हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी
मुख्य सचिव से फिर मांगा शपथ पत्र
समिति सिर्फ कागजों में काम कर रही, रेडियम लगाकर फोटो खिंचवा रहे हैं
बिलासपुर,२१ सितम्बर २०२३(ए)। आवारा मवेशियों के सडक़ों पर मौजूदगी से यातायात प्रभावित होने को लेकर दायर दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है। कोर्ट ने प्रदेश के मुख्य सचिव से शपथ पत्र के साथ फिर जवाब मांगा है।
हाईकोर्ट में दो जनहित याचिकाएं संजय रजक और राजेश चिकारा की ओर से दायर की गई हैं। इसके अलावा हाईकोर्ट ने खुद भी संज्ञान लिया है। राज्य में नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे की सडक़ों पर मवेशियों का झुंड मौजूद रहता है जिसके कारण सडक़ दुर्घटनाएं हो रही हैं और सफर करने वालों के अलावा मवेशियों की भी मौत होती है।
हाई कोर्ट ने जारी किया था निर्देश
बता दें कि बीते जुलाई महीने में चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने इस मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति बनाने का निर्देश दिया था। इसके अलावा जिला स्तर पर भी कलेक्टर की अगुवाई में समिति बनाने को कहा गया था। इसी तरह से समिति नगरीय निकायों और पंचायतों में भी बनाने का निर्देश दिया गया था।
मानो मवेशी को माला पहना रहे हों
इस सुनवाई में हाई कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि समिति केवल कागजों में काम कर रही है। रेडियम बांधकर मवेशियों के साथ तस्वीर जारी कर रहे हैं, मानों उनको माला पहनाई जा रही है। चाहे बिलासपुर रायपुर हाईवे चले जाइए या रतनपुर की तरफ, सडक़ों पर मवेशी ही दिखाई दे रहे हैं। प्रॉपर रोड मैप लाकर राज्य सरकार और नेशनल हाईवे अथॉरिटी को बताना चाहिए कि आखिर वह समस्या के निदान के लिए क्या कर रही है। अब इस मामले में अगली सुनवाई अक्टूबर में होगी।