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कोरिया@कोरिया में रहे रिश्वतखोर स्टेनो को 3 साल की सजा..

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  • 30 हजार रिश्वत लेते एसीबी ने रंगे हाथ था पकड़ा..जिला व सत्र न्यायालय का आया फैसला।
  • 3 साल की सजा होने की वजह से तत्कालीन स्टेनो को मिली जमानत जा सकती है नौकरी।
  • स्टेनो ले सकते हैं उच्च न्यायालय की शरण।
    कोरिया 28 सितम्बर 2023 (घटती-घटना)। कोरिया जिले में पूर्व में कलेक्टर कार्यालय में स्टेनो के पद पर कार्यरत संतोष पांडेय को 30 हजार की नगद रिश्वत लेने के आरोप में जिला एवं सत्र न्यायालय ने 3 साल की सजा सुनाई है। 3 साल के अंदर की सजा वाले मामले में जिला न्यायालय से ही जमानत मिल जाती है जिस वजह से स्टेनो को जमानत मिल गई है यह उनके लिए राहत वाली खबर है पर वही उनकी नौकरी जा सकती है यह बात कही जा रही है क्योंकि सजा सुनाने के बाद नौकरी जाने का प्रावधान। वैसे जब तक स्टेनो कोरिया जिले में रहे काफी सुर्खियों में रहे कई बार उनके पैस लेनदेन की आडियो वायरल हुई थी गाड़ी लगाने के नाम पर खूब रिश्वत लेते थे जिसकी शिकायत भी खूब हुई थी काफी चर्चा में थे रिश्वत को लेकर तत्कालीन स्टेनो।
    दरअसल मामला दिसंबर 2019 का है। शासकीय कॉलेज में कार्यरत पीड़ित उमेश हुजूर से शासकीय भवन के आवंटन के नाम पर तत्कालीन कलेक्टर कार्यालय में पदस्थ स्टेनो संतोष पांडेय ने 30,000 रिश्वत मांगी थी। जिसकी शिकायत पीड़ित ने एंटी करप्शन ब्यूरो से की थी। इसके बाद रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ संतोष पांडेय को एसीबी की टीम ने धर दबोचा था। उसे समय कोरिया जिले के कलेक्टर डोमन सिंह हुआ करते थे। घटना के बाद तत्कालीन स्टेनो संतोष पांडेय को सस्पेंड कर बलरामपुर जिले में अटैच किया गया था। इस मामले की सुनवाई करते हुए आज जिला एवं सत्र न्यायालय के माननीय न्यायाधीश श्री आनंद कुमार ध्रुव ने आरोपी संतोष पांडेय को 3 साल की सजा दी है। शासन की तरफ से इस मामले की पैरवी श्रीमती किरण सोनी ने की थी।
    यह था पूरा मामला
    सरकारी क्वार्टर आवंटित करने के नाम पर प्रयोगशाला परिचारक से आरोपी पीएस टू कलक्टर(स्टेनो) ने 30 हजार रुपए की रिश्वत ली थी। एससीबी की टीम ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जेल जाने के चौथे दिन ही उसकी तबीयत बिगडऩे पर जिला अस्पताल के प्राइवेट वार्ड क्रमांक दो में भर्ती कराया गया है। यहां के चार बेडेड जेल वार्ड में सिर्फ दो मरीज भर्ती हैं, जबकि वार्ड के दो बेड खाली पड़े हैं। मामले में स्टेनो को जिला अस्पताल में प्राइवेट वार्ड की सुविधाएं मिलने को लेकर तरह-तरह की चर्चा हो रही है। लोगों का कहना है कि रिश्वतखोर स्टेनों को वीआईपी ट्रीटमेंट दिया जा रहा है। बिलासपुर-अंबिकापुर की एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने 19 दिसंबर की दोपहर करीब 12.05 बजे पीएस टू कलक्टर(स्टेनो) संतोष पाण्डेय को रामानुज प्रताप सिंहदेव स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्रयोगशाला परिचारक उमेश लाल कुजूर से सरकारी क्वार्टर आवंटन करने के नाम पर 30 हजार रुपए रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। एसीबी की टीम ने स्टेनो कक्ष में आरोपी स्टेनो के टेबल के नीचे ड्रॉज से रिश्वत की राशि 30 हजार बरामद किया था। मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत गिरफ्तार कर जिला एवं सत्र न्यायालय बैकुंठपुर में पेश किया गया जहां से आरोपी स्टेनो को न्यायिक रिमाण्ड पर जेल भेज दिया गया था।

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