सूरजपुर,@प्रतापपुर विधान सभा में दो महिलाओं के बीच मुकाबला

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दोनो प्रमुख दल सक्रिय
ओंकार पांडेय

सूरजपुर, 03 नवम्बर 2023 (घटती-घटना)। जिले की प्रतापपुर विधान सभा सीट पर दोनो ही प्रमुख दलों ने महिला कार्ड खेला है । बीजेपी ने शकुंतला पोर्ते. की महिला प्रत्याशी को बीजेपी ने मैदान में उतारा है. तो कांग्रेस भी कम नहीं रही वह भी उसी समाज से महिला जिला पंचायत की अध्यक्ष राज कुमारी मरावी को अपना उम्मीदवार बनाया है। प्रतापपुर सीट की बात करे तो अनुसूचित जन-जाति के लिए आरक्षित यह सीट है मजे की बात है की इस सीट पर आसीन विधायक दो जिला का प्रतिनिधित्व करता है क्योंकि इस विधान सभा का आधा क्षेत्र सुरजपुर जिला तो आधा क्षेत्र बलरामपुर में आता है। जातिगत समीकरण को दृष्टिगत रखते हुए दोनो दलों ने महिला के साथ साथ एक ही समाज के प्रत्याशी को मैदान में उतारा है। बीजेपी की उम्मीदवार शकुंतला पोर्ते अनुसूचित जनजाति वर्ग से आती हैं ।गोंड समाज में इनकी अच्छी पैठ है. तो कांग्रेस की राजकुमारी शिवभजन मरावी भी कम नहीं है जिला पंचायत के एक चुनाव में पूर्व गृह मंत्री राम सेवक पैकरा की धर्मपत्नी शशि कला पैकरा को पराजित कर चुकी है राजनीतिक जानकार बताते हैं कि इस सीट पर कुल मतदाता 108325 है. इनमें से 60 फीसदी अनुसूचित जनजाति के हैं. इसमें गोंड समाज की संख्या 40 प्रतिशत है. यानि करीब वोटरों का एक तिहाई भाग गौड़ समाज से है बाकी बचे हुए में कंवर, पंडो, चेरवा और पहाड़ी कोरवा समाज आता है. गोंड सीटों पर अपनी पकड़ मजबूत करने भाजपा ने 44 साल की पोर्ते को उतारा है.प्रतापपुर विधानसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. इस विधानसभा में सिर्फ 30 से 35 फीसदी आबादी ओबीसी और सामान्य वर्ग से हैं. जिसमें जायसवाल, कुशवाहा, गुप्ता, मुस्लिम समाज के लोग भी शामिल हैं. इसी वजह से आदिवासी समाज से ही प्रत्याशी खड़े किए जाते हैं. शकुंतला पोर्ते पेशे से वकील हैं. वर्तमान में महिला मोर्चा बलरामपुर की अध्यक्ष हैं. वे लंबे समय से बीजेपी में सक्रिय हैं। शकुंतला पोर्ते बीजेपी की तेज तर्रार नेता के रूप में जानी जाती है. वह गोंड समुदाय से आती हैं. इसलिए बीजेपी ने उन्हें टिकट देकर जातिगत दांव खेलने की कोशिश की है. बीजेपी ने महिला वोटरों को साधने के लिहाज से भी शकुंतला पोर्ते को टिकट दिया है. तो वही सतारूढ़ पार्टी भी कम नहीं है कांग्रेस भी सरपंच जनपद सदस्य जिला पंचायत सदस्य सहित जिला पंचायत की अध्यक्ष राजकुमार मरावी को बनाया गया है। इनके पति शिव भजन मरावी भी सक्रिय राजनीति में दखल रखते है और इनका प्रतापपुर क्षेत्र में अच्छा प्रभाव है और पूर्व गृह मंत्री की पत्नी से चुनावी समर में दो दो हाथ कर फतह हासिल कर चुकी है। छाीसगढ़ सरकार में पूर्व शिक्षा व आदिम जातीय कल्याण मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम प्रतापपुर सीट से विधायक हैं. विधानसभा चुनाव 2018 में प्रेमसाय सिंह टेकाम ने भारतीय जनता पार्टी के रामसेवक पैकरा को 44 हजार 105 वोटों के बड़े अंतर से हराया था. इसी का बदला लेने भाजपा ने इस बार नया और युवा कैंडिडेट मैदान में उतारा है. प्रेमसाय सिंह टेकाम स्कूली शिक्षा मंत्री का पद भी संभाल चुके हैं. अभी उन्हें छाीसगढ़ योजना आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है. प्रतापपुर विधानसभा में वोटर्स की बात करे तो प्रतापपुर विधानसभा सीट में कुल मतदाताओं की संख्या 108325 है. जिसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 54112 है, तो महिला मतदाताओं की संख्या 54212 है. इस विधानसभा क्षेत्र में पुरुष और महिला मतदाताओं की संख्या में ज्यादा अंतर नहीं है. लगभग बराबरी पर है इसलिए चुनाव के दौरान महिला-पुरुष दोनों का वोट प्रत्याशियों के लिए बेहद अहम हो जाता है। इस सीट पर अनुसूचित जनजाति के लोगों का प्रभाव ज्यादा है. इसलिए एसटी वर्ग के उम्मीदवार को ही यहां के लोग अपने प्रतिनिधी के रूप में चुनते रहे हैं
प्रतापपुर विधानसभा की समस्याएं
प्रतापपुर विधानसभा क्षेत्र को अगल जिला बनाने की मांग लम्बे समय से चली आ रही है. भाजपा शासनकाल में अलग जिला बनाने की बात कही गई थी, लेकिन अभी तक जिला नहीं बनाए जाने से यहां के वोटर्स नाराज नजर आते हैं. बताया जाता है कि डॉ प्रेमसाय सिंह टेकाम ने भी प्रतापपुर विधानसभा को अलग जिला बनाने के मुद्दे को लेकर ही चुनाव जीता था. वहीं कांग्रेस संगठन में कार्यकर्ता डॉ प्रेमसाय सिंह से काफी नाराज नजर आ रहे थे ।शायद यही वजह थी की इस साल चुनाव में इसके कारण इनका टिकट भी काट दिया गया है. प्रतापपुर विधानसभा चारों तरफ जंगलों से घिरा हुआ क्षेत्र है. जिसके कारण यहां हाथियों का प्रकोप बना रहता है. हाथीयो के हमले से असामयिक मौत के गाल में समा जाते है।शासन प्रशासन द्वारा हाथियों के समस्या का कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. जिसके कारण लोगों में काफी नाराजगी नजर आ रही है. जिले की खराब सड़कें भी एक मुद्दा है.
प्रतापपुर विधानसभा की 2018 विधानसभा चुनाव की तस्वीर
2018 में प्रतापपुर विधानसभा से कुल 18 उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई थी. डॉक्टर प्रेमसाय सिंह टेकाम इंडियन नेशनल कांग्रेस से 90148 वोट पाकर विजयी हुए थे. डॉ प्रेमसाय सिंह को शिक्षा मंत्री के तौर पर नियुक्त किया गया था. दूसरे स्थान पर भारतीय जनता पार्टी के रामसेवक पैकरा रहे. उन्हें 46043 कुल वोट मिले थे. तीसरे स्थान पर आशा देवी पोया गोंडवाना गणतंत्र पार्टी 17341 कुल वोट मिले थे. चौथे स्थान पर डॉ नरेंद्र प्रताप सिंह जनता कांग्रेस छाीसगढ़ (जे) 5977 कुल वोट मिले थे. पांचवें पर छोटेलाल तिर्की आम आदमी पार्टी 1971 कुल वोट मिले थे. छठवें नंबर पर निर्दलीय प्रत्याशी वीर नाथ सिंह को 1808 कुल वोट मिले थे.
विधानसभा का चुनावी इतिहास: पिछले तीन विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी के प्रत्याशी बारी बारी से इस सीट से जीतते आ रहे हैं. 2018 विधानसभा चुनाव में भाजपा के रामसेवक पैकरा को कांग्रेस प्रत्याशी डॉ प्रेमसाय सिंह टेकाम ने हराया था। वहीं 2013 विधानसभा चुनाव में रामसेवक पैकरा ने डॉ प्रेमसाय सिंह टेकाम के खिलाफ जीत दर्ज किया था। 2008 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के ही डॉ प्रेमसाय सिंह टेकाम ने रामसेवक पैकरा को हराकर बड़ी जीत दर्ज की थी. इस तरह प्रतापपुर विधानसभा सीट में भाजपा और कांग्रेस दोनों का वर्चस्व रहा है।


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