- सलमान बनता है भाजपा का कार्यकर्ता,लेकिन दिल्ली में मिडिया से बातचीत में भाजपा के खिलाफ उगला जहर।
- बैकुंठपुर विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी भईयालाल राजवाड़े के खास करीबी समर्थक सलमान का विडियो हुआ वायरल।
- वीडियो में भाजपा का विरोध करते नजर आए भाजपा प्रत्याशी समर्थक सलमान अहमद।
- दिल्ली में एक पत्रकार के द्वारा 2024 लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री कौन होगा को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे हैं वायरल विडियो में सलमान अहमद।
- जवाब के दौरान भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी को लेकर उनकी राय कतई भाजपा समर्थक की राय नहीं कही जा सकती।
- भाजपा सहित प्रधानमंत्री मोदी को लेकर बिफरते नजर आए सलमान अहमद,विडियो में देखा सुना जा सकता है।
- दिल्ली के मुख्यमंत्री सहित कांग्रेस शासनकाल को बढ़िया बताते सुने देखे गए सलमान अहमद।
- क्या वायरल विडियो देखने सुनने के बाद भी बैकुंठपुर से भाजपा प्रत्याशी भईयालाल राजवाड़े सलमान अहमद को रखेंगे अपने करीब?
- क्या भाजपा विरोधी मानसिकता वाले युवक को भाजपा जिलाध्यक्ष भी भाजपा प्रत्याशी के साथ प्रचार की देंगे अनुमति?
- क्या भाजपा के कर्मठ कार्यकर्ता सलमान अहमद के वायरल विडियो को देखने के बाद उसे पार्टी में करेंगे स्वीकार?
- क्या भईयालाल राजवाड़े दोबारा दुहरायेगें गलती जैसा उन्होंने पिछले कार्यकाल में किया था कांग्रेस के दो पुराने पदाधिकारियों को अपने साथ मंच में जगह दिया था।
- कुल मिलाकर सलमान अहमद का विडियो देखने के बाद भाजपा के कार्यकर्ता सलमान अहमद पर भरोसा नहीं करेंगे यह तय है।
- सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहे वीडियो से भाजपा कार्यकर्ताओं में भारी आक्रोश।
-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 16 अक्टूबर 2023 (घटती-घटना)। बैकुंठपुर विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी घोषित हुए भईयालाल राजवाड़े फिर अपनी पुरानी गलतियों के शिकार न हो जाएं फिर पार्टी के लोग उनके तौर तरीकों से नाराज न हो जाएं उनके आगे पीछे अभी से लाइन लगा चुके मतलबी समर्थकों के कारण वह चुनाव में अपेक्षित सफलता न प्राप्त कर सकें इस बात की संभावना बढ़ती जा रही है। भईयालाल राजवाड़े को बैकुंठपुर से भाजपा प्रत्याशी बनाया गया उन्हे पार्टी ने अपने आंतरिक सर्वे में जिताऊ पाया वहीं यह आंतरिक सर्वे जनता के साथ साथ पार्टी पदाधिकारियों सहित कार्यकर्ताओं से भी संपर्क कर संपन्न किया गया जिसकी वजह से उनकी दावेदारी प्रत्याशी बनने का सफर तय कर सकी, लेकिन जैसा देखा जा रहा है जिस तरह भईयालाल राजवाड़े का चुनाव जीतना आसान दिख रहा था कार्यकर्ताओं सहित पदाधिकारियों में उनका प्रत्याशी बनना उत्साह का विषय बना था वह धीरे धीरे पदाधिकारियों सहित कार्यकर्ताओं में असंतोष का कारण बनता जा रहा है और इसकी वजह यह मानी जा रही है की भईयालाल राजवाड़े फिर वही गलती दुहराने जा रहे हैं या दोहरा सकते हैं जिसकी संभावना बनती दिख रही है जो गलती उनके पिछले चुनाव में उनके हार का कारण बनी थी, भईयालाल राजवाड़े पिछला चुनाव भी नहीं हारते यदि वह पार्टी के पदाधिकारियों सहित कार्यकर्ताओं को तवज्जो देते ऐसा लोगों का मानना है खासकर भाजपा के की ही अंदर इस बात की चर्चा है,उनका पार्टी कार्यकर्ताओं सहित पदाधिकारियों से अलग जाकर पार्टी का ही विरोध करने वालों का समर्थन करना पार्टी के कर्मठ कार्यकर्ताओं की अनदेखी करना उन्हे हाशिए पर रखना वाली नीति ही उनकी कमजोरी है और जो फिर वह दोहरा सकते हैं क्योंकि ऐसे मतलबी उनके इर्द गिर्द फिर बेशर्मी से खड़े नजर आ रहे हैं चापलूसी करते नजर आ रहे हैं जिसका कार्यकर्ताओं पर काफी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।
जिन कार्यकर्ताओं ने पिछले पंद्रह सालों में भाजपा के लिए जी जान लगाया उन्हे भईयालाल राजवाड़े ने तव्वजो नहीं दिया उनकी सुध नहीं ली उन्हे उनके हाल पर ही छोड़ दिया यह आरोप कई बार लगे कुछ को छोड़कर शेष आज भी पार्टी से तो जुड़े हुए हैं लेकिन भईयालाल राजवाड़े से दूर हो गए क्योंकि भईयालाल राजवाड़े जितने के बाद कभी उनके दुख सुख में भी कम ही शामिल हुए बशर्ते वह उनसे घिरे ज्यादा नजर आए जिन्होंने पिछली दो बार की उनकी जीत में न तो मेहनत की न उनका जीत में योगदान ही रहा बस वह चापलूस बेहतर थे इसलिए वह उनके मोह जाल में फंसे रहे और एक चुनाव हार गए,कार्यकर्ता भी चुनाव में हार से दुखी हुए और उन्होंने भी हिम्मत एक बार हारी लेकिन वह पांच सालों का विपक्ष सीना तानकर बनना स्वीकार किए और लड़ते भिड़ते रहे वह सत्ता के जुल्म सहते रहे इस उम्मीद में की फिर जीत मिलेगी और उनका बदला जीत होगा और वह फिर सत्ता तक पार्टी को पहुंचाएंगे और खुद भी सत्ता के साथ जुड़कर उसका आनंद उठाएंगे लेकिन लगता नहीं कार्यकर्ताओं की मंशा पूरी होगी क्योंकि भईयालाल राजवाड़े के आस पास फिर चापलूसों की टोली डेरा जमा चुकी है जो पार्टी कार्यकर्ताओं के आंखो की किरकिरी बन रहे हैं और जिनके कारण कार्यकर्ता खुद को कम उत्साहित मान कर चल रहे हैं। ऐसी ही एक टोली है जो अभी फिर भईयालाल राजवाड़े के आसपास नजर आने लगी है जिसमे तीन युवक शामिल हैं जिनको लेकर कार्यकर्ता अक्रोशित नजर आ रहे हैं।
तीन युवकों की टोली में से एक युवक का विडियो हुआ वायरल
तीन युवकों की टोली में से एक युवक जिसका नाम सलमान अहमद बताया जा रहा है उसका इसी बीच एक विडियो भी भाजपा कार्यकर्ता आपस में वायरल कर रहे हैं जिसमे वह दिल्ली में एक पत्रकार के सवालों का जवाब दे रहा है और पत्रकार के प्रधानमंत्री को लेकर पूछे गए सवाल पर सलमान अहमद बिफरता नजर आता है और कांग्रेस शासनकाल की उपलब्धि का बखान करता है। सलमान अहमद दिल्ली के मुख्यमंत्री का भी बखान करता है वहीं वह वर्तमान में छत्तीसगढ़ प्रदेश सरकार कांग्रेस सरकार की तरफदारी भी करता है वहीं वह उत्तरप्रदेश के विकास की बात करने पर एक युवक से बहस भी करता है कुल मिलाकर सलमान अहमद भाजपा देश के प्रधानमंत्री मोदी सहित अन्य सभी भाजपा नेताओं को लेकर अपनी असहमति ही जाहिर करता है,इस दौरान वैसे उसे बीच में ही सवाल जवाबों के भागते देखा जाता है क्योंकि उपस्थित अन्य के सवालों से वह घिर जाता है और जवाब नहीं दे पाता है लेकिन उसकी सवाल जवाब के दौरान जितने समय तक उपस्थिति रहती है वह भाजपा की ही बुराई पर अपना जवाब केंद्रित रखता है। दावा किया जा रहा है की वीडियो हाल का ही है जिसमे लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सवाल जवाब हो रहा है। सलमान अहमद जो भाजपा प्रत्याशी का बैकुंठपुर विधानसभा क्षेत्र के खास समर्थक माना जाता है वहीं वह अन्य भाजपा नेताओं के साथ भी भाजपा के पिछले कार्यकाल में देखा जाता था का उक्त वीडियो वायरल कर अब भाजपा कार्यकर्ता आपस में यह जिरह कर रहे हैं की क्या भाजपा प्रत्याशी ऐसे ही मतलब परस्त के साथ चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं, क्या यही लोग उन्हे जीत दिलवाएंगे? क्या वही लोग भाजपा की नीति रीति आगे ले जायेंगे जिनका आज यहां कल कहां यही तय नहीं है? वीडियो वायरल होने के बाद से ही भाजपा कार्यकर्ता पेशोपेश में हैं वह अब यह जानना चाहते हैं की यदि ऐसे ही मतलबी लोग पार्टी प्रत्याशी के साथ अभी से नजर आने लगे हैं तो उनके जितने के बाद तो यह उनके पीछे ही लगे रहेंगे वहीं वह अन्य कर्मठ पार्टी कार्यकर्ताओं को किनारे ही करने का काम करेंगे जो वह पिछले कार्यकाल में भी भईयालाल राजवाड़े के करते चले आए हैं और कई कर्मठ कार्यकर्ताओं को हाशिए पर पहुंचा चुके हैं। सलमान अहमद का विडियो तेजी से वायरल हो रहा है भाजपा खेमे में और भाजपा प्रत्याशी की विडियो को लेकर राय भी अब भाजपा कार्यकर्ता जानना चाहते हैं की क्या आगे वह साथ रहेगा या उसे बाहर का रास्ता दिखाते हुए उसकी असल जगह पार्टी में भेजा जाएगा।भईयालाल राजवाड़े पिछले कार्यकाल में भी घिरे रहते थे पार्टी विरोधी लोगों से क्या आगे भी होगा ऐसा यह भी आपस में चर्चा कर रहे हैं भाजपा कार्यकर्ता
सलमान अहमद का विडियो वायरल हुआ है जो साबित करता है की वह कम से कम भाजपा समर्थक कभी नहीं हो सकता जो विडियो देखकर कहा जा सकता है।सलमान अहमद फिर भाजपा प्रत्यासी के इर्द गिर्द मंडराता देखा जा रहा है वहीं अब उसकी विडियो देखने के बाद कार्यकर्ता पार्टी के आपस में यह बात करते सुने जा रहे हैं की क्या ऐसे लोग फिर भईयालाल राजवाड़े के आसपास नजर आते रहेंगे उन्हे घेरे रखेंगे जिनका पार्टी के लिए मन में जहर भरा हुआ हो,कार्यकर्ता आपस में यह भी सोच विचार कर रहे हैं की पिछले कार्यकाल में भी ऐसे ही कुछ चेहरे भईयालाल राजवाड़े के इर्द गिर्द जमावड़ा किए रहते थे और जो चुनाव के दौरान विपक्षी उम्मीदवार के साथ नजर आते थे लेकिन जीत दर्ज करने के बाद भईयालाल राजवाड़े के साथ नजर आते थे उन्हे पूरी तरह अपनी जकड़ में रखते थे,कुछ अन्य दल के ऐसे भी कर्मठ लोग भईयालाल राजवाड़े के साथ उनके कार्यकाल का मजा उठाते नजर आए थे जिनका वोट कभी भाजपा को नहीं मिला होगा यह भी भाजपा कार्यकर्ता आपस में बात कर रहे हैं वहीं भईयालाल राजवाड़े के चुनाव हारते ही वह अपने पुराने घर में लौट गए थे एक दिन की भी देरी किए बगैर यह भी देखा गया,अब क्या भईयालाल राजवाड़े फिर वही गलती करने जा रहे हैं फिर उनके जीतते ही अन्य दलों के लोग उनके खास होंगे यह पार्टी कार्यकर्ताओं की चिंता है जो सुनाई दे रही है।
क्या भाजपा संगठन पार्टी विरोधी लोगों को करेगा प्रत्याशी से दुर,क्या उन्हे देगा दूर रहने की चेतावनी?
जिस तरह सलमान अहमद नाम के युवक का विडियो वायरल हुआ है जिसमे वह भाजपा की प्रधानमंत्री की बुराई करता नजर आ रहा है जिसका विपरीत असर पार्टी कार्यकर्ताओं पर पड़ रहा है उन्हे अभी से भय सता रहा है क्या भाजपा संगठन ऐसे दोहरे चरित्र वालों को प्रत्याशी से दुर करेगा क्या संगठन प्रत्याशी को सिख देगा की अन्य दलों से आने वाले या शामिल होने वालों से पहले अवसर देखकर रंग बदलने वालों से पहले संगठन के कार्यकर्ता को तवज्जो देना है,यदि संगठन ऐसा करता है तो माना जायेगा की संगठन कम से कम कार्यकर्ताओं के साथ है वरना उनका संगठन पर से विश्वास कम होगा।वैसे भाजपा संगठन को यह सोचना होगा की वह कार्यकर्ताओं के साथ है या वह उनके साथ है जो अवसरवादी है रंग बदलने में माहिर है।
सलमान अहमद पिछले भाजपा शासनकाल में थे भाजपा मंत्री विधायक के खास पर उन्होंने उपलब्धि बताई कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की, क्या वह दिखावे और लाभ के लिए थे भाजपा समर्थक?
अंदर कुछ बाहर कुछ एक कहावत है उसी को चरितार्थ करते नजर आए सलमान अहमद ,वह पिछले भाजपा शासनकाल में भाजपा मंत्री के करीबी थे वहीं वह भाजपा के कई कार्यक्रमों में भाजपा मंत्री के साथ देखे जाते थे जहां वह खुद को भाजपाई बताने से गुरेज नहीं करते थे,जब भाजपा की सरकार थी वह लाभ कमा रहे थे मान सम्मान मिल रहा था वह भाजपाई थे लेकिन अब उन्हे कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का विकास नजर आ रहा है यहां तक की वह एक बार भी भाजपा के पूर्व मंत्री की बड़ाई करते नजर नहीं आए वायरल विडियो में ,उन्हीं के ऊपर यह कहावत ठीक बैठती है अंदर कुछ बाहर कुछ,यदि उन्हे अभी का शासनकाल अच्छा लग रहा है तो उन्हे किस मजबूरी में भाजपा के प्रत्याशी के पीछे घूमना पड़ रहा है यह भी सवाल है, वैसे वह भाजपा के पूर्व मंत्री जिनके कारण उन्हे कभी मान सम्मान मिला था उनकी बड़ाई कम से कम कर जाते वह अपना हक जता पाते यह भी लोगों का कहना है।
दूसरे दल विकास करने वाले तो फिर क्यों भाजपा प्रत्यासी के पीछे वह कर रहे समय बर्बाद यह भी कार्यकर्ता भाजपा के पूछ रहे सवाल
सलमान अहमद का विडियो भाजपा खेमे में खूब वायरल हो रहा है और अब भाजपा कार्यकर्ता आपस में ही यह चर्चा कर रहे हैं की यदि अन्य दल विकास करने वाले तो फिर यहां भाजपा में वह क्यों आगे पीछे कर रहे हैं वहीं चले जाएं विकास से जुड़ जाएं,भाजपा कार्यकर्ता यह भी कहते सुने जा रहे हैं यह ऐसे लोग हैं जिन्हे जिधर बम उधर हम वाली लाइन पसंद है और यह लें भी इन्हीं के लिए लिखी गई है।
तीन की तिकड़ी जो है भाजपा प्रत्याशी की करीबी सभी एक से एक,अवसर को लेकर सतर्क
भाजपा प्रत्याशी के आस पास पीछले कार्यकाल से तीन युवकों की तिकड़ी लगातार देखी जाती रही है उन्ही में से एक का विडियो वायरल हुआ है।यह ऐसी तिकड़ी है जो एक साथ रहती भी है,यह तिकड़ी पिछली हार के लिए भी जिम्मेदार मानी गई थी इस बार भी ऐसी ही स्थिति बन रही है कुछ वीडियो से भी वायरल बन रही है जो भाजपा प्रत्याशी के लिए शुभ संकेत नहीं है। अब देखना है इसे भाजपा प्रत्यासी खुद कितनी गंभीरता से लेते हैं या वह इनके गिरफ्त में ही रहना पसंद करते हैं वहीं अन्य ऐसे ही और को भी भाजपा कार्यकर्ताओं से ज्यादा महत्व देते हैं।