रामानुजगंज 04 नवम्बर 2021 (घटती घटना)। नगर पंचायत क्षेत्र रामानुजगंज में देर रात तक डी.जे.साउंड सिस्टम बजाए जाने पर जिला न्यायाधीश ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए जिला एवं पुलिस प्रशासन को तत्काल कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं जिला न्यायाधीश, सिराजुद्दीन कुरैशी ने जारी विज्ञप्ति में कहा है कि ध्वनि प्रदुषण के रोकथाम के सम्बन्ध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा 18 जुलाई 2005 को आदेश पारित करते हुए समुचित कदम उठाये जाने हेतु पुलिस व जिला प्रशासन को विस्तृत दिशा निर्देश जारी किये गये हैं। इसके बावजूद भी नगर में अनुज्ञेय सीमा से अधिक डेसिबल के ध्वनि यंत्रों बड़े बड़े साउण्ड बॉक्स को वाहनों में परिवहन कर सार्वजनिक स्थलों पर देर रात्रि तक व अधिक आवाज में खुलेआम बजाया जा रहा है। संबंधित व्यवसायी ऐसे प्रतिबंधित ध्वनि यंत्रों को खुले आम किराये पर दे रहे हैं और इन अवैध कृत्यों पर अंकुश लगाने की दिशा में कोई समुचित कदम नहीं उठाये जा रहे हैं। उन्होंने ने कहा कि ध्वनि प्रदुषण से न सिर्फ शासकीय व निजी कार्यों में बाधा उत्पन्न होती है,अपितु आम लोगों के स्वास्थ्य पर भी गंभीर दुष्प्रभाव पड़ता है और इससे उत्पन्न तनाव के कारण मानसिक व शारीरिक क्षमता में भी कमी आती है। लोक स्वास्थ्य व सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए,जिला न्यायाधीश ने माननीय सर्वोच्च न्यायालय का आदेश माननीय उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ में पारित आदेशों की प्रति सहित आदेशों का भलीभांति परिपालन सुनिश्चित कराने हेतु समुचित कदम उठाये जाने हेतु पुलिस व जिला प्रशासन को पत्र प्रेषित करते हुए माननीय सर्वोच्च न्यायालय व माननीय उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ के आदेशों का कड़ाई पूर्वक पालन सुनिश्चित करने हेतु आवश्यक कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये। साथ ही जिला न्यायाधीश ने उक्त आदेश का कड़ाई पूर्वक पालन नहीं करने वाले व्यक्ति के विरुद्ध कार्यवाही करने एवं साउण्ड सिस्टम जब्त किये जाने हेतु निर्देशित किया गया हैं।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डीजे बजाने पर लगाई रोक
इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस पी.के.एस.बघेल और जस्टिस पंकज भाटिया की बेंच ने डीजे सिस्टम साउंड को लेकर एक बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा है कि डीजे बजाने वालों को पांच साल की जेल और एक लाख रुपये तक जुर्माना वसूले जाने जैसी सजा का सामना करना पड़ेगा। कोर्ट ने अब डीजे बजाने की परमिशन देने पर ही रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने डीजे बजाने पर पूरी तरह लगाई रोक, बजाया तो 5 साल की जेल और एक लाख तक जुर्माना राज्य सरकार को भी आदेश दिया है कि ध्वनि प्रदूषण के मामलों में एफआईआर दर्ज कर उनके खिलाफ कार्रवााई की जाए। हाईकोर्ट ने ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण कानून के उल्लंघन को नागरिकों के मूल अधिकार का उल्लंघन बताया है।