अनूपपुर@एससी, एसटी, ओबीसी सेल तथा टीचर एसोसिएशन ने खोला मोर्चा

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  • जनजातीय विश्वविद्यालय कुलपति के भ्रष्टाचार के खिलाफ की शिकायत
  • कुलपति द्वारा प्रकाशित कराए गए फर्जी विज्ञापन पर की रोक लगाने की मांग

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक के कुलपति प्रो प्रकाशमणि त्रिपाठी के द्वारा शैक्षणिक पदों की भर्ती में रोस्टर रजिस्टर में कूटरचना, गैरकानूनी तरीके से भर्ती प्रक्रिया को अपनाकर क्षेत्रवाद और जातिवाद करके भर्ती करने तथा बचे हुए पद पर बड़े पैमाने पर छल करके रोस्टर में फर्जीवाडा, धांधली करके एससी, एसटी और ओबीसी समुदाय के युवाओं को नुकसान करने के लिए धोखा और भ्रष्टाचार का अपराध किया गया है। इस मामले में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री, केंद्रीय शिक्षा मंत्री, सेंट्रल विजिलेंस कमिशन, मुख्यमंत्री, राज्यपाल, एसपी अनूपपुर, कलेक्टर अनूपपुर सहित केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार के आला अधिकारियों से शिकायत की गई है।

अनूपपुर,04 सितम्बर 2023 (घटती-घटना)।इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय टीचर एसोसिएशन, एससी सेल, एसटी सेल तथा ओबीसी सेल के साथ-साथ विशेष आमंत्रित सदस्यों ने भी कुलपति प्रो प्रकाशमणि त्रिपाठी के भ्रष्टाचार के खिलाफ लिखित शिकायत शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग नई दिल्ली, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग तथा राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को भेज कर आपत्ति दर्ज कराई है। साथ कुलपति द्वारा प्रकाशित कराए गए फर्जी विज्ञापन पर रोक लगाने की मांग की है। पत्र में यह भी लिखा गया है कि विश्वविद्यालय के एससी सेल द्वारा दिनांक 21 अगस्त 2023 को लिखित पत्र आवक संख्या 336/21/8/23 के संदर्भ में कार्यवाही की भी मांग की गई है।

कुलपति के खिलाफ सैकड़ो प्रोफेसर का एक साथ सार्वजनिक विरोध दर्ज

सूत्रों की माने तो इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय टीचर एसोसिएशन में कुल ढेढ़ सौ से अधिक प्रोफेसर है जिन्होंने विरोध जताया है। कुलपति प्रो प्रकाशमणि के खिलाफ प्रेषित पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में प्रमुख रूप से प्रो भूमिनाथ त्रिपाठी अध्यक्ष, प्रो तरुण ठाकुर पूर्व प्रॉक्टर एवं उपाध्यक्ष, डॉ नारायण पी भोसले उपाध्यक्ष, डॉ वीरेंद्र प्रताप महासचिव, डॉ चार्ल्स वर्गिस सहसचिव, डॉ रोहित रविंद्र बोरलीकर सहसचिव, डॉ आनंद सुगंध कोषाध्यक्ष, एससी सेल के अध्यक्ष प्रोफेसर तन्मय कुमार घोरई, एसटी सेल डॉ मनोहर एवं अन्य सदस्य, ओबीसी सेल से डॉ रोहित, विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में डॉ संतोष सोनकर, डॉ शिवाजी चौधरी सहित अनेक शिक्षकों ने लिखित आवेदन पर हस्ताक्षर करके ज्ञापन को भारत सरकार की ओर भेजा है।

कुलपति प्रो त्रिपाठी के भ्रष्टाचार का यह केवल ट्रेलर है, पिक्चर अभी बाकी है

सूत्र बताते है कि टीचर एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रो भूमिनाथ त्रिपाठी द्वारा बताया गया कि कुलपति प्रो त्रिपाठी के भ्रष्टाचार एवं अपराध का यह तो केवल ट्रेलर है पूरी पिक्चर अभी बाकी है। स्वयं मोबाइल कॉल पर बातचीत में भूमिनाथ त्रिपाठी ने बताया कि कुलपति द्वारा ऐसे अनेक अपराध और भ्रष्टाचार किए गए हैं जिस पर शिकायत होने के पश्चात कुलपति सीधे जेल पहुंच जाएंगे। प्रो भूमिनाथ का यह दावा है कि ऐसी अनेक प्रकरण है जिसमें कुलपति के खिलाफ पर्याप्त भ्रष्टाचार एवं अपराध किए जाने का साक्ष्य उपलब्ध है। इतना ही नहीं प्रो भूमिनाथ का यह भी दावा है कि कुलपति के साथ-साथ उनके आसपास के तीन प्रोफेसर भी जेल जाएंगे। क्योंकि कुलपति के द्वारा किए जाने वाले अपराधों में इन तीनों प्रोफेसर का बहुत योगदान है।

कुलपति के पक्ष में प्रो आलोक ने गोलमोल जवाब देकर शिक्षकों का किया अपमान

दिनांक 23 अगस्त 2023 को प्रो भूमिनाथ त्रिपाठी के नेतृत्व में विश्वविद्यालय टीचर एसोसिएशन, एससी सेल, एसटी सेल तथा ओबीसी सेल के लगभग दो दर्जन जिम्मेदार शिक्षक कुलपति से मिलने उनके कार्यालय गए थे लेकिन कुलपति बिना सूचना के नदारद थे। इस कारण ये सभी प्रो आलोक श्रोत्रिय तथा रोस्टर समिति के अध्यक्ष प्रो अवधेश शुक्ला से लंबी चर्चा किये। चर्चा में डॉ संतोष सोनकर ने भी रोस्टर में हुई धांधली का विस्तार से विवरण रखा, साथ में प्रो भूमिनाथ ने प्रो आलोक श्रोत्रिय को बताया कि – कुलपति तो आते-जाते रहेंगे, ऐसे में आप लोग को अपना हाथ अपराध में नहीं फसाना चाहिए। आप लोग कागज में अपराध किए हैं यदि सही से जांच हो जाए तो आप तीनों और प्रो मूर्ति भी कुलपति के साथ-साथ जेल जाएंगे। प्रो आलोक ने कुलपति के पक्ष में गोल-गोल जवाब देकर शिक्षकों का अपमान किया इसके पश्चात सभी शिक्षक उद्वेलित होकर शिक्षा मंत्रालय से लेकर राष्ट्रीय आयोग तक लिखित में शिकायत भेज दिया।

एससी, एसटी, ओबीसी सेल के पदाधिकारीयों लड़ेंगे आर-पार की लड़ाई

सूत्रों की माना जाए तो कुलपति प्रो प्रकाशमणि त्रिपाठी द्वारा एससी सेल के अध्यक्ष प्रो तन्मय कुमार घोरई एवं अन्य सदस्यों से गलत रोस्टर पर फर्जी तरीके से हस्ताक्षर कर लिया गया है। जब एससी, एसटी, ओबीसी सेल के द्वारा इसका विरोध किया गया तब कुलपति ने एससी सेल के अध्यक्ष प्रो तन्मय कुमार घोरई को बुलाकर डिस्मिस करने की धमकी देकर कई प्रकार से अपमानित किया। इसकी सूचना स्वयं प्रो तन्मय कुमार घोरई ने टीचर एसोसिएशन को दी। प्रो तन्मय को डिसमिस करने की गैरकानूनी धमकी देने से विश्वविद्यालय के एससी, एसटी वर्ग के शैक्षणिक तथा गैर शैक्षणिक कर्मचारियों में बहुत आक्रोश है और यह आक्रोश अब छात्र नेताओं तथा राजनीतिक पार्टियों तक पहुंच गई है। इसके अलावा प्रो प्रकाशमणि द्वारा एससी सेल के वरिष्ठ पदाधिकारी डॉ अनिल एवं एक महिला एसोसिएट प्रोफेसर को भी धमकाया गया है जिसके कारण महिला पदाधिकारी ने अपना त्यागपत्र भी दे दिया है।

भ्रष्टाचार के मामले में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की चुप्पी बनी चर्चा का विषय

15 अगस्त की मिठाई में घूसखोरी, धाँधली एवं भ्रष्टाचार करने वाले प्रो त्रिपाठी द्वारा किए गए धोखाधड़ी, रोस्टर में कूटरचना, जातिवाद, क्षेत्रवाद करके मध्य प्रदेश के युवाओं एवं जनजातियों को नुकसान पहुचाने की अनेक शिकायत केंद्रीय स्तर पर जांच एवं विचाराधीन है। वहीं लोकसभा में भी गलत जवाब देकर मंत्री को कटघरे में खड़ा किया जा चुका है। यदि यह मामला सर्वोच्च न्यायालय में गया तो शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी एक अपराधी को गैरकानूनी संरक्षण देने के मामले में फंस जाएंगे क्योंकि लोकसभा में दिया गया फर्जी जवाब स्पष्ट साक्ष्य के साथ ऑनलाइन मौजूद है। कुलपति को अभी तक बर्खास्त नहीं किए जाने से एससी, एसटी, ओबीसी समुदाय के साथ-साथ मध्य प्रदेश के स्थानीय युवाओं में जबरदस्त आक्रोश है। विवि का भ्रष्टाचार, व्याप्त अराजकता एवं अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा पिछड़ा वर्ग के युवाओं को नुकसान पहुंचाने के लिए किए गए फर्जी कार्य पर सरकार द्वारा कार्यवाही नहीं करने से पूरे मध्य प्रदेश में इस मुद्दा को लेकर सभी विधानसभा में पर्चा बांटने की तैयारी चल रही है तथा सोशल मीडिया पर बड़े स्तर पर सोशल वार की तैयारी शुरू हो गई है।


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