अंबिकापुर@शुभम देव के CGPSC में द्वितीय रैंक व डॉ. ममता तिवारी के 11 वां रैंक आने पर आने से सरगुजा का बढ़ा मान

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अमन सिंह 9 वां,ऋचा बसंल ने 10 वां,श्रवण बंसल ने 18 वां व डॉ. ममता ने लाया 11 वां रैंक
अंबिकापुर,07 सितम्बर 2023 (घटती-घटना)। छाीसगढ़ पीएससी द्वारा घोषित परीक्षा परिणाम में अंबिकापुर के अभ्यर्थियों को सफलता मिली है। जिसमें शुभम देव ने दूसरा स्थान प्राप्त किया है है। उनके बड़े भाई राहुल देव 2016 बैच के आईएएस और भाभी भावना गुप्ता आईपीएस अधिकारी हैं। वहीं शहर के ऋचा बंसल ने 10 वां व श्रवण बंसल 18 वां रैंक हांसिल किया है। ये दोनों भाई बहन हैं। वहीं पीएचई विभाग में एसडीओ के पद पर पदस्थ अशोक सिंह का पुत्र अमन सिंह ने 9 वां रैंक हांसिल किया है। इसके अलावा बुजुर्ग सास-ससुर की सेवा,बच्चे की देखभाल के साथ होमियोपैथी मेडिकल आफिसर की शासकीय जिम्मेदारी संभालते हुए डॉ. ममता तिवारी ने 11 वां रौंक हासिंल किया है। यह सभी अभ्यर्थियों ने जिले सहित परिवार का नाम रोशन किया है। इनके चयन से परिवार में खुशी की लहर है। सीजी पीएससी 2022 की परीक्षा परिणाम में अंबिकापुर निवासी शुभम गुप्ता ने मेरिट लिस्ट में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। शुभम मुंगेली कलेक्टर राहुल देव के छोटे भाई हैं। शुभम की भाभी भावना गुप्ता आइपीएस हैं और बेमेतरा की एसपी हैं। आईआईटी कानपुर से बीटेक शुभभ गुप्ता ने चार बार यूपीएससी की परीक्षा भी मलीफाई की है। यूपीएससी 2021 में वे यूपीएससी के इंटरव्यू तक पहुंच गए थे। वर्ष 2023 यूपीएससी में उन्होंने प्री मलीफाई कर लिया है और मेंस की तैयारी कर रहे हैं। सीजी पीएससी में में टॉपर बनने के लिए शुभम ने मात्र पांच से छह माह की तैयारी की थी। उन्होंने बताया कि यूपीएससी के एग्जाम के बाद थोड़ा टाइम था, तो थोड़ी तैयारी की पीएससी की परीक्षा दी और अच्छा रैंक मिल गया।
शुभम ने कहा कि मेहनत का कोई विकल्प नहीं है। लगातार प्रयास व नाकामी से सीखते हुए सफलता तक पहुंचा जा सकता है। प्रयास में समर्पण और निष्ठा बेहद जरूरी है। आपको अपने लक्ष्य का पीछा करना होता है और कामयाबी उसी के बूते ही मिल पाती है। शुभम न तो फेसबुक पर हैं और ना ही व्हाट्सएप ही चलाते हैं। फोन का उपयोग वे सिर्फ बात करने के लिए करते हैं।शुभम अपने बड़े भाई राहुल देव व भाभी भावना गुप्ता से प्रभावित हैं। उन्होंने कहा कि उनसे टिप्स भी मिलती है। शुभम के पिता देवकुमार गुप्ता सरगुजा के लुंड्रा में बीईओ एवं माता आशा गुप्ता शिक्षिका हैं। दोनों भाइयों को पढऩे की प्रेरणा अपने माता-पिता से ही मिली। दोनों की प्राथमिक एवं हायर सेकेंडरी की शिक्षा अंबिकापुर से ही हुई। वे मेधावी छात्र रहे हैं। सीजी पीएससी के घोषित परीक्षा परिणाम में अंबिकापुर के अग्रसेन वार्ड के निवासी भाई-बहन ने एक साथ बाजी मारी है। ऋचा बसंल ने 10 वां रैंक एवं भाई श्रवण बंसल ने 18 वां रैंक हासिल किया है। इस सफलता से पूरे परिवार में हर्ष का माहौल है। ऋचा बसंल ने कहा कि वे पिछले तीन से चार साल से सीजीपीएससी की तैयारी कर रही हैं। एक बार पहले भी वे पीएससी मलीफाई कर चुकी हैं, लेकिन अच्छा रैंक नहीं मिला था तो इंटरव्यू तक नहीं पहुंची। पिछली असफलता से सबक लिया और लगातार प्रयास करती रही। पिछली गलतियों को सुधारा और फिर यह सफलता मिली। श्रवण बंसल ने बहाया कि कॉलेज के बाद तैयारी शुरू किया था। पूर्व में 108 रैंक आए थे। जिसमें कोऑपरेटिव इंस्पेक्टर का पोस्ट मिला था। वर्ष 2022 की सीजीपीएसी परीक्षा परिणा में में 18वां रैंक आया है। सहायक कमिश्नर जीएसपी का पोस्ट मिल सकता है। ये दोनों भाई बहर अपनी सफलहा का श्रय अपने माता-पिता को दिया है। अंबिकापुर के अमन सिंह ने सीजीपीएससी में 9 वां रैक हासिल किया है। अमन सिंह ने बताया कि उन्हें एक्साईज ऑफिसर की पोस्ट मिलने की संभावना है। अमन सिंह बिलासपुर में रहकर सीजी पीएससी की तैयारी कर रहे थे। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार को दिया है। इनके पिता अशोक ङ्क्षसह पीएचई विभाग अंबिकापुर में एसडीओ के पद पर कार्यरत हैं। इनके माता पुष्पा सिंह ने खुशी जाहिर करते हुए बताया कि मुझे पूरा विश्वास था कि एक दिन सफलता जरूरी मिलेगी। यह शुरू से पढ़ाई में बहुत ही अच्छा है।
डॉ. ममता तिवारी को
छठवीं बार मिली सफलता

बुजुर्ग सास-ससुर की सेवा, बच्चे की देखभाल के साथ होमियोपैथी मेडिकल आफिसर की शासकीय जिम्मेदारी संभालते हुए डॉ ममता तिवारी ने छाीसगढ़ राज्य लोक सेवा आयोग की परीक्षा में 11 वां रैंक हासिल किया है। इसके पहले भी उन्होंने पांच बार सीजीपीएससी रैंक किया है लेकिन मनचाहा पद नहीं मिलने के कारण उन्होंने पदभार ग्रहण नहीं किया था और प्रयास जारी रखा।
इस बार उन्हें डीएसपी का पद आसानी से मिल सकता था लेकिन उन्होंने इसके लिए आवेदन ही नहीं किया। डॉ. ममता तिवारी का चयन राज्य विा सेवा अधिकारी के पद पर हुआ है। अंबिकापुर के होमियोपैथी चिकित्सक डॉ. धीरेंद्र तिवारी की धर्मपत्नी हैं। ये पारिवारिक जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए सीजीपीएससी में लगातार छठवीं बार सफलता हासिल की है।


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