रिपोर्ट अब तक नहीं हुई सार्वजनिक..मापदंडों के मुताबिक संचालित नही है नर्सिंग कॉलेज:सूत्र
बैकुण्ठपुर 09 नवम्बर 2023 (घटती-घटना)। गांधी नागरिक एकता मंच के अध्यक्ष संजय जायसवाल पिता शिवमंगल जायसवाल उम्र 39 वर्ष निवासी जूनापारा बैकुण्ठपुर ने शहर में अवैध रूप से संचालित न्यू लाईफ नर्सिंग कॉलेज की शिकायत करने के बाद 18 अक्टूबर को मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर से डॉक्टर कुलकर्णी की अगुवाई में 3 सदस्यीय जांच दल निरीक्षण करने आया था। लेकिन आज तक जांच की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की, जिससे ऐसा प्रतीत होता है की जांच दल भी मैनेज हो गया है।
संजय जायसवाल की शिकायत के मुताबिक मेन रोड बैकुण्ठपुर में विगत 8-9 वर्षों से न्यू लाईफ नर्सिंग कॉलेज संचालित है, जो भारतीय उपचर्या परिषद नई दिल्ली के द्वारा जारी दिशा निर्देशों एवं निर्धारित मापदण्डों एवं नियमों के विपरीत है। भारतीय उपचर्या परिषद नई दिल्ली के द्वारा जारी दिशा निर्देशों एवं निर्धारित मापदण्डों एवं नियमों के अनुसार नर्सिंग कॉलेज के लिए न्यूनतम 100 सीटें रखा जाना और उसके अनुरूप 300 बिस्तरों की सुविधा अनिवार्य है, जबकि न्यू लाईफ नर्सिंग कॉलेज बैकुण्ठपुर में इसका अभाव है। इसी प्रकार उक्त कॉलेज में जो कक्ष हैं, वे अत्यंत संकीर्ण हैं, जिसमें प्राकृतिक हवा एवं प्रकाश की उक्त व्यवस्था नहीं है। फायर सेफ्टी की व्यवस्था उपलब्ध नहीं है। यह कि उपचर्या परिषद नई दिल्ली के द्वारा जारी दिशा निर्देशों एवं निर्धारित मापदण्डों एवं नियमों के अनुसार नर्सिंग कॉलेज के लिए 60 छात्रों की क्षमता के लिए 23200 वर्गफीट भूमि पर नर्सिंग कॉलेज भवन का निर्माण होना अनिवार्य है, जबकि न्यू लाईफ नर्सिंग कॉलेज लगभग 9703 वर्ग फीट पर निर्मित भवन में संचालित है, उक्त भवन की कोई लीज मूल भूमि स्वामी से प्राप्त नहीं की गयी है, बल्कि अतिक्रमण के उदेश्य से उक्त संस्था संचालित की जा रही है, जो कभी भी विवाद में उलझ सकती है। यह कि उपचर्या परिषद नई दिल्ली के द्वारा जारी दिशा निर्देशों एवं निर्धारित मापदण्डों एवं नियमों के अनुसार नर्सिंग कॉलेज के लिए 1600 वर्ग फीट भूमि पर लैब, 1200 वर्ग फीट भूमि पर कम्युनिटी हेल्थ एवं न्यूट्रीशियन लैब 900 वर्ग फीट भूमि पर प्रसुति नर्सिंग लैब 900 वर्ग फीट भूमि पर चाईल्ड हेल्थ नर्सिंग लैब, 900 वर्ग फीट भूमि पर प्री-क्लीनिकल साईन्स लैब 1500 वर्ग फीट भूमि पर कम्प्यूटर लैब 3000 वर्ग फीट भूमि पर मल्टी परपज रूम, 1500 वर्ग फीट भूमि पर मल्टी परपज रूम, 1000 वर्ग फीट भूमि पर कॉमन रूम महिला-पुरुष, 800 वर्ग फीट भूमि पर स्टाफ रूम, 300 वर्ग फीट भूमि पर प्राचार्य कक्ष, 200 वर्ग फीट भूमि पर उप प्राचार्य कक्ष, 2300 वर्ग फीट भूमि पर पुस्तकालय, विभागाध्यक्ष के लिए 5 कक्ष 200-200 वर्ग फीट भूमि पर फैकल्टीज रूम के लिए 2400 वर्ग फीट, प्रशासन कक्ष के लिए 1000 वर्ग फीट भूमि इस प्रकार लगभग 23000 वर्ग फीट भूमि पर पृथक-पृथक कक्ष निर्मित होना एवं इसका सम्पूर्ण सेटअप होना अनिवार्य है। इसी तरह से हॉस्टल के लिए 21100 वर्ग फीट भूमि, जिसमें सिंगल डबल प्रशासन, आगन्तुक / विजिटर कक्ष, पठन-पाठन कक्ष, भण्डार कक्ष, डाईनिंग-किचन, वार्डन रूम सम्मिलित है, न्यू लाईफ नर्सिंग कॉलेज में उपरोक्त व्यवस्था का सर्वथा अभाव है।
यह कि उपचर्या परिषद नई दिल्ली के द्वारा जारी दिशा निर्देशों एवं निर्धारित मापदण्डों एवं नियमों के अनुसार नर्सिंग कॉलेज के लिए प्राचार्य सहित समस्त स्टाफ की संख्या समस्त छात्रों की संख्या का 30 प्रतिशत अर्थात् लगभग 39 से कम नहीं होनी चाहिए. किंतु वर्तमान में संचालित न्यू लाईफ नर्सिंग कॉलेज में मात्र 6-7 से ज्यादा प्राचार्य सहित प्राध्यापक नहीं हैं, उक्त संबंध में फर्जी आंकड़े दर्शाकर नियमों को धत्ता बतलाकर कथित नर्सिंग कॉलेज का पंजीयन प्राप्त किया गया है, जो उपचर्या परिषद नई दिल्ली के द्वारा जारी दिशा निर्देशों एवं निर्धारित मापदण्डों एवं नियमों के विपरीत है। नियमानुसार 37 स्टॉफ होने चाहिए लेकिन इस नर्सिंग कॉलेज में स्टॉफ कम हैं, स्टॉफ की सेलरी स्लिप से भी इसकी तस्दीक की जा सकती है की स्टॉफ कितने हैं। लायब्रेरी में भी नियमनुसार किताबे कम हैं। इसी प्रकार छात्राओं के लिए एमएलए नगर में बना छात्रावास भी संदेह के घेरे में है। वहां अलग से बाउंड्री वॉल नही है। जबकि आए दिन इस कालोनी में असामाजिक तत्व उपद्रव करते हैं, जिसकी शिकायत कालोनी के लोगो ने कई बार थाने में भी की है।
न्यू लाईफ नर्सिंग कॉलेज जिला चिकित्सालय बैकुण्ठपुर में पदस्थ डीपीएम डॉ. प्रिन्स जायसवाल द्वारा मनमाने रूप से संचालित किया जा रहा है
शिकायतकर्ता का आरोप है की यह कि न्यू लाईफ नर्सिंग कॉलेज मूलतः जिला चिकित्सालय बैकुण्ठपुर में पदस्थ शासकीय लोक सेवक जिला सलाहकार / प्रभारी डीपीएम डॉ. प्रिन्स जायसवाल द्वारा मनमाने रूप से संचालित किया जा रहा है, जिनकी स्थानीय जिला प्रशासन में पंहुच प्रभाव एवं काफी दखल है, जो नाममात्र के लिए अपनी पत्नी श्रीमती वंदना जायसवाल को उक्त संस्था का प्रमुख निरूपित किये हुए हैं, जो कभी उक्त संस्था में आती-जाती नहीं हैं, बल्कि अनावेदक डॉ. प्रिन्स जायसवाल अपने शासकीय कार्यों को छोड़कर पूर्ण रूप से उक्त नर्सिंग कॉलेज में अपना सम्पूर्ण समय देकर अनुचित लाभ अर्जित कर रहे हैं, जो सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम के प्रावधानों के अनुसार कदाचरण की श्रेणी में आता है। यह कि अनावेदक डॉ. प्रिन्स जायसवाल वैसे तो जिला चिकित्सालय बैकुण्ठपुर में शासकीय लोक सेवक जिला सलाहकार/प्रभारी डीपीएम के पद पर पदस्थ हैं, जो काफी व्यक्ति हैं, जिसके द्वारा फर्जी तौर पर प्रत्यक्ष रूप से न्यू लाईफ नर्सिंग कॉलेज संचालित किया जा रहा है, एक तरफ वह राज्य शासन के अधीन शासकीय सेवक होते हुए शासन से मोटा वेतन प्राप्त कर रहे है, वहीं दूसरी तरफ अपनी पत्नी वंदना जायसवाल के नाम से फर्जी तौर पर उक्त संस्था अनियमित एवं अवैधानिक तौर पर संचालित कर रहे हैं तथा नर्सिंग छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड कर रहे हैं। न्यू लाईफ नर्सिंग कॉलेज के समीपस्थ सेन्ट्रल बैंक, एचडीएफसी बैंक, बैंक ऑफ इण्डिया एवं अन्य व्यापारिक संस्थान/दुकान में स्थापित किये गये सीसीटीव्ही कैमरों के सीसीटीव्ही फुटेज खंगाले जाने तथा स्थानीय जनों से इसकी जानकारी गोपनीय ढंग से ली जाकर कथित संस्था में अनावेदक डॉ. प्रिन्स जायसवाल के आमद-रफ्त एवं मौजूदगी संबंधी तथ्य की पुष्टि की जा सकती है।