अनूपपुर@रजिस्ट्री विभाग की भ्रष्ट व्यवस्था के चलते पनप रहे भू-माफिया

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जिले में भू माफिया की कारगुजारियां बढ़ती जा रही हैं। अनुपपुर भू माफियाओं के गोरख धंधे की मिसाल बनता जा रहा है, अलबत्ता यह अपवाद नहीं है। यहां जैसी कहानी और भी बहुत से शहरों, और शहर बनते कस्बों की है। भ्रष्ट व्यवस्था के चलते भू माफिया पनप रहे हैं। पुलिस, राजस्व विभाग, रजिस्ट्री विभाग की मिलीभगत के चलते इस तरह के काम को बढ़ावा मिलता है।

-अरविंद द्विवेदी-
अनूपपुर 17 सितम्बर 2023 (घटती-घटना)। जिले में भी भूमाफिया के आतंक से अधिकांश भूस्वामी अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। जमीनी फर्जीवाड़े में सफेदपोश अपराधियों के शामिल होने से वास्तविक भूस्वामी परेशान हो रहे हैं। भू माफिया के द्वारा फर्जी दस्तावेज बनाकर गलत तरीके से रजिस्ट्री कराने का गंदा खेल चल रहा है। भू माफिया गिरोह में ऐसे बेरोजगार नौजवानों का इस्तेमाल भी हो रहा है जो रातों-रात करोड़पति बनने के सपने देखा करते हैं। फर्जी एग्रीमेंट के कागजात भू माफिया के द्वारा बहुत सुनियोजित तरीके से बनवाए जाते हैं। इसी आधार पर फर्जी तरीके से रजिस्ट्री भी करा ली जाती है।

फर्जीवाड़े में पटवारियों की भूमिका संदिग्ध

यदि ऐसे गिरोह के खिलाफ कभी कोई कागजी सुराग हाथ लगता है तो पुलिस कार्रवाई नहीं होने से भू माफिया गिरोह अपने को बेखौफ महसूस करता है। इस गिरोह के द्वारा फर्जी तरीके से जमीन की रजिस्ट्री की नकल निकलवा ली जाती है। जमीनी फर्जीवाड़े में पटवारियों की भूमिका कम खतरनाक नहीं, जिनके द्वारा भूस्वामी के नाम की ऋण पुस्तिका तक फर्जी व्यक्ति का चित्र लगाकर तहसील कार्यालय से जारी करा दी जाती है, और जिसकी जानकारी वास्तविक भूमि स्वामी को नहीं होती है। इसी को आधार बनाकर जमीन की रजिस्ट्री और नामांतरण का खतरनाक खेल भी होता है।

जिले में बेखौफ जारी फर्जी रजिस्ट्री का खेल

ऐसी स्थिति में भूस्वामी को अपनी जमीन बचाने के लिए कोर्ट कचहरी के चक्कर लगाने होते हैं। वास्तविक भूस्वामी के कीमती समय और पैसे दोनों की बर्बादी होती है और न्याय की प्रतीक्षा में जिंदगी गुजर जाती है। जबकि शिकायतों के आधार पर इन भूमाफिया के खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज होना चाहिए। इसके चलते भूमाफियाओं पर बड़े पैमाने पर अंकुश लगेगा। बीते दिनों जिले में ऐसे कई मामले प्रकाश में आए हैं जिसमें फर्जी तरीके से कागजात तैयार करके रजिस्ट्री करवा ली जाती है।

अदालत का स्थगन आदेश किस आधार पर

रजिस्ट्रार ऑफिस के द्वारा यह कह दिया जाता है कि यदि कोई आपत्ति लगाना है तो रसीद कटाइए। फर्जी रजिस्ट्री रोकने के लिए कोर्ट से स्टे लाने की बात करने लगते हैं। यह सवाल काफी महत्वपूर्ण है कि जब किसी को पता ही नहीं कि उसकी रजिस्ट्री कब, कौन व्यक्ति करा रहा है तो अदालत का स्थगन आदेश किस आधार पर लाएगा.? सामान्य तौर पर रजिस्ट्रार ऑफिस को आपत्तिकर्ता की शिकायत को संज्ञान में लेना चाहिए। यदि ऐसा नहीं होता है तो यह मान लेना चाहिए कि इस तरह के फर्जीवाड़े में रजिस्ट्रार ऑफिस की भी मिलीभगत रहती है।

नोटिस के बाद भी मामला अधर में लटका हुआ

बीते दिनों डिडवापानी जमीन बिक्री मामले में एसडीओपी अनुपपुर पूरे मामले की जांच कर रहे हैं। विभाग द्वारा नोटिस काटने के बाद भी शिकायत अभी भी ठंडे बस्ते में नजर आ रहा है। उक्त मामले में सेवा प्रदाता ने खुले आम वकील सुनील गुप्ता पे आरोप लगाए थे की सारा मामला उनका किया हुआ है। साथ ही जिले के कुछ दलालों के नाम भी शिकायत में सामने आए उसके बाद भी मामला अधर में लटका हुआ है। इतना ही नहीं अब इस मामले में राजेंद्रग्राम के एक सोनी का नाम भी आ रहा है। सूत्रो की माने तो मामले की कड़ी अब राजेंद्रग्राम तक भी पहुंच रही है, लाल पट्टा व इस सोनी की जोड़ी ने पड़ोसी जिले में भी जमीनों की हेराफेरी की है जिसकी जांच किया जाना भी अब जरूरी है।

मामले से क्रेता ने बनाई दूरी, खड़े हो रहे कई प्रश्न

डिडवापानी मामले में बिलासपुर के क्रेता गिल ने भूमि ग्राम डिडवापानी आराजी खसरा नम्बर 13/6/2 रकवा 1.265 हे0, 12/4 रकवा 4.047 से, 7/4/2 रकवा 2. उत हे. 8/1 रकवा 12.14 हे को फर्जी विक्रेता बनकर अनिल कुमार शाह (उम्र 51 वर्ष) पिता छोटेलाल शाह निवासी वार्ड नं. 06 पुनीरा आधार नं. 829050587408 के द्वारा विक्रयनामा बलवीर सिंह गिल पिता ज्ञान सिंह गिल निवासी हाउस नम्बर 87 वार्ड नं. 04 नयापारा बोदरी (बोसरी) बिलासपुर आधार नम्बर 251366353909 रजिस्ट्रेशन नं. एमपी 46252202312086376 रजिस्ट्रेशन दिनांक 05/07/2023 को रजिस्ट्री कराया गया है जिसमें भूमि विक्रय की राशि 4 चेक के माध्यम से 68 लाख रूपये प्राप्त कर रजिस्ट्री कराई गई है। जिसमें से 20 लाख रूपये जरिये ऐक्सिस बैंक शाखा राजेन्द्र नगर बिला सीटी बिलासपुर के चेक क्रमांक 040921 दिनांक 21 मई 2023 के माध्यम से एवं 20 लाख रूपये जरिये ऐक्सिस बैंक शाखा राजेन्द्र नगर बिला सीटी बिलासपुर के चेक क्रमांक 040922 दिनांक 21/06/2023 के माध्यम से एवं 18 लाख रुपये जरिये ऐक्सिस बैंक शाखा राजेन्द्र नगर बिला सीटी बिलासपुर के चेक क्रमांक 040923 दिनांक 21 मई को माध्यम से एवं 10 लाख रूपये नगद के माध्यम से इस प्रकार विक्रय प्रतिफल की संपूर्ण राशि 68,00,000 (अठसठ लाख रुपये मात्र) विक्रय पंजीयन के पूर्व विक्रेता से क्रेता ने चेक व नगद के माध्यम से राशि प्राप्त किया है तथा सेवा प्रदाता कमलेश प्रसाद राठौर पिता देवलाल राठौर (एसपी 14625112201400139) निवासी वार्ड नं. 09 हाल मुकाम अनूपपुर तहसील के पास डॉ एसआरपी द्विवेदी के बगल में बताया गया। सवाल उठता है कि इस पूरे मामले में शिकायत व समाचार पत्र में आने के बाद भी क्रेता पूरे मामले से दूरी बनाए हुए हैं ऐसे में इस फर्जीवाड़े में उनकी मिलीभगत भी हो सकती है अगर उसके साथ छल हुआ है तो आगे आकर शिकायत करनी चाहिए पर क्रेता का मौन बहुत कुछ कह रहा है। बहरहाल मामला पुलिस के पास है जांच के बाद सारा सच सामने आएगा।

कागजों में सत्यापन, दो-दो अनिल शाह

इस मामले में विक्रेता अनिल शाह है जिस अनिल शाह ने पंजीयन कराया है वह वर्तमान में लापता हैं साथ ही दिल्ली निवासी अनिल पंजाबी आज भी जमीन अपनी मान रहे हैं। उनका कहना है कि उन्होंने जमीन बेची ही नही, वह जल्द ही पुलिस को अपनी शिकायत देंगे। अब सवाल उठता है कि जब अनिल ने पंजीयन कराया ही नही तो किस अनिल ने पंजीयन कराया जिसे कुछ गवाहों ने सत्यापित भी कर दिया।


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