सूरजपुर@भवनों के निर्माण में आई दरारों से खुल रही है भ्रष्टाचार की पोल

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  • आरईएस विभाग का कारनामा,लाखों के भवन निर्माण के औचित्य पर उठाए जा रहे है सवाल
  • भवन निर्माण के साथ ही दरारे खोल रही है भ्रष्टाचार की पोल
  • ओंकार पांडेय –
    सूरजपुर,14 सितम्बर 2023 (घटती-घटना)। लाखों रुपए खर्च कर ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग द्वारा आमजनों के सुविधा के लिए भवनों का निर्माण तो कराया गया मगर निर्माण कार्य पूर्ण होने के साथ ही भ्रष्टाचार की भी पोल खुल गई है इन भवनों की कोई उपयोगिता अभी तक सार्थक होते नहीं दिख रही हैं। ग्रामीणों को इसका लाभ भी नही मिल पा रहा है। ऐसे में कहा जा सकता है कि शासन के पैसों का दुरुपयोग कर विभाग सिर्फ अपनी कमाई में मशगूल है जिसकी जांच होनी चाहिए।
    पिछले साल रिंग रोड में आरईएस विभाग ने गढ़ कलेवा के सामने ग्राम पंचायत तिलसिवां की भूमि में 5-5 लाख रुपए की लागत से वृद्ध जनों के लिए बापू कुटीर इसी के बगल में स्व सहायता समूह के लिए विहान एंपोरियम भवन का निर्माण कराया गया और आदिवासी संग्राहकों के लिए शेड निर्माण के साथ शौचालय निर्माण का कार्य पूर्ण कराया गया है जो बनते ही अब खंडहर में तदील हो रहा हैं ना तो इस भवन की उपयोगिता समझ में आ रही है और नहीं इसे प्रारंभ कराया गया।घास फूस से लदे यह भवन शोभा बढ़ा रहे है और आने-जाने वाले लोग यह कह रहे हैं कि शासन के पैसों का दुरुपयोग कर कैसे बंदर बांट किया गया इस भवन की गुणवाा भी ऐसी की अभी तक तो यहां से किसी कार्य का संचालन ही नहीं हो पाया अलबाा भवनों में चारों ओर दरारें पड़ गई हैं जिसकी जांच होनी चाहिए और संबंधित विभाग के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए जिस स्थान पर यह भवन का निर्माण कराया गया है उसके सामने बड़े-बड़े गड्ढे हैं जिसे सड़क से जोड़कर ठीक भी नहीं कराया गया है। खैर अभी तक तो इस भवन से कोई कार्य ही प्रारंभ नहीं हुआ है,नहीं बापू कुटीर की कोई उपयोगिता समझ में आ रही है।विभाग यहां भवन किस मकसद से बनवाया है यह तो समझ से परे हैं और अगर शासन के पैसों का उपयोग किया गया है तो इसकी उपयोगिता भी समझ में आनी चाहिए!यहां से कार्य प्रारंभ होने चाहिए। वैसे आरईएस विभाग ने जिले में भ्रष्टाचार के मामले में खूब सुर्खियां बटोरी हैं।कांग्रेस सरकार में किए गए उनके कार्यों की ईमानदारी से जांच करा दी जाए तो विभाग के कई अधिकारियों के कारनामे सामने आ जाएगी और वह जेल के सलाखों के पीछे होंगे।बताया जाता है कि अधिकारी अपने चहेते ठेकेदारों को काम देकर खूब कमीशन खोरी कर रहे हैं जिससे यह विभाग अक्सर सुर्खियों में रहता है। विभाग के द्वारा कराए गए कई अन्य कार्यों का भी खुलासा किया जाएगा।ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग के कार्यपालन अभियंता से भवनों के निर्माण से संबंधित जानकारी चाहने की कोशिश की गई मगर वे मोबाइल उठाना मुनासिब नहीं समझते जिससे उनका पक्ष ज्ञात नहीं हो सका है।
    शेड निर्माण का नशेड़ी
    कर रहे बढि़या उपयोग…

    इन भवनों के बगल में एक शेड का निर्माण कराया गया है जिसकी भी उपयोगिता समझ से परे हैं। यह जरूर है कि यह रात में शराबियों का अड्डा बन गया है। सुनसान जगह होने से नशेडि़यों के लिए यह शेड निर्माण बढि़या उपयोगी साबित हो रहा है।नशेडि़यों के वजह से रात में यहां से आवागमन करने वाले भी भयाक्रांत रहते हैं। वैसे भी रिंग रोड में अंधेरों का साम्राज्य रहता है पुलिस पेट्रोलिंग का भी कोई अता-पता नहीं रहता जिससे इस मार्ग पर आवागमन करना खतरे से खाली नहीं है।

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