बैकुण्ठपुर@क्या कोरिया सरगुजा में आज भी जी हुजूरी की परंपरा जीवित?

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  • बैकुंठपुर पहुंचे सरगुजा महराज के एक प्रश्न पर जिलाध्यक्ष कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष कांग्रेस ने एक सुर में कहा जी हुजूर।
  • जिस व्यक्ति ने कांग्रेस से नगर पालिका सरकार छीनी उस व्यक्ति को कांग्रेस प्रवेश कराने एक सरगुजा के नेता को उड़न खटोले पर आना पड़ा।
  • डिप्टी सीएम ने ब्लॉक अध्यक्ष व जिलाध्यक्ष से पूछा…जिस पर उन्होंने कहा जो आदेश हुजूर का।
  • मशक्कत के बाद मंच से नहीं हेलीपैड में हुई पूर्व पार्षद आफताब अहमद की कांग्रेस वापसी।
  • सरगुजा के नेता ने कराई वापसी,स्थानीय कांग्रेसी नाखुश,फिर भी कांग्रेस प्रवेश के दौरान नहीं कर पाए आपत्ती।

-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 04 नवम्बर 2023 (घटती-घटना)। कांग्रेस से निष्कासित लगातार 2 बार पार्षद रहे आफताब अहमद छोटे खान ने सोमवार को डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव के समक्ष कालेज ग्राउंड हेलीपैड में पुन: कांग्रेस प्रवेश कर लिया है। आफताब अहमद छोटे खान की घर वापसी में अहम किरदार सरगुजा के एक कांग्रेसी नेता ने निभाया है, वैसे यह सब कुछ हेलीकॉप्टर में उड़ने से पहले ही अंबिकापुर में तय हो चुका था आफताब अहमद को भी सूचना दे दी गई थी फिर एक बार उप मुख्यमंत्री स्क्रिप्ट लिखकर लाए थे अंबिकापुर से ही बस उन्हे स्क्रिप्ट किरदारों से पढ़वानी थी और जो उन्होंने पढ़वाई और इस दौरान कट जैसी कोई आपत्ती नहीं सुनाई दी केवल जी हुजूर सुना गया और स्क्रिप्ट पिक्चर में बदल गई और तत्काल रिलीज हो गई, वैसे आफताब को कांग्रेस ज्वॉइन कराने में बड़ी मशक्कत करनी पड़ी दरअसल पूर्व पार्षद को कांग्रेस प्रत्याशी अंबिका सिंहदेव की नामांकन रैली की आम सभा में कांग्रेस प्रवेश करना था परंतु डिप्टी सीएम के महूआरी मैदान में पहुंचने के पहले ही रैली निकल गई जिसके बाद छोटे खान को दानिश रफीक की पहल पर आनन-फानन में हेलीपैड में ही टीएस सिंहदेव ने कांग्रेस का गमछा पहना कर कांग्रेस प्रवेश कराया डिप्टी सीएम ने इसके पहले वहां मौजूद कांग्रेस संगठन के पदाधिकारियों से छोटे खान के कांग्रेस प्रवेश कराने के संबंध में पूछ जिस पर नाखुश कांग्रेसी आपत्ति नहीं कर पाए जब की इस पार्षद की वजह से कांग्रेस की नगरपालिका में बनी बनाई सरकार चली गई और उस पर भाजपा काबिज हो गई, उस पार्षद की सारी गलती भुला फिर से कांग्रेस में प्रवेश करा दिया, इस घटना से कांग्रेस के कुछ लोग आफताब अहमद के कांग्रेस प्रवेश से बेहद नाराज हैं हालांकि उनके साथ लगातार 2 बार व वर्तमान में पार्षद उनकी धर्मपत्नी मुसर्रत आफताब व भतीजे पार्षद अहमतुल्ला फिरोज कांग्रेस ज्वॉइन नही कर पाए। उल्लेखनीय है की आफताब अहमद छोटे खान मुस्लिम समुदाय के बड़े चेहरे हैं व समाज में उनकी अच्छी पैठ है यही वजह हो सकती है कि कांग्रेस उनकी घर वापसी करा मुस्लिम वोटरों को साध सकती है जो उनके बिना कतई संभव नहीं था क्योंकि मुस्लिम समुदाय उन्हे अपना सबसे बड़ा चेहरा शहर में मानता है और उनके कहने पर या कांग्रेस के साथ न होने पर शहर से मुस्लिम समुदाय का समर्थन कहीं और खिसकना संभावित था।
उल्लेखनीय है की बीते नगरपालिका चुनाव में अध्यक्ष पद के हुए चुनाव में कांग्रेस की प्रत्याशी श्रीमती साधना जायसवाल का आफताब ने खुल कर विरोध किया था जिसके बाद उन पर आरोप लगे थे की उनकी पार्षद पत्नी और पार्षद भतीजे ने कांग्रेस प्रत्याशी के खिलाफ वोट किया था, जिससे संख्या बल ज्यादा होने के बाद भी कांग्रेस की हार हुई थी वहीं आफताब और उनके समर्थकों ने तत्कालीन जिलाध्यक्ष नजीर अजहर और कांग्रेस पार्टी के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी की थी जिसके बाद उस समय के जिलाध्यक्ष नजीर अजहर ने इन सभी को कांग्रेस से निष्काशित कर दिया था। समय का चक्र फिर बदला वैसे बताया जा रहा है की आफताब अहमद ने भी कई तरह से आंकलन किया और कई अन्य दलों की तरफ जाने का भी विचार बनाया लेकिन उन्हे कहीं से शामिल कराने किसी दल की मंशा नजर नहीं आई इसलिए वह भी इंतजार में थे की उन्हे कांग्रेस से ही बुलावा आ जाए और हुआ भी वैसा ही बैकुंठपुर के कांग्रेसियों ने तो उन्हे नहीं बुलाया लेकिन मौके की नजाकत और अपने लिए समर्थन जुटाने के दौरान क्षेत्र की विधायक और कांग्रेस प्रत्याशी को यह आभास हुआ की छोटे खान उनके लिए फायदेमंद हो सकते हैं मुस्लिम वोटों का उनके तरफ अकेले ही रुख कर सकते हैं इसलिए उन्होंने अंबिकापुर के अपने विश्वासपात्र साथ ही बैकुंठपुर विधानसभा से उनकी जीत की जिम्मेदारी सम्हाल रहे पूर्व जोगी कांग्रेस नेता जो हाल ही में कांग्रेस में आए हैं को उन्होंने जिम्मा दिया जिन्होंने इस पूरी प्लानिंग की तैयारी की उप मुख्यमंत्री को विश्वास में लिया और फिर नामांकन रैली के दिन इसको संभव बनाया।

बैकुंठपुर में बनी बनाई नगरपालिका सरकार कांग्रेस के हांथ से भाजपा के हिस्से में देने वाले माने जाते हैं आफताब अहमद
आफताब अहमद कांग्रेस के ही नेता थे लेकिन उनकी कांग्रेस से विदाई तब हुई थी जब उन्होंने खुलेआम नगरपालिका चुनाव में बगावत की थी,उनके कारण नगरपालिका में कांग्रेस की बनी बनाई सरकार भाजपा के खाते में चली गई थी,वैसे इस मामले में माना जाता है की खेल बड़े स्तर का था पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष की धर्मपत्नी को चुनाव में मात देकर पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष अशोक जायसवाल का कद छोटा करना इसका प्रमुख उद्देश्य था,इसमें अकेले आफताब अहमद का ही पूरा दोष था यह नहीं माना जाता,माना जाता है की नगर पालिका चुनाव में पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष पत्नी को मात देने के पीछे की मंशा यह थी की यदि वह सफल होते वह विधानसभा में टिकट के दावेदार होते और नगरपालिका चुनाव में ही मात देकर उनकी दावेदारी वहीं  समाप्त करना इसका प्रमुख उद्देश्य था।
विधायक कांग्रेस प्रत्याशी ने भी नहीं किया छोटे खान के कांग्रेस प्रवेश का विरोध,उनकी असहमति कभी थी ही नहीं यह भी माना जा रहा है
बैकुंठपुर की विधायक और कांग्रेस की प्रत्याशी ने भी छोटे खान के कांग्रेस प्रवेश का विरोध नहीं किया,माना जा रहा है की उनकी असहमति कभी इस मामले में थी ही नहीं,नगरपालिका चुनाव में हार का उन्हे मलाल बिल्कुल नहीं था कार्यकर्ता मात्र जीती बाजी हारकर उदास थे कुछ ऐसे भी थे उस दौरान जो हार कर भी बाजीगर बन गए थे उसमे विधायक भी शामिल थीं यह भी कह रहे लोग इसलिए उन्होंने नहीं किया छोटे खान के कांग्रेस प्रवेश का विरोध।
कांग्रेस के पदाधिकारी साथ ही कार्यकर्ता छोटे खान के कांग्रेस प्रवेश से दिख रहे नाराज
कांग्रेस की बैकुंठपुर नगरपालिका में बनी बनाई सरकार भाजपा के खाते में चली गई थी और इसका कारण आफताब अहमद थे यह स्पष्ट रूप से खुद उन्होंने ही घोषित कर दिया था,इससे कांग्रेस के बड़े नेता और कार्यकर्ता उस समय काफी उदास हुए थे निराश हुए थे,उन्होंने आफताब अहमद के कांग्रेस से निष्कासन का समर्थन किया था,अब जब उनकी कांग्रेस में वापसी हुई है बड़े नेता और कार्यकर्ता इसलिए नाराज हैं क्योंकि उनका मानना है की पार्टी को जीती बाजी से बाहर निकालकर हार की माला पहनाने वाला आज फिर मुख्य धारा से जुड़ गया वहीं कर्मठ कार्यकर्ता वहीं है जहां था उससे पूछने की जरूरत भी नहीं समझी गई।
जी हुजूरी की परंपरा सरगुजा कोरिया में कभी न समाप्त होने वाली परंपरा,छोटे खान के कांग्रेस प्रवेश के दौरान यह भी नजर आया
सरगुजा कोरिया दो रियासत हैं सरगुजा में कांग्रेस की राजनीति सरगुजा पैलेस के इर्द गिर्द है वहां भी जी हुजूरी किए बिना काम नहीं चलने वाला खासकर कांग्रेस शासन काल में वहीं कोरिया में कांग्रेस की राजनीति कोरिया पैलेस के इर्द गिर्द है जहां भी जी हुजूरी के बिना कांग्रेस काल में कुछ भी संभव नहीं है,यही छोटे खान के कांग्रेस प्रवेश के दौरान भी देखने को मिला,सरगुजा महराज उप मुख्यमंत्री कोरिया आए उन्होंने छोटे खान को कांग्रेस में प्रवेश दिलाने से पहले जिलाध्यक्ष से ब्लॉक अध्यक्ष से पूछा की क्या करना है इनका प्रवेश कराया जाए की नहीं वहीं दोनों ने जी हुजूर कहकर जैसी आपकी मंशा है कहकर छोटे खान का कांग्रेस प्रवेश स्वीकार लिया जबकि वह भी जानते थे प्रवेश भी तय है हेलीकॉप्टर में ही बैठकर आए नेता जी सब कुछ तय करके आए हैं ऐसे में महराज साहब के सामने जी हुजूर के अलावा कुछ कहना कुर्सी से जाना साबित होगा।
अंबिकापुर के जोगी कांग्रेस छोड़कर कांग्रेस में आए नेता बैकुंठपुर की राजनीति में कर रहे बेहतर दखल,उन्ही के जिम्मे बैकुंठपुर विधानसभा की जीत का जिम्मा
आफताब खान का कांग्रेस प्रवेश अंबिकापुर के जोगी कांग्रेस से कांग्रेस में आए नेता के माध्यम से संभव हो सका यह दिखाया जताया गया,जबकि माना जा रहा है की अंबिकापुर से उसी नेता के जिम्मे बैकुंठपुर विधानसभा की कांग्रेस प्रत्याशी की जीत की जिम्मेदारी है,वह पूरे मनोयोग से लगे हुए हैं,वह आने वाले समय में बैकुंठपुर की राजनीति को हाइजैक करके यहीं से अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा की पूर्ति करेंगे यह भी बताया जा रहा है,वैसे उनके साथ उनका साथ देने के लिए जोगी कांग्रेस से कांग्रेस में आए वह बैकुंठपुर के नेता भी हैं जिन्हे वह जोगी कांग्रेस में रहते हुए जानते हैं वही उनके सहायक हैं। वैसे बैकुंठपुर की कांग्रेस प्रत्याशी फिलहाल उन्हीं पर सबसे ज्यादा विश्वास कर पा रही हैं उन्हे उनकी रणनीति चुनाव की बेहतर लग रही है यह भी बताया जा रहा है।
टीएस सिंहदेव ने छोटे खान के कांग्रेस प्रवेश की स्क्रिप्ट पढ़ी मात्र,लिखा किसी और ने,जी हुजूर कहने वाले केवल थे स्क्रिप्ट के पात्र
छोटे खान का कांग्रेस प्रवेश अंबिकापुर में तय हुआ बैकुंठपुर में नेताओं कार्यकर्ताओं की राय नहीं ली गई यह सभी की अंदरूनी नाराजगी से जाहिर है,स्क्रिप्ट लिखने वाला अंबिकापुर का व्यक्ति था स्क्रिप्ट बैकुंठपुर में पहुंचकर टी एस सिंहदेव ने पढ़ने का काम किया वहीं जी हुजूर कहने वाले बैकुंठपुर के नेता केवल स्क्रिप्ट के लिए पात्र मात्र थे,उन्हे भी समझ में आने से पहले पिक्चर रिलीज हो हुई छोटे खान कांग्रेस में शामिल हो गए।


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