अनूपपुर@गणेश उत्सव को लेकर बड़े ही हर्ष उल्लास के साथ हर जगह तैयारी जोरों पर

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गणेश चतुर्थी हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। पुराणों के अनुसार इसी दिन गणेश का जन्म हुआ था। गणेश चतुर्थी पर हिन्दू भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है। कई प्रमुख जगहों पर भगवान गणेश की बड़ी प्रतिमा स्थापित की जाती है। इस प्रतिमा का नौ दिनों तक पूजन किया जाता है और बड़ी संख्या में आस पास के लोग दर्शन करने पहुँचते है। इस साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की गणेश चतुर्थी 19 सितंबर 2023 को है। इसी दिन से गणेश चतुर्थी की शुरुआत हो रही है। वहीं इसका समापन 28 सितंबर 2023 को अनंत चतुर्थी वाले दिन होगा।

-अरविन्द द्विवेदी-
अनूपपुर,16 सितम्बर 2023 (घटती-घटना)। भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से गणेश उत्सव की शुरुआत होती है। गणेश उत्सव का यह पावन पर्व 10 दिनों तक चलता है। वहीं अनंत चतुर्दशी के दिन इस उत्सव का समापन होता है। इस दौरान लोग ढोल नगाड़ों के साथ बड़ी ही धूमधाम से बप्पा को अपने घर लाते हैं। गणेश उत्सव के दिनों में चारों ओर बप्पा के नाम का उद्घोष सुनाई पड़ता है। गणेश उत्सव का पर्व हिन्दू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। गणपति बप्पा बुद्धि और शुभता के देवता हैं। उन्हें विघ्नहर्ता भी कहा जाता है, उनका हर नाम बहुत चमत्कारी है। कहा जाता है कि जहां पर बप्पा विराजते हैं वहां हर समय सुख-समृद्धि रहती है।

मूर्ति कला स्थानों पर सज रही प्रतिमाएं

मूर्ति कला कारो ने बताया कि भगवान गणेश की प्रतिमा रखने के लिए छोटे-छोटे बच्चे बहुत ही उत्सुक रहते हैं इस लिए हम बच्चो में श्रीगणेश भगवान के प्रति आस्था को देखते हुए छोटी मूर्तियां भी बनाते हैं। उनकी साज सज्जा करने के उपरांत बहुत ही मनमोहक छवि दिखाई पड़ती है। ग्राहक भी अपनी पसंद के अनुसार दुकानों पर पहुंचकर खरीदारी करने में जुट गए हैं। श्रद्धालुओं का कहना है कि वह भगवान गणेश को प्रसन्न करने में किसी भी प्रकार की कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं।

आकर्षण का केन्द्र बन रही प्रतिमाएं

गणेश चतुर्थी को लेकर शहर से लेकर गाव में तैयारी शुरू हो गई है। बाजार सजने लगे हैं और महिलाएं भी तैयारी में जुटी हैं। वहीं दूसरी तरफ बाजार में भगवान गणेश की कई तरह की मूर्ति बाजार में श्रद्धालुओं को अपनी तरफ आकर्षित कर रही हैं। मंगलवार 19 सितंबर को गणेश चतुर्थी का पर्व है। गणेश चतुर्थी को श्रद्धालु हर्षोल्लास के साथ मनाने की तैयारी में हैं। इसको लेकर दुकानदारों ने भी तैयारी शुरू कर दी है। दुकानदारों की ओर से भगवान गणेश की मूर्ति मंगवा ली गई हैं जिनको अपनी दुकानों में सजाना शुरू कर दिया है।

प्रथम पूज्य हैं भगवान श्री गणेश

हिन्दू संस्कृति में किसी भी कार्य की सफलता के लिए सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है। गणेश के पूजन से भक्तों को सुख, समृद्धि और यश प्राप्ति होती है। जानकारों का कहना है कि इस बार की गणेश चतुर्थी बहुत विशेष है। तीन योग जिसमें एक ब्रह्म योग, दूसरा शुक्ल योग और तीसरा शुभ योग है। ये तीनों योग मिलकर लगभग 300 साल बाद दुर्लभ योग बना रहे हैं। ब्रह्मा योग में ब्रम्हा, विष्णु और महेश तीनों शक्तियां एक साथ साक्षात मौजूद रहती हैं। शुक्ल योग में जितने भी जातक गणेश चतुर्थी में शामिल होते हैं गणेशजी की आरती पूजन करते हैं। उनके घर में शुभ ही शुभ होता है शुभ योग यानी गणेशजी के भक्तों के घरों में होने वाले कार्य भी शुभ ही शुभ होगे।

निर्धारित कुंड में ही किया जाए विसर्जन

जिले में गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन हेतु अनूपपुर कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक द्वारा नगरी क्षेत्रों में बनाए गए निर्धारित कुंड में ही गणेश विसर्जन किया जाना सुनिश्चित किया गया है। कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक द्वारा समस्त जिला वासियों से अपील की गई है कि वर्तमान समय में जिले में लगातार हो रही बारिश के कारण नदी नाले व तालाबों का जलस्तर सामान्य की स्थिति से अधिक है जिस पर गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन क्षेत्रों में बने कुंड पर ही किया जाए।

सभी क्षेत्रों में बनाए जायेंगे विसर्जन कुंड

सभी क्षेत्रों की पूजन समितियों को समस्त नगर पालिकाओं के मुख्य नगर पालिका अधिकारी व अध्यक्ष उपाध्यक्ष द्वारा बताया गया है कि श्री गणेश प्रतिमा के विसर्जन के लिए शासन द्वारा प्राप्त दिशा निर्देश पर क्षेत्र में स्थान चिन्हित कर कुंड को बनाकर पन्नी से कवर कर उसमें पानी भराव कराया जायेगा। साथ ही नगर परिषदों द्वारा कुंड के समीप कर्मचारी भी तैनाथ किये जायेंगे जिससे कोई घटना घटित न हो। नगर परिषदों द्वारा श्रीगणेश प्रतिमा विसर्जन के लिए भी समय सीमा तय करते हुए क्षेत्र के समस्त पूजा समितियों को निर्देशित किया गया है कि समय का विशेष ध्यान रखते हुए विसर्जन करें।


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