बैकुण्ठपुर@क्या विधायक समर्थकों का सोशल मीडिया पोस्ट विधायक के समर्थन में नहीं अन्य के लिए चेतावनी में जारी हो रहा,आखिर चेतावनी किसके लिए?

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  • बैकुंठपुर विधायक समर्थक क्या अब आलोचकों सहित समाचार के प्रकाशनों पर भी देंगे चेतावनी?
  • लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को क्या निर्वाचित जनप्रतिनिधियों से सवाल पूछने का भी नहीं अधिकार?
  • क्या जायज सवालों आलोचनाओं पर पत्रकार विधायक समर्थकों के रहेगा हाशिए पर?
  • आज की राजनीति में जनप्रतिनिधियों को केवल प्रशंशा मात्र सुनने का होता है मन,आलोचना से वह साथ ही उनके समर्थक होते हैं अक्रोशित।

-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 06 सितम्बर 2023 (घटती-घटना)। कोरिया जिले के बैकुंठपुर विधानसभा का विधानसभा चुनाव काफी रोमांचक रहने वाला है और सबसे रोमांचक तो यहां के प्रत्याशी होंगे, यह छत्तीसगढ़ का ऐसा  विधानसभा है जहां पर समीकरण पल-पल में बदलते हैं और विरोध पल-पल में बढ़ता और काम होता है, इस समय इस विधानसभा में कांग्रेस व भाजपा दोनों प्रत्याशियों को लेकर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं आने वाले सूची पर जो भाजपा कांग्रेस की टिकट सूची होगी, सभी इसको लेकर इंतजार में नजर आ रहे हैं की आखिर कांग्रेस व भाजपा से विधायक प्रत्याशी कौन होगा? वैसे दोनों पार्टियों व जनता की मर्जी को टटोला जाए तो यही बात सामने आती है की चुनाव हो तो वर्तमान विधायक व पूर्व विधायक के बीच हो, वैसे वर्तमान विधायक के समर्थक कुछ ज्यादा ही उत्साहित और लालायित है, अभी संभावित विधायक प्रत्याशियों की सूची ही सोशल मीडिया पर तैर रही है और संभावित सूची के आधार पर ही कई प्रतिष्ठित अखबार व न्यूज़ चैनल प्रत्याशियों को लेकर दावा कर रहे हैं पर किसके संभावना पर मोहर लगेगी यह तो सूची आने के बाद पता चलेगा। पर वर्तमान विधायक अंबिका सिंह देव के समर्थक कुछ ज्यादा ही अपने विधायक के लिए सोच बैठे हैं यही वजह है कि ना चाहते हुए भी उनके पोस्टों में लोगों के लिए चेतावनी देखी जा रही है।
ठीक है अपने नेता का समर्थन करना अच्छी बात है और अपने नेता के लिए परिणाम अच्छा आए इसके लिए प्रयास करना भी अच्छी बात है पर उसे प्रयास में नेता के लिए सब कुछ ठीक हो जाए यह भी सोचना काफी जरूरी है, पर यह ना सोचते हुए चुनौती पूर्ण पोस्ट चेतावनी की तरह देना समझ के परे हैं, आखिर चेतावनी किसके लिए है क्या अंदर खाने में विरोध करने वाले कांग्रेसियों के लिए या फिर विधायक की कमियों को दिखाने वालों के लिए? इस समय पार्टी प्रत्याशी को लेकर विरोध अंदर खाने में है और यदि विरोध के बाद भी जीत मिलती है तो फिर बदलापुर की राजनीति शुरू हो सकती है जो अभी से ही झलकने लगा है। पर क्या बदलापुर की राजनीति के लिए विरोधियों को तैयार रहना पड़ेगा या फिर  बोरिया बिस्तर बांधकर भागना पड़ेगा? क्योंकि समर्थकों के पोस्ट तो कुछ ऐसे ही इशारा कर रहे हैं। पोस्ट को यदि अच्छे तरीके से समझा जाए और गंभीरता को समझा जाए तो पोस्ट में यही समझ में आता है की कॉन्फिडेंस में नहीं ओवर कॉन्फिडेंस में विधायक समर्थक दिख रहे, जमीनी स्तर की कमियों को दूर करने के बजाय सोशल मीडिया पर अपना लोहा मनवा रहे हैं, लोहा तो एक अच्छा जनसेवक बनकर मनवाया जा सकता है ना की अपने कुछ दिनों की मिली शक्ति से लोगों को झुका कर। जन सेवक हमेशा ही सरल सहज व लोगों के लिए अपने तक पहुंच पाने का रास्ता आसान रखता है पर ऐसा आज के परिवेश रह नहीं गया। सिर्फ चुनाव के समय ही सरल व सहज दिखना स्वार्थ माना जाता है सरल और सहजता को मेंटेन करना एक कुशल नेता की निशानी होती है।
बैकुंठपुर विधायक को लेकर बात की जाए तो उन्हे पिछले चुनाव में जीत मिलना पूर्ववर्ती सरकार के पंद्रह वर्षों के कार्यकाल का विरोधी था
आज बैकुंठपुर विधायक को लेकर यदि बात की जाए तो उन्हे पिछले चुनाव में जीत मिलना पूर्ववर्ती सरकार को लेकर उसके पंद्रह वर्षों के कार्यकाल को लेकर विरोधी लहर की वजह से मिली और उस समय न तो उन्हे राजनीतिक अनुभव था और न ही उनके पास ऐसे समर्थक ही थे जैसे आज हैं जो पिछले चुनाव में तो उनके साथ नहीं थे लेकिन अब उनके सबसे खास हैं,वैसे उनके साथ पिछले चुनाव में जो भी लोग थे भले सीमित थे उन्होंने बड़े सधे हुए ढंग से चुनाव प्रचार किया और उन्होंने सभी की बातों को सुना स्वीकार किया और विधायक के लिए जीत का मार्ग तय किया। आज उनके वह पुराने समर्थक भी विधायक के साथ नहीं हैं और न ही वह आगे उनके साथ जुड़ेंगे इसकी ही संभावना है। कुल मिलाकर जैसा की देखा भी जा रहा है विधायक के पुराने समर्थक उनके पुराने सलाहकार जैसे जैसे उनसे दूर होते गए नए समर्थक बनकर लोग उनके साथ जुड़ते गए और अब वह विधायक के सलाहकार होने का भी दावा करते फिर रहें हैं और उनका यह भी कहना है की वह जीत भी सुनिश्चित करा रहे हैं और उनका यह भी दावा है की वह जैसा चाहेंगे वैसा ही क्षेत्र के मतदाता मतदान करेंगे। विधायक के वर्तमान समर्थक विधायक को लेकर और उनके लिए किसी आलोचना विषय पर इतने अक्रोशित हो जा रहे हैं की वह सोशल मीडिया पर भी अपना आक्रोश नहीं रोक पा रहें हैं और वह कहीं न कहीं धमकी वाले लहजे में दिखाई दे रहें हैं।


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