू की बेटी सोनाली साहू के नाम पर 1 लाख,अपने प्रतिनिधि अविनाश पाठक के भाई आकाश पाठक के नाम पर 1 लाख,अपने खास एवं सांसद प्रतिनिधि नई लेदरी विष्णु दास के नाम पर 1 लाख 50 हजार, करीबी मोहम्मद आसिफ की पत्नी अकबरी खातुन के नाम पर 50 हजार एवं करीबी प्रदीप साहू के नाम पर 30 हजार रूपये बांटा गया है। रेणुका सिंह द्वारा इस मुद्वे को जोर शोर से उठाकर जनता के बीच रखा जा रहा है।
कमरो पर लगातार हमले कर रही हैं रेणुका सिंह
वर्तमान में केन्द्रीय राज्यमंत्री और भरतपुर सोनहत विधानसभा प्रत्याशी रेणुका सिंह की पहचान एक तेज तर्रार नेत्री के रूप में की जाती है,वे अपने राजनैतिक तौर तरीके के लिए हमेशा चर्चित रही हैं,यही कारण है कि उनके इस क्षेत्र से चुनाव लड़ने से मामला रोचक हो चुका है,पूर्व में एकतरफा जीत के लिए आश्वस्त कांग्रेस प्रत्याशी को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। तो वहीं रेणुका सिंह द्वारा अपने हर चुनावी सभा में गुलाब कमरो पर हमले किए जा रहे हैं,सोशल मीडिया पेज पर भी कमरो के खिलाफ मुद्वो को प्रचार किया जा रहा है। वैसे भी गुलाब कमरो समर्थको का हर काम में खुला हस्तक्षेप पूरे पांच वर्ष तक देखने को मिला है,सप्लाई से लेकर निर्माण कार्यो मे दखलंदाजी से सरपंच सचिव एवं अन्य अधिकारी कर्मचारी भी त्रस्त थे।
सोनहत क्षेत्र में राजन,सुरेश और अविनाश ने उठाया भरपूर फायदा
विधायक गुलाब कमरो के क्षेत्र सोनहत में उनसे जुडे़ राजन पांडेय, ब्लाक अध्यक्ष सुरेश सिंह और अविनाश पाठक ने भी सत्ता का भरपूर फायदा उठाया है, क्षेत्र के नागरिक भी उनके कारनामो और जबरन किसी भी कार्य में हस्तक्षेप को लेकर पूरे पांच वर्ष तक परेशान थे। शासकीय कार्यालयों में भी इनका जबरन हस्तक्षेप था। अधिकारी कर्मचारी वर्ग भी इनकी मनमानी से त्रस्त था।भरतपुर में रविप्रताप सिंह और अंकुर सिंह का हस्तक्षेप
वनांचल भरतपुर क्षेत्र में ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष रविप्रताप सिंह की पहचान भी कमरो समर्थको के रूप में है,जिनके ऊपर सचिव को प्रताड़ित करने के कारण आत्महत्या का मामला दर्ज है,रविप्रताप सिंह एवं भरतपुर निवासी अंकुर सिंह ने भी इस क्षेत्र में सत्ता का भरपूर फायदा उठाकर लोगो को परेशान किया है, रेत के कारोबार में भी लोगो की संलिप्तता बतलाई जाती है।
अधिकारी कर्मचारी भी हुए हैं कमरो से प्रताड़ित
भाजपा प्रत्याशी रेणुका सिंह द्वारा अपनी चुनावी सभा में यह बात भी प्रमुखता से उठाई जा रही है जिसमें कि कमरो पर शासकीय अधिकारी कर्मचारियों को प्रताड़ित करने का आरोप है। रेणुका सिंह ने कहा है कि गुलाब कमरो द्वारा जानबुझकर अधिकारी कर्मचारी को स्थानांतरण कर प्रताड़ित किया जाता था, एमसीबी से लेकर कोरिया जिले के अधिकारी कर्मचारी कमरो की इस प्रताड़ना से तंग थे।
घोषणाएं हवा हवाई,कई कार्य कागजो में स्वीकृत
विधायक गुलाब कमरो के द्वारा पूरे पांच वर्ष और खासकर कोरोना के बाद जब आर्थिक मंदी की स्थिति थी, उस दौरान भी अपने क्षेत्र में विकास कार्य के लिए पैसे लाने का ढिंढोरा खूब पीटा गया है,लेकिन इस क्षेत्र में विकास कार्य उतने दिखलाई नही देते जितनी घोषणाएं  या कार्य स्वीकृत होने की जानकारी दी गई है। कोरोना काल के बाद भी कई हजार करोड़ रूपये भरतपुर सोनहत क्षेत्र में लाने का दावा किया गया है,लेकिन धरातल पर स्थिति एकदम अलग है। हवा हवाई घोषणाएं भी चुनावी मुद्वा बन गई हैं।
कमरो की कार्यशैली से रुष्ठ नजर आ रही जनता, नही दिख रहा उत्साह
विधायक गुलाब कमरो की कार्यशैली इन पांच वर्षो में काफी बदली है, कभी सामान्य इंसान के रूप में अपनी पहचान रखने वाले गुलाब कमरो की भाषा और चाल ढाल में भी बदलाव देखा जाता है, कार्यशैली में बदलाव का असर इस बार चुनाव मे भी देखने को मिल रहा है,चुनावी सभाओ व जनसंपर्क मे दिख रही भीड़ इस बात का साफ संकेत है। भरतपुर विधानसभा क्षेत्र में वैसे भी महिला मतदाताओं की संख्या ज्यादा है, जिस प्रकार से रेणुका सिंह द्वारा अपने दौरे में महिलाओ से मिलकर उन पर प्रभाव डाला जा रहा है उससे लगता है कि महिला मतदाताओं का समर्थन उन्हे मिल सकता है। देखने में मिल रहा है कि एक ओर रेणुका सिंह के जनसंपर्क मे आमजन की भीड़ दिखलाई दे रही है तो वही गुलाब कमरो के दौरे में अपेक्षाकृत भीड़ भी नही दिखलाई दे रही है। कमरो की कार्यशैली एवं उनके कार्यकर्ताओं के द्वारा पांच वर्ष किया गया सत्ता का दूरूपयोग उन्हे भारी पड़ने की संभावना जताई जा रही है।


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