- विधायक की पदयात्रा रिपोर्ट कार्ड सुधारने की उनकी कोशिश,टिकट तय होने तक जारी रहेगा जन संपर्क:सूत्र।
- 58 माह में किए गए विकास कार्यों को विधायक धरती के 500 मीटर ऊपर से दिखाने का भी कर रहीं हैं प्रयास, ड्रोन कैमरे की विडियो अब उनका प्रचार माध्यम।
- क्या अब चुनाव होने तक जारी रहेगा जन संपर्क विधायक की पैदल यात्रा,या फिर रिपोर्ट कार्ड सुधरने तक ही है जारी यह पदयात्रा?
- जनता के प्रति जिम्मेदारी और सेवा भावना का भाव 58 माह बाद वापस लौटा,अब जनता से मिल रहीं विधायक,लोगों ने भी मुलाकात में दिया उन्हे समय।
बैकुण्ठपुर 19 सितम्बर 2023 (घटती-घटना)। 58 माह बाद बैकुंठपुर विधानसभा की विधायक को अपना जनसंपर्क जरूरी जान पड़ा और अब वह जनसंपर्क में निकल चुकी हैं और उन्हे अब पैदल चलकर लोगों से मिलते देखा जा सकता है। चुनाव आगामी दो माह बाद ही प्रदेश में होने हैं विधानसभा के और ऐसे में विधायक की पदयात्रा को उससे भी जोड़कर देखा जा रहा है और अब जमीन की याद उन्हे आई यह समझा जा रहा है। एक विधायक को पूरे 60 माह मिलते हैं एक कार्यकाल में जब वह जनता द्वारा चुना जाता है और जनता की आवाज बनकर विधानसभा में जाता है। 60 माह के लिए जनता लोकतांत्रिक प्रकिया अनुसार अपना प्रतिनिधि इस उम्मीद से चुनती है की वह उसकी समस्याओं उसकी जरूरतों को समझेगा और उसके बाद वह समस्याओं का निराकरण कैसे हो सके इसको लेकर योजनाओं पर काम करेगा तदुपरान्त वह विधानसभा में जाकर उसकी उन समस्याओं को निराकरण के लिए प्रयास करेगा और उनसे उन्हे निजात दिलाएगा। समस्याओं से साथ ही उसकी मूलभूत जरूरते हैं इस अपेक्षा में विधायक के साथ जनता की जुड़ती हैं और वह यह मानकर चलता है की वह उसे निर्बाध मिलती रहेंगी और वह उसके लिए परेशान नहीं होगा।
वहीं जनता यह भी उम्मीद रखती है की उसका प्रतिनिधि जिसे उसने चुनकर निर्वाचित कर विधानसभा में भेजा है वह केवल विधानसभा तक राजधानी तक ही सीमित न रह जाए वह उसके दुख सुख में भी शरीक हो जहां दुख में वह ढांढस बढ़ाने का काम करे और सुख में उसके साथ खड़ा होकर उसे गौरवान्वित होने का अवसर प्रदान करे। इस तरह एक जनप्रतिनिधि जनता की नजर में केवल विकास कार्यों साथ ही निर्माण कार्यों की स्वीकृति मात्र के लिए नहीं चुना जाता वह जनता द्वारा अपने लिए हर समय उपलब्ध रहने के हिसाब से भी चुना जाता है और यही जनता उम्मीद करती है। हर समय से यह भी मतलब नहीं होता की निर्वाचित जनप्रतिनिधि का कोई व्यक्तिगत समय उसके लिए सुरक्षित नहीं रहता वह हर समय जनता के लिए ही खड़ा रहे फिर भी जनता यह उम्मीद रखती है की जब उसे जरूरत हो उसकी कठिनाइयों में उसकी फरियाद समय पर जनप्रतिनिधि तक पहुंच जाए और उसका निराकरण उसे मिल जाए।
निर्वाचित विधायकों के पास जनता के लिए समय नहीं है
इस तरह एक व्यापक बड़ी जिम्मेदारी एक जनप्रतिनिधि जो निर्वाचित होता है उसकी होती है खासकर विधायक के मामले में यह विशेष महत्व रखती है लेकिन प्राय आजकल देखने को मिल रहा है निर्वाचित विधायकों के पास जनता के लिए समय नहीं है उनके पास विकास कार्य बताने के लिए तो हैं लेकिन जनता के सुख दुख में उनकी सहभागिता कितनी रहती है यह देखा जा रहा है जो कम है। जनप्रतिनिधि ज्यादा समय अपने निर्वाचन क्षेत्र से अलग राजधानी में बिताते हैं आजकल यह एक परंपरा बनी हुई है और उनका अपने निर्वाचन क्षेत्र में समय नहीं कटता यह माना जाता है,वैसे समय समय पर वह आते जरूर हैं क्षेत्र में लेकिन वह भी उनका आंशिक दौरा क्षेत्र भ्रमण साबित होता है। किसी शासकीय आयोजन या जहां भीड़ इकट्ठी हो पांच सालों तक निर्वाचित जनप्रतिनिधि विधायक वहीं तक सीमित रहते हैं और प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचने की कोशिश बिल्कुल नहीं करते, जबकि विधानसभा का सत्र भी हफ्ते दो हफ्ते का ही होता है वह भी कई महीनो बाद आता है जब उन्हे राजधानी में विधानसभा में होना अनिवार्य होता है, वहीं उसके बाद का समय उनका निर्वाचन क्षेत्र का होता है जिसमे वह कटौती करते देखे जाते हैं।
बैकुंठपुर विधायक को 58 माह बाद याद आया की उन्हे जन संपर्क करना चाहिए
बैकुंठपुर विधायक को 58 माह बाद याद आया की उन्हे जन संपर्क करना चाहिए और वह अब निकल पड़ी हैं,दो माह बाद ही चुनाव हैं और उसकी तैयारी के रूप में उनका यह भ्रमण माना जा रहा है। वैसे सत्ताधारी दल के द्वारा कराए गए सर्वे में बैकुंठपुर विधायक को जनसंपर्क मामले में कमजोर माना गया है और पार्टी के सामने इसे कमजोर परफॉर्मेंस के रूप ने देखा जा रहा है और यह भी उनके भ्रमण का एक कारण माना जा रहा है जिससे अंतिम समय में उनका परफॉर्मेंस सुधरा हुआ नजर आए। अभी चूंकि टिकट भी तय नहीं है और पार्टी अंतिम रूप से सभी दावेदारों की समीक्षा उनके जन संपर्क की समीक्षा जरूर करेगी और विधायक यह भांप चुकी हैं या उन्हें इस बात का एहसास कराया गया है इसलिए भी वह जनसंपर्क में निकल चुकीं हैं यह माना जा रहा है,अब वजह जो भी हो लेकिन बैकुंठपुर विधायक का जनसंपर्क तेज हो चुका है और उनकी पदयात्रा देखी जा रही है कुछ खास समर्थक भी उनके साथ अब चल रहे हैं उनका साथ दे रहें हैं लेकिन जनता अभी मौन है और वह अंतिम समय में निर्णय लेती है यह देखा जाता रहा है।
विधायक जन संपर्क को लेकर हुईं गंभीर, हाट बाजारों सहित ग्रामों का भ्रमण 58 माह बाद किया जारी
बैकुंठपुर विधायक अब 58 माह के कार्यकाल के बाद गंभीर नजर आने लगी हैं आगामी चुनाव के मद्देनजर,अब उन्हे जनसंपर्क करते देखा जा रहा है। उनका जन संपर्क अब हाट बाजारों सहित ग्रामों में बड़ी तेजी से जारी है,वह पदयात्रा भी करती देखी जा रही हैं। उनके साथ उनके खास कुछ समर्थक मौजूद रह रहे हैं और वही अब उनके लिए जनता के बीच समर्थन जुटा रहें हैं। विधायक प्रतिदिन अब जन संपर्क कर रहीं हैं और लोगों के बीच पहुंचने का वह प्रयास कर रही हैं।
पटना साप्ताहिक बाजार में विधायक ने किया जनसंपर्क,की पदयात्रा- विधायक की पदयात्रा या जनसंपर्क पटना साप्ताहिक बाजार से आरंभ हुई जो गत सप्ताह हुई,इस दौरान विधायक ने सब्जी विक्रेताओं से अन्य व्यापारियों से साथ ही बाजार में पहुंचे लोगों से मुलाकात की,उन्हे कुछ प्रतिष्ठित प्रतिष्ठान के व्यापारियों से भी मुलाकात की और उनके बीच बैठकर उनसे बातचीत की। पटना साप्ताहिक बाजार खासकर शनिवार का साप्ताहिक बाजार काफी बड़े क्षेत्र में लगता है और वहां काफी दूर दूर से लोग बाजार करने पहुंचते हैं,विधानसभा के सभी दलों के नेताओं के लिए यह दिन काफी खास होता है जनसंपर्क के लिए। विधायक ने भी यहीं से अपनी नई पारी के लिए जन संपर्क की शुरुआत की है। जन संपर्क के दौरान लोगों ने उनसे बड़े आदर भाव के साथ मुलाकात किया और सामान्य चर्चा उनसे की।