रायपुर,01 नवम्बर 2023(ए)। रक्षा मानकों और ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए त्योहार के पहले एनजीटी ने पटाखों की बिक्री को लेकर निर्देश जारी किया है. इसके अनुसार ऐसे पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंधित है जो चार मीटर से अधिक दूरी तक 125 डेसीबल पटाखा का शोर करे.
राजधानी की 300 से ज्यादा पटाखा दुकानों में स्टॉक भर गया है, लेकिन जांच शुरू नहीं हो पाई है. दशहरे में पटाखों की बिक्री भी हो गई, लेकिन डेसीबल की जांच नहीं हुई. हर साल जांच के लिए टीम बनती है, लेकिन निर्वाचन कार्य की वजह से अभी तक टीम नहीं बन पाई है.
जांच के लिए कोई यंत्र नहींः हर साल टीमें निकलती हैं, लेकिन टीम के पास ऐसा कोई उपकरण नहीं रहता, जिससे ध्वनि प्रदूषण की मात्रा को मापा जा सके. एक्सप्लोसिव विभाग के पास इसके लिए उपकरण हैं, लेकिन जांच टीम में विभाग से कोई सदस्य ही नहीं है. दीपावली में सिर्फ दो दिन बचे हैं फिर भी जांच शुरू नहीं हो पाई है. जांच टीम के सदस्य कह रहे हैं कि आने वाले दिनों में जांच करेंगे.
गली-मोहल्ले में सज गई दुकानें
राजधानी में पटाखे की तकरीबन 150 स्थायी व अस्थायी दुकानें सज गई हैं. जिले में गली-मोहल्लों में अवैध रूप से पटाखों की दुकानों से पटाखों की खरीदी-बिक्री शुरू हो गई है. 40 स्थायी लाइसेंसी पटाखा दुकानें हैं. दिवाली त्योहार पर जिलेभर में सैकड़ों अवैध पटाखा दुकानें सज जाती हैं, लेकिन उनकी जांच के लिए टीमें नहीं बनाई गई हैं. नियमों का पालन नहीं करने पर एसडीएम को कार्रवाई का अधिकार है.
एक नजर इधर भी
पटाखा दुकानों के लिए नगर निगम की ओर से सिर्फ जमीन दी जाती है.
ध्वनि प्रदूषण की जांच की जिम्मेदारी निगम की नहीं है.
सभी पटाखा बेचने वालों ने शपथ-पत्र दिया है कि निर्धारित से अधिक आवाज वाले पटाखे नहीं बेचेंगे.
पर्यावरण संरक्षण मंडल की जिम्मेदारी सिर्फ मॉनीटरिंग की.
अभी तक रायपुर में पटाखा दुकान की जांच शुरू नहीं की गई है.
Check Also
कोरबा@ युवती पर प्राणघातक हमला
Share चाकू मारकर बदमाश फरारकोरबा,24 नवम्बर 2024 (ए)। छत्तीसगढ़ के कोरबा शहर में पूजा करने …