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अंबिकापुर/कोरिया@क्या प्रशासन के तैयार सवाल बच्चे मुख्यमंत्री से पूछें, बच्चों का सवाल का जवाब दे बढ़ेगी की लोकप्रियता?

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  • क्या इस सरकार में प्रशासन का इतना गिर गया स्तर के मुख्यमंत्री के सामने सवाल तैयार कर बच्चों से करवाएंगे सवाल?
  • प्रशासन बच्चों को तोते की तरह सवाल राटवा रहे हैं ताकि मुख्यमंत्री के सामने बच्चे अच्छे से पूछ सके सवाल: सूत्र
  • युवाओं से मुख्यमंत्री की भेंट मुलाकात कार्यक्रम में प्रशासन द्वारा तैयार किए गए सवाल ही पूछ पाए-मुख्यमंत्री से संभाग के युवा
  • युवाओं से भेंट मुलाकात कार्यक्रम के तहत सरगुजा संभाग के युवाओं से मिलने सरगुजा पहुंचे मुख्यमंत्री
  • प्रशासन ने भी युवाओं को किया सवाल जवाब के लिए तैयार,सवाल वही थे जिन्हें प्रशासन ने किया था युवाओं के लिए तैयार
  • प्रशासन द्वारा युवाओं को सवालों की तैयारी कराने की खुली पोल,सवाल हुआ वायरल,हो रही प्रशासन और आयोजन की फजीहत।
  • विपक्ष का आरोप,युवाओं से भेंट मुलाकात उसी तरह है प्रायोजित जैसे पूर्व का भेंट मुलाकात कार्यक्रम था प्रायोजित

-रवि सिंह-
अंबिकापुर/कोरिया 23 अगस्त 2023 (घटती-घटना)। सरगुजा संभाग में प्रदेश के मुख्यमंत्री युवाओं से भेंट मुलाकात करने पहुंचे और संभाग मुख्यालय में संभाग के युवाओं को इस कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया गया। संभाग के सभी शासकीय अशासकीय महाविद्यालयों के छात्र छात्राओं को कार्यक्रम में शामिल कराने संभाग स्तर के सभी अधिकारी कर्मचारी साथ ही जिले सहित सभी ब्लॉक स्तर के अधिकारी इस कार्यक्रम की सफलता के लिए जी जान से जुटे रहे और तब जाकर युवाओं को कार्यक्रम स्थल तक ले जाया जा सका। युवाओं को संभाग स्तर तक पहुंचने में सुविधा क्या होगी उनके नाश्ते भोजन की सुविधा क्या होगी और उन्हे पूरे रास्ते नियंत्रण में कौन रखेगा यह भी प्रशासन ने तैयारी की और इसके लिए शिक्षा विभाग को जिम्मेदारी दी गई, जिसने अपने संकुल स्तर के शिक्षकों को भी इसमें जिम्मेदारी दे दी जो जाने वाले युवाओं को जो ज्यादातर महाविद्यालय के ही छात्र छात्रा हैं को लेकर गए और वापस भी लौटे। कुल मिलाकर देखा जाए तो कार्यक्रम की जो सबसे बड़ी जरूरत थी जो मुख्यमंत्री के आगमन पर भीड़ जुटाने को लेकर थी उसकी जिम्मेदारी शिक्षकों और शिक्षा विभाग को सौंपी गई और तब जाकर हर जगह से युवा संभाग मुख्यालय पहुंच सके।
वाहन अधिग्रहण सहित वाहनों के ईंधन की व्यवस्था परिवहन विभाग और राजस्व विभाग के जिम्मे सौंपा गया था और इस तरह अच्छी भीड़ की व्यवस्था प्रशासन ने तैयार की थी। प्रशासन ने भीड़ की समस्या और उसकी जरूरत पूरा करने के बाद युवाओं को सवालों का अभ्यास भी कराया था जो वह सवाल थे जो मुख्यमंत्री से युवा कर सके और उसके अतिरिक्त खुद से कोई प्रश्न युवा मुख्यमंत्री से नहीं कर सके यह भी देखा गया क्योंकि युवाओं में उन्हे ही वहां मौका मिला जो महाविद्यालय के छात्र छात्रा थे और जिन्हे एक विशेष कक्षा सत्र चलाकर यह पूरी तरह समझा दिया गया था की सवाल क्या होंगे और किन्हें सवाल का मौका मिलेगा,सवाल स्वतंत्र नहीं हो सकते साथ ही बताए सिखाए गए सवाल से अलग सवाल पूछने पर माइक ले लिया जाएगा यह भी युवाओं को स्पष्ट कर दिया गया था। युवाओं को उनके महाविद्यालय के नियंत्रक से यह समझाइश भी स्पष्ट तौर पर दे दी गई थी की खाने पीने की दिक्कत नहीं होगी और उन्हे मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में कोई अशांति भी सवालों को लेकर नहीं फैलाना है उन्हे जाना है और कुछ प्रश्न जो तैयार हैं जिन्हे पूछने का मौका उनके ही बीच किसी किसी को मिलेगा और वह वही प्रश्न करें,मौका मिला तो तैयार प्रश्न से इतर कोई प्रश्न न करें और कार्यक्रम के बाद तय वाहन जिसमे वह गए हैं वापस उसमे बैठे और लौट आएं। हुआ भी वही,युवाओं में से जिन्हे मौका मिला उन्होंने तैयार कराए गए सवाल पूछे और फिर वह लौट आए।
मुख्यमंत्री की युवाओं से भेंट मुलाकात कार्यक्रम इस तरह सरगुजा संभाग में भी प्रशासन द्वारा प्रायोजित नजर आई
मुख्यमंत्री की युवाओं से भेंट मुलाकात कार्यक्रम इस तरह सरगुजा संभाग में भी प्रशासन द्वारा प्रायोजित नजर आई और वैसा ही कुछ देखने को मिला जो पिछले साल हुए भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान हुआ था जिसमे भी सवाल पहले से तय थे और जवाब मुख्यमंत्री क्या देंगे वह भी तय थे। सरगुजा संभाग पहुंचने से पूर्व चूंकि प्रशासन की सवालों की तैयारी की पोल किसी युवा ने ही खोल दी और कार्यक्रम से पूर्व ही यह स्पष्ट हो गया की कार्यक्रम मुख्यमंत्री के लिए प्रशासन द्वारा युवाओं को निर्देशित कर सवालों को तैयार कराकर एक तरह से प्रायोजित कार्यक्रम था जो सफल ही होना था और हो गया,इस बीच एक सवाल जरूर खड़ा हो गया की क्या युवाओं को भी शासन प्रशासन ने मिलकर वह करने पर मजबूर कर दिया जो वह चाहते थे,मुख्यमंत्री से कोई स्वतंत्र सवाल न हो सके यह प्रशासन की जिस तरह की सफलता देखी गई उसको लेकर कहा जा सकता है की युवा भी मजबूर नजर आए और उनका जाना भेंट मुलाकात करना केवल और केवल चाय नाश्ते भोजन सहित फोटोग्राफी तक ही सीमित रह गया।
मुख्यमंत्री से युवा क्या कर सकते थे सवाल,प्रशासन की इस तैयारी की खुली पोल
युवाओं से भेंट मुलाकात करने प्रदेश के मुख्यमंत्री सरगुजा संभाग पहुंचे थे,संभाग के प्रत्येक शासकीय अशासकीय महाविद्यालय के छात्र छात्रा इस कार्यक्रम में अपेक्षित थे और उन्हे ले जाने की व्यवस्था भी थी वहीं वह या उनमें एस जिन्हे मुख्यमंत्री से सवाल पूछने का जब मौका मिलेगा तब वह क्या सवाल पूछेंगे यह प्रशासन ने युवाओं को बता दिया था और बकायदा इसकी तैयारी करा दी गई थी,वहीं प्रशासन की उसी तैयारी की पोल खुल गई और जिसको लेकर सोशल मीडिया पर यह सवाल जवाब जारी है की क्या प्रशासन के तय सवाल ही सवाल जवाब में शामिल हुए।
सवालों की तैयारी की जब खुली पोल,होने लगी प्रशासन की सोशल मीडिया में फजीहत
प्रशासन ने युवाओं को इस बात से आश्वस्त किया की उन्हे या उनमें से किसी को भी सवाल पूछने का मौका मिल सकेगा और ऐसी स्थिति में उनके सवाल क्या होंगे वह उसे तैयार कर लें,एक सवाल एक ही बार पूछा जायेगा और उस सवाल के पूछ लिए जाने की स्थिति में दूसरा नंबर लगने पर दूसरा सवाल क्या होगा यह भी प्रशासन ने युवाओं को बता दिया था। कोई भी युवा व्यक्तिगत सवाल नहीं करेगा यह भी प्रशासन ने चेतावनी दे रखी थी।वैसे प्रशासन की उसी तैयारी की किसी युवा ने पोल खोल दी और अब सोशल मीडिया में प्रशासन की और पूरे आयोजन की फजीहत देखने सुनने को मिल रही है।लोग यह पूछ रहे हैं चर्चा कर रहें हैं की जब युवा खुद अपने मन की बात कर ही नहीं सका प्रशासन हावी रहा तब किस बात का भेंट मुलाकात इसे दिखावा नहीं तो और क्या कहें लोग पूछ रहें हैं आपस में।
युवाओं से भेंट मुलाकात कार्यक्रम में युवा रहें नियंत्रित,युवा न पूछ सकें व्यक्तिगत प्रश्न प्रशासन ने इसके लिए तैयार की थी कई स्तर की बेरिकेट
प्रशासन ने मुख्यमंत्री से युवाओं के भेंट मुलाकात कार्यक्रम सरगुजा संभाग को लेकर काफी तैयारी की थी,इसके लिए कई स्तर के बेरिकेट प्रशासन ने तय किए थे,युवा व्यक्तिगत कोई प्रश्न कर न सकें वह अनुशासन में रहकर केवल वही जिज्ञासा जाहिर कर सकें जो प्रशासन उन्हे समझा चुका है तैयारी करा चुका है। प्रशासन की बेरिकेटिंग व्यवस्था जिसमे सवाल तय थे,युवा भी वही थे जो महाविद्यालय के छात्र छात्रा थे जो महाविद्यालय परिवार द्वारा नियंत्रित किए जा सकते थे वहीं उसके बाद उनके आगे पीछे स्कूल शिक्षा विभाग के शिक्षक तक नियुक्त थे जो युवाओं के समूह के बीच बीच में थे और किसी युवा के व्यतिगत प्रश्न आने पर माइक छीनने का उन्हे निर्देश था जिसमे प्रशासन सफल रहा।
संभाग के युवाओं को भी कैसे रखना है नियंत्रित,कैसे उन्हे प्रशासन से कराना है निर्देशित भेंट मुलाकात कार्यक्रम यह संदेश छोड़ गया
युवाओं से मुख्यमंत्री का भेंट मुलाकात कार्यक्रम कोई संदेश छोड़ गया तो केवल यही की युवाओं को कैसे नियंत्रित करना है कैसे उन्हे उसी बात के लिए निर्देशित करना संभव बनाना है जो प्रशासन और शासन चाहता है। खुद की जिज्ञासा और खुद की कोई व्यथा बता पाने की बजाए । वही बात व्यथा होगी जो प्रशासन बताएगा यह भी यह कार्यक्रम समझा गया। युवाओं को कैसे वश में करना है यह भी यह कार्यक्रम सीखा गया। माना जाता है युवा अवस्था में इंसान स्वतंत्र विचार और निर्भीक तरीके से उसके प्रदर्शन को लेकर निश्चिंत रहता है लेकिन इस कार्यक्रम में यह भी देखने को मिला की युवाओं जो भी बांधकर और उन्हे कैसे वैचारिक रूप स ऐसा करने प्रशासन मजबूर कर सकता है यह भी तय हो नज़र आया।
पहले ग्रामीण बुजुर्गों को वाहनों से ढोकर ले जाया जाता था और सत्ताधारी दल का कार्यक्रम प्रशासन सफल कराता था,अब युवा भी भीड़ जुटाने का माध्यम तय हुआ
पहले देखा जाता था की प्रशासन किस तरह बड़े नेता जो सत्ताधारी दल से कहीं आते थे उन्हें वाहनों में भरकर कार्यक्रम में ले जाया करता था और कार्यक्रम में उनके माध्यम से भीड़ जुटाकर कार्यक्रम सफल बनाया करता था,तब किसी ने यह नहीं सोचा था एक दिन ऐसा आएगा जब शिक्षित खासकर महाविद्यालय स्तर की पढ़ाई कर रहे छात्र या युवा भी कभी प्रशासन के लिए उसी तरह भीड़ का माध्यम बन जाएंगे और वह भी प्रशासन से नियंत्रित और निर्देशित होने मजबूर हो जाएंगे,वहीं प्रशासन ही उनके लिए प्रश्न तैयार करेगा उन्हे कैसा व्यवहार और कैसा निर्णय लेना है वही बताएगा और वही युवा भी करेंगे।
आने वाले समय में प्रशासन मत को लेकर भी देगा प्रशिक्षण,वही निर्देशित करेगा किसे देना है मत,वह दिन दूर नहीं
युवाओं से मुख्यमंत्री की भेंट मुलाकात कार्यक्रम को प्रशासन ने जिस तरह नियंत्रित किया जिस तरह प्रशासन ने सवाल भी तय किए युवाओं को यह समझाया सिखाया की उन्हे किन प्रश्नों पर ही उत्तर प्राप्त करने हैं कुल मिलाकर उन्हे किस तरह बांधकर रखना है उनकी किसी जिज्ञासा को कैसे दबाना है जिसमे प्रशासन सफल भी हुआ को देखने के बाद यह कहना गलत नहीं होगा की आने वाले समय में मत देना और मत किसे देना है का निर्णय भी प्रशासन ही लेगा देगा क्योंकि उसने जब शिक्षित युवाओं की जिज्ञासा भी उनकी अपनी न रहने दी तो मत उनके मन का वह दे पाएंगे यह भी वह आने वाले समय में संभव नहीं होने देंगे।


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