रायपुर,12 सितम्बर 2023(ए)। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा सीधी भर्ती के पदों पर तीन वर्ष की परिवीक्षा अवधि के दौरान पहले तीन वर्ष में वेतनमान के न्यूनतम 70, 80 और 90 प्रतिशत स्टायपेंड दिए जाने के प्रावधान को समाप्त करने की घोषणा के परिपालन में वित्त विभाग द्वारा आज आदेश जारी कर दिया गया है। वित्त निर्देश के उपरोक्त प्रावधान शासकीय विभाग, कार्यालयों के साथ सभी निगम, मंडल, आयोग, प्राधिकरण, विश्वविद्यालय, अनुदान प्राप्त स्वशासी संस्थाओं आदि में भी सीधी भर्ती के पद पर भर्ती पर लागू होगा। राज्य शासन द्वारा सीधी भर्ती से नियुक्ति पर परिवीक्षा अवधि में स्टायपेण्ड के प्रावधान को समाप्त कर, उस पद के वेतनमान के न्यूनतम वेतन पर वेतन निर्धारित किये जाने का निर्णय लिया गया है, जिसके लिए निम्नानुसार प्रावधान किये गए हैं सीधी भर्ती पर परिवीक्षावधि में उस पद के वेतनमान के न्यूनतम वेतन दिये जाने का प्रावधान वित्त विभाग की पूर्व अधिसूचना 28 जुलाई 2020 से भूतलक्षी प्रभाव से लागू होंगे। 28 जुलाई 2020 से इस आदेश के जारी होने के मध्य नियुक्त शासकीय सेवकों का वेतन निर्धारण नियुक्ति दिनांक से काल्पनिक आधार पर किया जाकर वास्तविक आर्थिक लाभ इस आदेश दिनांक से प्राप्त होगा। इस प्रकार काल्पनिक आधार पर किये गये वेतन निर्धारण के फलस्वरूप किसी प्रकार के एरियर्स की राशि देय नहीं होगी।
इसी प्रकार विधिवत् विभागीय अनुमति प्राप्त कर, अन्य सेवा में आने वाले शासकीय सेवकों को जिनके द्वारा पूर्व पद से तकनीकी त्याग पत्र दिया गया है, को वेतन संरक्षण का लाभ मूलभूत नियमों के प्रावधानों के अनुरूप पूर्ववत् प्राप्त होगा। ऐसे प्रकरणों में सक्षम प्राधिकारी द्वारा नियुक्ति दिनांक से वेतन संरक्षण का लाभ दिया जा सकेगा किन्तु दिनांक 28 जुलाई 2020 से इस आदेश के जारी होने के मध्य नियुक्त शासकीय सेवकों के प्रकरणों में वेतन संरक्षण का निर्धारण काल्पनिक आधार पर किया जाकर वास्तविक आर्थिक लाभ इस आदेश दिनांक से प्राप्त होगा। इस प्रकार काल्पनिक आधार पर वेतन संरक्षण हेतु किये गये वेतन निर्धारण के फलस्वरूप किसी प्रकार के एरियर्स की राशि देय नहीं होगी।
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