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बैकुण्ठपुर/सोनहत@सोनहत ब्लॉक में भाजपा कर रही कांग्रेसियों को भाजपा में शामिल करने का दावा, कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष क्या कर रहे हैं?

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  • भरतपुर सोनहत विधानसभा में कांग्रेसजनों का भाजपा प्रवेश,ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष के प्रभाव क्षेत्र के लोगों ने भी ग्रहण की भाजपा की सदस्यता।
  • जिन्हे कुछ महीने पूर्व ही ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष सोनहत ने कराया था कांग्रेस में प्रवेश,अब वही हो गए भाजपा प्रवेश।
  • कांग्रेस विधायक के क्षेत्र में भाजपा कर रही है बड़ा दावा,आखिर विधायक के समर्थक क्या कर रहे हैं?

-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर/सोनहत 03 सितम्बर 2023 (घटती-घटना)। भरतपुर सोनहत विधानसभा में सत्ताधारी दल छोड़कर अब भाजपा में प्रवेश का सिलसिला जारी नजर आ रहा है, जो वर्तमान विधायक के लिए किसी खतरे की घंटी से कम नहीं है, जिस सरपंच को हाल में ही ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष सोनहत ने कांग्रेस प्रवेश कराया था, अब उसने भाजपा में अपने समर्थकों के साथ प्रवेश कर लिया है जो सत्ताधारी दल के लिए बड़ी क्षति है।
लगातार विकास की बात कर रहे विधायक भले ही विकास के मामले में पीछे न हों लेकिन उनके ही समर्थक उनके ही पसंदीदा पार्टी पदाधिकारी भाजपा प्रवेश से लोगों को रोक पाने में असफल दिख रहे है, जो उनके लिए चिंता का विषय हो सकता है, आने वाले समय में यदि ऐसे ही कांग्रेसियों का भाजपा प्रवेश होता रहा तो फिर कैसे गुलाब कमरों को मिलेगी दोबारा जीत? जबकि गुलाब कमरों के सिपहसालार व विश्वसनीय साथी सोनहत विधानसभा में ही ज्यादा है, इसके बावजूद उसी क्षेत्र में भाजपा का कांग्रेसियों को पार्टी में प्रवेश कराने का दवा कितना सही हो सकता है? अंदर खाने से यह बात चल रही है कि भाजपा जिन कांग्रेसियों को भाजपा में शामिल करने दावा कर रही है वह झूठी है, पर इस दावे पर सिर्फ गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ही सामने आई है लेकिन वहीं कांग्रेस का कोई भी पदाधिकारी इस मामले में सामने नहीं आया और भाजपा के दावे को झूठ बताने की हिम्मत नही जुटा पाया, जबकि ब्लॉक अध्यक्ष कांग्रेस सोनहत की जिम्मेदारी भी विधायक गुलाब कमरों के खास आदमी के पास है फिर भी वह इस पूरे मामले में कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दे पा रहे  हैं यहां तक की अपने ही पंचायत के सरपंच को भी नहीं बचा पाए भाजपा प्रवेश करने से।


ब्लॉक अध्यक्ष के करीबियों से खटपट के कारण सरपंच ने भाजपा में प्रवेश  कर लिया,सूत्र
जानकारी के मुताबिक विधायक गुलाब कमरो ने ग्राम पंचायत चकडंड में प्रजापति समाज को 10 लाख की लागत से भवन की सौगात दिया है, वही दूसरी खबर यह भी है कि चकडंड ग्राम पंचायत के सरपंच अपने समर्थकों सहित भाजपा में शामिल हो गए हैं, कुछ दिवस पूर्व ही ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष ने सरपंच को कांग्रेस प्रवेश कराया था, लेकिन महज कुछ दिनों में ही उन्होंने पुनः भाजपा में प्रवेश कर लिया, सूत्रों की माने तो सोनहत ब्लॉक में विभिन्न पदाधिकारियो के बीच सब कुछ सही नही चल रहा है, जिसका फायदा उठाने में भाजपा कोई कसर नही छोड़ रही, चकडंड ग्राम पंचायत ब्लॉक अध्यक्ष के गृह ग्राम से लगा हुआ पँचायत है लेकिन ब्लॉक अध्यक्ष के करीबियों से खटपट के कारण सरपँच ने भाजपा में प्रवेश  कर लिया है।

कांग्रेस पार्टी में पदाधिकारियो में आपसी समन्वय की कमी
ब्लॉक कांग्रेस के पदाधिकारियों में समन्वय की काफी कमी है, सभी पदाधिकारियों को साथ लेकर चलने में ब्लॉक अध्यक्ष असफल नजर आ रहे हैं, ऐसे में चुनावी रण में संगठन बिना समन्वय कैसे समर में उतरेगा यह बड़ा सवाल है, सूत्रों की माने तो आस पास के कई ग्राम पंचायतों में निर्माण कार्यो में अध्यक्ष महोदय के दखल के कारण कई सरपंच और सचिव भी नाराज नजर आ रहे हैं, लेकिन खुल कर कुछ भी कहने से बचते नजर आ रहे हैं, कुछ सरपंचों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अध्यक्ष महोदय के पंचायतों में करोड़ो के कार्य संचालित होने के बावजूद भी आस पास के पंचायतों में कार्यो को लेकर हस्तक्षेप करना अब भारी पड़ता नजर आ रहा है,वही विधायक गुलाब कमरो को इन सब की भनक तक नही है क्योंकि सरपँच सीधे तौर पर विधायक से संवाद  नही कर पा रहे हैं।
क्या विधायक गुलाब कमरों के सारथी हो गए है अलसी और स्वार्थी?
सोनहत में जो कुछ हाल फिलहाल में घटा है उसके बाद यह सवाल भी उठ रहा है की क्या सत्ता मिलने के बाद साथ ही विधायक की तरफ से जिम्मेदारी दिलाने के बाद ब्लॉक के कांग्रेसी खासकर पदाधिकारी एवम उनके समर्थक आलसी एवम स्वार्थी हो गए हैं,निर्माण कार्य सहित जहां लाभ है वहां वह अपनी उपस्थिति हस्तक्षेप बनाए रखते हैं सक्रिय रहते हैं लेकिन जब पार्टी को मजबूत करने की बात आती है वह आलसी हो जाते हैं। कुल मिलाकर स्वार्थ तक ही वह विधायक और पार्टी के साथ हैं यह नजर आने लगा है और जहां स्वार्थ नहीं है और मेहनत कर पार्टी को मजबूत करने की बात आती है अपने प्रयासों से लोगों को पार्टी की विचारधारा से जोड़ने की बात आती है वह शांत और आलसी नजर आते हैं जिसका परिणाम देखने को भी मिला जब कांग्रेस के ही सदस्य भाजपा के शामिल हुए जो भाजपा का ही दावा है।
गुलाब कमरों के प्रतिनिधि माने जाते थे सबसे अच्छे अब वही दिख रहे सबसे निष्क्रिय
अविभाजित कोरिया जिले में तीन विधानसभा शामिल थे उन तीन विधानसभाओं में से यदि सक्रियता के हिसाब से पहले गिनती होती थी की किस विधायक की मेहनत ज्यादा है किसके समर्थक सबसे ज्यादा सक्रिय हैं तो यह माना जाता था की गुलाब कमरों के समर्थक काफी सक्रिय नजर आते थे आरंभ में,लेकिन अब स्थितियां विपरीत नजर आ रही हैं,अब जैसा देखा जा रहा है माना जा रहा है सबसे निष्क्रिय समर्थक गुलाब कमरों के ही देखे जा रहें हैं जो लाभ से जुड़े मामलों के अलावा पार्टी की मजबूती के लिए कोई प्रयास नहीं करते। आने वाले चुनाव में यदि अभी भी ऐसी ही स्थिति बनी रही तो गुलाब कमरों के लिए चुनाव कठिन होने जा रहा है।
निजी वाहनों में विधायक प्रतिनिधि का बोर्ड लगाकर घूमने वाले सबसे ज्यादा समर्थक भरतपुर सोनहत विधायक के ही
अविभाजित कोरिया जिले में यदि यह देखा जाए की किस विधायक के समर्थक या उनके प्रतिनिधि सबसे ज्यादा अपने निजी वाहनों में विधायक प्रतिनिधि या पार्टी पदाधिकारी का बोर्ड लगाकर घूमते नजर आते हैं तो उसमे सबसे ज्यादा लोग भरतपुर सोनहत विधायक या उसी विधानसभा के कांग्रेसी शामिल हैं जो काम भले पार्टी का न करते हों पार्टी को भले वह मजबूत न करते हों लेकिन वह अपने निजी वाहनों में पद का बोर्ड जरूर लगाकर रखें हैं वहीं वह ठेकेदारी में भी जमकर संलग्न हैं और ज्यादा से ज्यादा वह निर्माण कार्य कर जल्द से जल्द धनाढ्य बनने की दौड़ लगाए हुए हैं जिससे उन्हें भविष्य में सरकार या विधायक उनके न भी जीतें तो दिक्कत न हो,वह अपना ही हित सर्वोपरि मानकर आगे बढ़ रहे हैं शेष जन सुविधा समस्या और पार्टी की विचारधारा का जन जन तक प्रेषण वह नहीं कर रहे हैं।
पूर्व विधायक की हार भी समर्थकों की ठेकेदारी की वजह से हुई थी
भरतपुर सोनहत विधानसभा की पूर्व विधायक जो पिछले चुनाव में चुनाव हार गईं थी उनकी हार का भी कारण उनके समर्थक ही बने थे जिन्होंने ग्राम पंचायतों में इस स्तर तक घुसकर ठेकेदारी की थी सरपंच और सचिव तक नाराज हुए थे और उनके विरोध में यह एक विरोधी लहर का काम करने वाला मसला बना था,वर्तमान विधायक के समर्थक भी वही कर रहे हैं और सरपंच सचिव घुटन महसूस कर रहें हैं जैसी सूचना मिल रही है और यह माना जा रहा है की यह विधायक के हित में सही नहीं है, यह उनके पराजय का कारण भी बन सकता है।
भरतपुर सोनहत विधानसभा क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा विधानसभा,सभी जगह पहुंच पाना विधायक के लिए आसान नहीं,समर्थक ही होंगे खेवनहार विधायकों के
क्षेत्रफल के हिसाब से भरतपुर सोनहत विधानसभा सबसे बड़ा विधानसभा है अविभाजित कोरिया जिले का और सभी जगह विधायक का आसानी से पहुंच पाना मुश्किल है अब ऐसे में समर्थक पार्टी के कार्यकर्ता ही खेवनहार होंगे जो सच्चाई है,लेकिन यदि विधायक समर्थक पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता निजी लाभ के कामों ने ही जुटे रहेंगे और पार्टी को मजबूत नहीं करेंगे तो निश्चय ही चुनाव विधायक के लिए कठिन होगा जिसकी संभावना भी नजर आ रही है।


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