इस कारनामे की जांच होने पर कई रसूखदार भूमाफियाओं के कारनामे उजागर होंगे
-राजेन्द्र शर्मा-
खड़गवां,08 सितम्बर 2023 (घटती घटना) पोडी बचरा तहसील के अंतर्गत स्थित खसरा नंबर 552एवं 553 रकबा 2•02 हेक्टेयर भूमि को शासन के द्वारा सैनिक वशिष्ठ सिंह को जीविकापार्जन के लिए आवंटित किया गया था। जबकि पूर्व सैनिक वशिष्ठ सिंह एंव उनकी पत्नी चंदा सिंह का देहांत हो चुका है एवं वशिष्ठ सिंह का कोई वारी शान नहीं है वशिष्ठ सिंह के भाई शत्रुधन एवं पत्नि विमला देवी के द्वारा भूमि के कूटरचित दस्तावेज के आधार पर एवं भूमाफियाओं के सहयोग से सैनिक वशिष्ठ सिंह की शासन द्वारा आवंटित कृषि भूमि को भाई शत्रुधन एवं पत्नि श्रीमती विमला मृतक सैनिक वशिष्ठ सिंह एवं पत्नि चंदा सिंह बनकर श्रीमति सविता कुण्डु पति शंभु कुण्डु निवासी गणेशपुर थाना जयनगर जिला सरगुजा को 27 अप्रैल 2011 को पंजीकृत विक्रय पत्र के माध्यम से विक्रय कर दिया गया है वही विमला सिंह ने 29 मार्च 2007 में अपने स्वामित्व एवं अधिपत्य की भूमि को एकता नगर गोदरीपारा चिरमिरी निवासी श्रीमति फुलेश्वरी पत्नि बरातू को बिक्री की गई है और दोनों जमीन का मालिक अलग अलग है एक जमीन जो सैनिक वशिष्ठ सिंह एवं पत्नि चंदा सिंह के नाम पर है वही दूसरी जमीन श्रीमती विमला सिंह पति शत्रुधन के नाम है जमीन के मालिक अलग अलग है लेकिन रजिस्ट्रीकर्ता दोनों जमीन का एक ही एक रजिस्ट्री में विमला सिंह चस्पा फोटो में है तो वही दूसरी रजिस्ट्री में बिना चस्मा फोटो लगाया है जिस फर्जी रजिस्ट्री की जानकारी गामीणो को होने पर स्थानीय ग्रामीणों ने मुख्य सचिव छत्तीसगढ़ शासन को एवं कलेक्टर कोरिया को आवेदन देकर बचरा में शासन के द्वारा सैनिक को आवंटित कृषि भूमि शासकीय भूमि को खाली कराया जाने हेतु गुहार लगाई गई है| गौर करने वाली बात यह है कि फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत कर फर्जी रजिस्ट्री कराने वाले पति पत्नी की मौत हो चुकी है इस मामले की बिंदुवार जांच हुई तो इस मामले में कई अधिकारी कर्मचारियों की संलिप्तता भी उजागर होगी अब देखना यह कि रसूखदार भूमाफियाओं के द्वारा जांच को प्रभावित करने के लिए किस किस हथियार का उपयोग कर को प्रभावित कर सकते हैं इन रसूखदार लोगों के दबाव में जांच होगी भी या नहीं समय ही बताएगा?