- गोंगपा ने मनेन्द्रगढ़ विधानसभा में मुस्लिम वर्ग से प्रत्याशी बनाकर मुकाबला त्रिकोणीय कर दिया है।
- मनेन्द्रगढ़ विधानसभा में अब एक तरफ नहीं रहा मुकबला,यहां त्रिकोणी सांखला देखने को मिलेगी।
- मनेद्रगढ़ विधानसभा के चिरमिरी में क्षेत्रवाद हुआ हावी,दोनों राष्ट्रीय पार्टियों के प्रत्याशी बाहरी होने का हो रहा विरोध,क्षेत्रीय प्रत्याशी को लेकर चिरमिरी वासी लामबंद।
- गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने शेख इस्माइल पर किया भरोसा,दोनों पार्टियों की बढ़ सकती है मुश्किलें।
-रवि सिंह-
मनेन्द्रगढ़ 04 नवम्बर 2023 (घटती-घटना)। मनेद्रगढ़ विधानसभा में चुनाव की घोषणा होते ही चुनावी सरगर्मियां उफान पर नजर आ रही है, पहले तो क्षेत्रीय विधायक का टिकट कटना फिर उनका गोंडवाना गणतंत्र पार्टी से चुनाव लड़ने की घोषणा करना जहां उनके कार्यकर्ताओं में उथल-पुथल की स्थिति देखी गई, वहीं भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी चयन में भी किसी तरह का लेट लतीफे किया बगैर नाम घोषणा होते ही प्रत्याशी और संगठन के लोग अपने-अपने कार्य को पूर्ण करने में अपनी अपनी जिम्मेदारियां के हिसाब से कार्य करते दिख रहे हैं वहीं चिरमिरी भाजपा के करमठ कार्यकर्ता सुजय सिंह, गोमती द्विवेदी, उपेंद्र सिंह, मनराज मौर्य, दीपक कलसा जैसे कई मजबूत लोगो में बड़ी नाराजगी देखी जा रही हैं, सभी ने एक स्वर में चिरमिरी से प्रत्याशी दिए जाने की मांग किए थे लेकिन पार्टी ने पूर्व विधायक श्याम बिहारी जयसवाल पर भरोसा किया है, पार्टी के जिम्मेदार पदाधिकारी के मुताबिक उन्हें समय रहते ही मना लिया जाएगा, ऐसा कहा जा रहा है, भाजपा संघ एवं संगठन के लोग पूरी तरह से सक्रिय दिख रहे हैं सभी अपनी पार्टी की सरकार बनाने में अपनी अपनी जिम्मेदारी निभानी के लिए प्रयासरत दिख रहे हैं वही चुनाव तिथि के दिन छठ त्यौहार पडने से बीजेपी को बड़ा नुकसान होने का अनुमान दिख रहा है।
कांग्रेस पार्टी में टिकट वितरण एवं लेट लतीफी से कार्यकर्ताओं सहित उम्मीदवारों में काफी उथल पुथल का माहौल
कांग्रेस पार्टी में टिकट वितरण एवं लेट लतीफी से कार्यकर्ताओं सहित उम्मीदवारों में काफी उथल पुथल का माहौल देखा जा रहा है, एकाआद जिम्मेदार पदाधिकारी ने तो ने तो इस्तीफा भी दे दिया, चिरमिरी में कांग्रेस पार्टी में अभी बहुत कुछ अच्छा नहीं चल रहा है 2018 में सत्ता में जैसे ही कांग्रेस पार्टी की सरकार आई थी संगठन पूरी तरह से निष्क्रीय हो गया था कुछ दिनों चुने कार्यक्रमों को छोड़कर 5 साल में संगठन को मजबूत करने एवं किसी तरह की बैठक आयोजित नहीं की गई और ना ही संगठन कार्यकर्ताओं की पूछ परख की गई विधायक और ब्लॉक अध्यक्ष के बीच चल विवाद भी बहुत हद तक कांग्रेस को कमजोर करता गया। कार्यकर्ताओं में सरकार आने के बाद बहुत उत्साह नहीं देखा गया यही कारण है कि चिरमिरी क्षेत्र में संगठन में चयनित बहुत सारे पदाधिकारी अब काम करने की इच्छुक नहीं दिख रहे हैं पिछले कुछ दिनों पहले संगठन को और मजबूत करने के उद्देश्य से एक कार्यवाहक ब्लॉक अध्यक्ष की नियुक्ति से बड़ा विवाद होता दिख रहा है ब्लॉक अध्यक्ष और कार्यवाहक ब्लॉक अध्यक्ष के बीच वर्चस्व की लड़ाई जारी है ब्लॉक अध्यक्ष चाहते हैं कि सारा चुनावी कारोबार दारोमदार सब उनके माध्यम से हो, वही कार्यवाहक ब्लॉक अध्यक्ष अपनी नई नियुक्ति के बाद आपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं, कथित रूप से पार्षद एवं संगठन का पदाधिकारी उन्हें मानने को तैयार नहीं है जिसको लेकर प्रत्याशियों को बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है एक वर्ग ब्लॉक अध्यक्ष के साथ काम करना चाहता है वही दूसरा वर्ग कार्यवाहक ब्लॉक अध्यक्ष को अपना नेता मान रहा है, ऐसी कठिन परिस्थिति में कांग्रेस पार्टी संगठनात्मक रूप से भी कमजोर होती दिख रही है, विधानसभा उम्मीदवार को चिरमिरी में बड़ा फायदा होता दिख नहीं रहा है वही विधायक जी के कोई भी कार्यकर्ता कार्य करने को तैयार नहीं है,महज फॉर्मेलिटी जब किसी का कोई कार्यक्रम होता है तो फोटो सेशन में उनके सभी समर्थक पहेली पंक्ति में बैठे देखें जा रहे है बहरहाल स्थिति ऐसी निर्मित हो गई है कि कांग्रेस पार्टी चिरमिरी में पतली दिख रही है।
विधायक का बी फार्म गोगपा ने जारी कर दिया..सभी जय बूढ़ा देव का नारा लगाकर पार्टी के साथ काम करने का मन बना लिया लेकिन रायपुर से चले डंडे ने सबको सकते में ला दिया
जहां सत्ता सीन पार्टी के विधायक का टिकट काटा गया तो कई विधायक समर्थक पार्टी छोड़ने और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी में शामिल होने को लेकर सोशल मीडिया सहित बाजारों में बयान बाजी करते देखे गए,विधायक ने तो गोंडवाना गणतंत्र पार्टी से चुनाव लड़ने की मंशा जाहिर कर ली उन्होंने जॉइनिंग भी कर ली थी जिसका फोटो सोसल मीडिया में देखा गया था, विधायक जी का बी फार्म भी उनका गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने जारी कर दिया सभी जय बूढ़ा देव का नारा लगाकर लगाकर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के साथ काम करने का मन बना लिया था, लेकिन एक का एक रायपुर से चले डंडे ने सबको सकते में ला दिया, विधायक ने मोबाइल स्विच ऑफ कर लिया और उनके कार्यकर्ता भी घरों में दुबक गए, क्षेत्र की महापौर भी अभी तक कहीं पर प्रचार प्रसार करती नहीं देखी गई है, उनके द्वारा भी पार्टी पक्ष में किसी भी तरह की कोई कार्य नहीं किया जा रहे हैं, वह भी गमगीन दिख रही हैं।
क्या आरी हुई सबपे भारी?
लगभग 14 हजार मुस्लिम वोट और 30 हजार आदिवासी वोटो के सहारे गोंडवाना गणतंत्र पार्टी विधानसभा में अपना झंडा लहराना चाहती है यही वजह है कि उन्होंने पहली बार चिरमिरी के लोकप्रिय समाजसेवी शेख इस्माइल को बतौर प्रत्याशी उतारा है इस्माइल काफी समय से सामाजिक कई गतिविधियों में अपनी सक्रिय भूमिका निभाते हैं इनके द्वारा कोरोना काल में नगर निगम क्षेत्र सहित आसपास के ग्रामीण अंचलों में “हम” नामक संस्था के माध्यम से प्रतिदिन सैकड़ो लोगों को भोजन वितरण कर और उनकी सेवा कर अपनी एक अलग पहचान बनाई है यही वजह है कि विधानसभा में उनका वजूद काफी बड़ा दिख रहा है लगातार वे सामाजिक हर गतिविधियों में सक्रिय रहे इसी कारण उनको इसका सीधा फायदा होता दिख रहा है मुस्लिम और आदिवासी वोट यदि एक जुट होकर इन्हें मिल जाते हैं तो इस विधानसभा में कुछ अनोखा होता दिखेगा, चिरमिरी का लोकल फैक्टर भी उनके पक्ष में होता दिख रहा है भारतीय जनता पार्टी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के असंतुष्ट और क्षेत्रवाद को बढ़ावा देने वाले माटी पुत्र शेख इस्माइल के पक्ष में होते दिख रहे हैं दोनों पार्टियों के कुछ पदाधिकारी तो प्रत्यक्ष रूप से सामने आ रहे हैं और बड़े पैमाने में बहुत सारे पदाधिकारी जो रात के अंधेरे में या बैक डोर से उनकी मदद करने की मंशा रख रहे हैं लगातार सक्रिय दिख रहे हैं यदि लोकल फैक्टर भी काम करता है तो दोनों पार्टियों को नुकसान होगा और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी को इसका फायदा देखने को मिलेगा देखना यह है कि शेख इस्माइल पर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के जिम्मेदार प्रतिनिधियों का विश्वास कितना कारगर सिद्ध होता है?