- तारा पाण्डेय के द्वारा दावेदारी दर्ज करने के दौरान वर्तमान विधायक के कुछ पुराने खास समर्थक भी रहे मौजूद।
- ब्लॉक कांग्रेस कमेटी ग्रामीण साथ ही शहरी अध्यक्ष सहित ब्लॉक कांग्रेस कमेटी चर्चा की मौजूदगी में दावेदारी की दर्ज।
- आशीष डबरे,संतोष तिवारी जैसे कांग्रेस नेताओं की तारा पाण्डेय के साथ उपस्थिति ने अलग ही दे दिया संदेश।
- सोनहत विधायक की फटकार के बाद नाम लिया वापस तीनों सोनहत विधायक के ही हैं करीबी:सूत्र।
- विधायक के दावेदारी करने वाले गुलाब कमरों के तीनो समर्थको ने दावेदारी निरस्त करने को ब्लॉक अध्यक्ष को सौंपा आवेदन।
- विधायक गुलाब कमरों समर्थकों ने किसी के दबाव में दावेदारी निरस्त करने का लिया फैसला?
-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 23 अगस्त 2023 (घटती-घटना)। प्रदेश में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी बढ़ती हुई नजर आ रही है, राजनीतिक दल सत्ता की लालसा में अब सक्रिय नजर आ रहे हैं वहीं सबसे सक्रिय और सबसे ज्यादा सरगर्मी सत्ताधारी दल में देखी जा रही है जो सत्ता में होने की भी वजह से है और ऐसा माना जाता है की सत्ताधारी दल की ही सरकार बनने की संभावना ज्यादा रहती है इसलिए सत्ताधारी दल में चुनाव की तैयारी भी तेज ही दिखती है वहीं यदि बात टिकट या दावेदारों की हो वह भी विधानसभा की दावेदारी की तब भी देखा जाता है की सत्ताधारी दल में सबसे ज्यादा दावेदार हर विधानसभा से सामने आते हैं और ऐसे में पार्टी सहित उन विधायकों के लिए भी एक समस्या खड़ी हो जाति है जो वर्तमान में सत्ता में हैं चुने विधायक हैं।छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी जो सत्ता में है वह राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की ही नीति रीति के हिसाब से प्रत्येक विधानसभा में प्रत्याशी तलाश रही है और पार्टी का कहना है की चूंकि कांग्रेस लोकतांत्रिक व्यवस्था में विश्वास रखती है इसलिए वह हर उस व्यक्ति की दावेदारी स्वीकार करेगी जो सामने से आकर किसी विधानसभा से दावेदार बनने आवेदन देगा और निश्चित प्रारूप में वह अपनी दावेदारी संबंधित विधानसभा के ब्लॉक अध्यक्ष को सौंपेगा, वैसे कांग्रेस पार्टी में सब कुछ पहले से तय है और सभी उम्मीदवार भी पहले से तय है हर विधानसभा से और यह विधानसभा अध्यक्ष सहित उप मुख्यमंत्री के बयानों से स्पष्ट हो चुका है बावजूद पार्टी खुद को लोकतांत्रिक वसूलों का बताने मात्र के लिए सभी इक्षुक दावेदारों का आवेदन स्वीकार कर रही है और जो सभी ब्लॉक अध्यक्ष स्वीकार कर रहें हैं वहीं अब यह दावेदारी का पूरा मामला कांग्रेस पार्टी के लिए ही प्रदेश में सिरदर्द बनता जा रहा है और जो पार्टी के भीतर ही आपसी द्वंद को पार्टी के लोगों का ही उजागर कर रहा है जो लगातार देखने को मिल रहा है। ब्लॉक अध्यक्ष प्रत्येक विधानसभा का अपने अपने ब्लॉक में नियमानुसार दावेदारी का आवेदन ले रहें हैं और स्थिति कहीं कहीं यह है की अब कई दर्जनों आवेदन एक एक विधानसभा के लिए दावेदारों के पहुंचने लगे हैं और अंतिम दिवस तक यह संख्या अधिकतम देखी सुनी गई। बैकुंठपुर विधानसभा में ही जैसा बताया जा रहा है की कई दर्जन दावेदार आवेदन कर चुके हैं और अब ब्लॉक अध्यक्ष को उनमें से 5 नाम आगे भेजना है। समस्या ब्लॉक अध्यक्ष से ही शुरू होगी कांग्रेस में अब आए हुए में से जो आवेदन ब्लॉक अध्यक्ष आगे भेजेंगे माना यही जायेगा उन्होंने उन्हे ही योग्य माना शेष उनके ही नजर में अयोग्य हो जाएंगे और यहीं से विरोध विद्रोह खड़ा हो जायेगा।
पूर्व जिला पंचायत सदस्य ने भी पेश की दावेदारी,विधायक के खास समर्थक नजर आए तारा पाण्डेय के साथ
बैकुंठपुर से पूर्व जिला पंचायत सदस्य ने भी दावेदारी प्रस्तुत की है और उनके साथ उस दौरान जितने लोग नजर आ रहें हैं वह विधायक के खास समर्थक माने जाने वाले लोग हैं यह सबसे विचित्र स्थिति उनकी दावेदारी के दौरान देखने को मिली,पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष चरचा अजित लकड़ा माना जा सकता है ब्लॉक अध्यक्ष की हैसियत से वहां मौजूद हैं लेकिन अन्य की दावेदारी के दौरान वह नजर नही आए वहीं आशीष डबरे,संतोष तिवारी जिन्हे विधायक का खास माना जाता था उनकी उपस्थिति इस दौरान चर्चा का विषय कम से कम बन गई है और अब यह भी चर्चा आम हो गई है की इस तस्वीर में नजर आने वाले सभी अब विधायक खेमे से अलग खेमे के हैं और जो चुनाव में वर्तमान विधायक यदि दावेदार उम्मीदवार होंगी तो उनके लिए अच्छा संदेश नही है। वैसे कांग्रेस में खासकर बैकुंठपुर में ज्यादा दावेदार सामने आने के पीछे की वजह यह भी बताई जा रही है की सभी बड़े दावेदार अधिक से अधिक अपने खास समर्थकों को दावेदारी करने इसलिए भेज रहें हैं क्योंकि जब समर्थन में नाम वापस लेने की बात सामने आए तब किसके समर्थन में नाम अधिक वापस लिए गए हैं यह वह शीर्ष नेतृत्व को बता सकें। वहीं चूंकि प्रत्याशी पहले से तय हैं और वह प्रचार प्रसार भी सभी जगह अब कर रहें हैं इसलिए यह पूरी दावेदारी दर्ज करने की प्रकिया केवल लोकतांत्रिक बनने का पार्टी का दिखावा मात्र है यह भी लोग खासकर कांग्रेसी जो दावेदार बनकर सामने खड़े हैं वही कह रहे हैं।
विधायक गुलाब कमरों समर्थकों ने किसी के दबाव में दावेदारी निरस्त करने का लिया फैसला?
भरतपुर सोनहत विधानसभा से गुलाब कमरों के तीन विधायक समर्थकों ने बैकुंठपुर से दावेदारी पेश की थी, जिसमें प्रेम सागर तिवारी, राजन पांडे व अनिल दुबे का नाम शामिल था, जिस दिन उन्होंने दावेदारी पेश की उसके दूसरे दिन इन्होंने नाम वापसी नहीं दावेदारी निरस्त करने का फैसला लिया और ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष को दावेदारी निरस्त करने का लिखित आवेदन दिया, अब सवाल यह उठता है कि आखिर उन्होंने दावेदारी पेश क्यों की और यदि पेश की तो निरस्त करने का फैसला किसके दबाव में लिया गया? कहीं ऐसा तो नहीं की स्थानीय विधायक ने दबाव देकर निरस्त करने की बात कही थी। सूत्र की माने तो सोनहत से भी तीन लोगों ने बैकुंठपुर विधानसभा से अपनी दावेदारी दाखिल की थी, दावेदारी करने वाले न तो कोई बड़े नेता तो नहीं है पर छोटे बड़े समाज सेवक में लगे रहते है छोटा जनाधार ही विधानसभा में माना जायेगा, विधयाक के लिए कई सभा का आयोजन विधानसभा इनके द्वारा किया है, विधयाक की लोकप्रिता इन्होने खूब बढ़ाई है साथ ही अपनी अमिट छाप क्षेत्र में छोड़ी है जिस वजह से उनकी दावेदारी उचित प्रतीत होती, लेकिन उन्होंने क्यों किया था दावेदारी दर्ज यह प्रश्न ही बनकर रह गया? क्योंकि उन्होंने नाम वापस ले लिया जो सूत्र बताते हैं, बताया जा रहा है तीनो भरतपुर सोनहत के प्रतिनिधि हैं और यही उनकी पहचान है इसके अलावा उनकी बैकुंठपुर में कोई पहचान नहीं थी और इसीलिए उनकी दावेदारी भरतपुर सोनहत विधायक का ही एक प्रयास माना जा रहा था वहीं सूत्र यह भी बता रहें हैं की भरतपुर सोनहत विधायक की फटकार के बाद ही उन्होंने अपनी दावेदारी वापस ले ली है।
सोनहत से जिन तीन लोगों ने की थी बैकुंठपुर से दावेदारी उन्होंने नाम लिया वापस,सूत्र
सोनहत से भी तीन लोगों ने बैकुंठपुर विधानसभा से अपनी दावेदारी दाखिल की थी, दावेदारी करने वाले न तो कोई बड़े नेता थे न कोई बड़े समाज सेवक न ही उनका कोई जनाधार ही विधानसभा में माना जायेगा जैसा कहने भी लगे थे लोग, एक किसी सभा का भी यदि वह आयोजन विधानसभा में वह किए होते किसी भी तरह खुद की कोई अमिट छाप उनकी होती तब भी उनकी दावेदारी उचित प्रतीत होती, लेकिन उन्होंने क्यों किया था दावेदारी दर्ज यह प्रश्न ही बनकर रह गया? क्योंकि उन्होंने नाम वापस ले लिया जो सूत्र बताते हैं, बताया जा रहा है तीनो भरतपुर सोनहत के प्रतिनिधि हैं और यही उनकी पहचान है इसके अलावा उनकी बैकुंठपुर में कोई पहचान नहीं थी और इसीलिए उनकी दावेदारी भरतपुर सोनहत विधायक का ही एक प्रयास माना जा रहा था वहीं सूत्र यह भी बता रहें हैं की भरतपुर सोनहत विधायक की फटकार के बाद ही उन्होंने अपनी दावेदारी वापस ले ली है।
कांग्रेस की लोकतांत्रिक प्रकिया से दावेदारी दर्ज करने की रीति ही चुनाव में कहीं उसके लिए बन न जाए सिरदर्द की वजह
कांग्रेस पार्टी लोकतांत्रिक प्रक्रिया का पालन करते हुए सभी कार्यकर्ताओं को मौका देने वाली पार्टी है वह दावेदारों में से एक का नाम तय करेगी जो सर्वेक्षण आधारित होगा यह कांग्रेस संगठन कहता आ रहा है वहीं विधानसभा अध्यक्ष का एमसीबी जिले में दिए गए बयान और उप मुख्यमंत्री का एक टीवी चैनल का बयान बताता है सब कुछ पहले से तय है और आवेदन सभी का लेकर उनमें से एक ही नाम ऊपर जाए और यह आपसी सामंजस्य वहीं विधानसभा क्षेत्र में ही तय हो जाए यही प्रयास है। कुल मिलाकर सब कुछ तय है और आवेदन लिया जा रहा है,आपसी प्रतिस्पर्धा में दावेदारी भी जमकर हो रही है इस तरह पार्टी में आपसी गुटबाजी भी देखी जा रही है,अब यही व्यवस्था चुनाव में पार्टी के लिए सिरदर्द न बन जाए यह कहना गलत भी नहीं होगा।