कांग्रेस का दावा भूपेश सरकार ने पौने 5 साल में प्रदेश के हर वर्ग का रखा ख्याल
रायपुर,20 अगस्त 2023(ए)। कांग्रेस की भूपेश सरकार ने पौने दो लाख करोड़ रुपए सीधे लोगों के खाते मे डाला है। दीपक बैज ने दवा किया है कि राज्य का हर नागरिक भूपेश सरकार को फिर से बनाना चाहता है। जनता के भरोसे से अब की बार 75 पार होगा यह भरोसा है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि पिछले पौने पांच साल में कांग्रेस की भूपेश सरकार ने किसानों, महिलाओं, मजदूरों, युवाओ के खातें मे पौने दो लाख करोड़ रूपये सीधे डालने का काम किया है।
उन्होंने कहा जनता का कांग्रेस के प्रति भरोसा बढ़ा है इसी भरोसे के दम पर अब की बार 75 पार का लक्ष्य पूरा होगा। राज्य का हर नागरिक चाहता है भूपेश सरकार को फिर से बनाना।
कांग्रेस की सरकार ने किसानों, युवाओं, मजदूरों महिलाओं, आदिवासियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिये योजना बनाया और उसका प्रभावी क्रियान्वयन किया है।
इस वजह से छत्तीसगढ़ का किसान देश में अपनी फसल की सबसे ज्यादा कीमत पाता है तथा राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से 9 से 10 हजार की इनपुट सब्सिडी किसानों को मिल रही है।
सबसे कम बेरोजगारी दर छत्तीसगढ़ की है। युवाओं को 2500 रू भत्ता भी कांग्रेस की सरकार देती है। आम आदमी को राहत देने के लिये भूपेश सरकार ने बिजली बिल हाफ योजना लागू किया है। जिसक फायदा 44 लाख नागरिकों को हुआ उनका 4000 करोड़ का बिजली बिल कांग्रेस सरकार ने माफ कर दिया।
भूपेश सरकार की इन योजना का भी बखान
- तेंदूपत्ता का मानक दर 2500 रु से बढ़ाकर 4000 रु प्रति बोरा किया गया,
- 65 वनोपज की समर्थन मूल्य में खरीदी की गई, चरणपादुका योजना
- बस्तर में मक्का प्रोसेसिंग प्लांट लगाया गया
- 24827 व्यक्तिगत 20,000 से अधिक सामुदायिक व 2200 वन संसाधन पट्टा
- 16 लाख से अधिक हेक्टर भूमि आदिवासी वर्ग को वितरित
- 4,38,000 से अधिक व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र वितरित
- 44,300 से अधिक सामुदायिक वन अधिकार पत्र वितरित किया गया
- 2175 से अधिक वन संसाधन अधिकार ग्राम सभा को प्रदान की गई
- मिलेट मिशन से बस्तर के वनोपज को देश-विदेश तक पहुँचाया गया
- राजीव गांधी किसान न्याय योजना से धान, गन्ना, मक्का, कोदो, आदि फसल के लिए सब्सिडी
- 85 विकास खंडों में वनों उपज प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना के लिए आठ करोड 50 लाख रुपए
- बिजली बिल हाफ की सुविधाएं, सिंचाई कर माफ किया गया
- चार साल में आदिवासी वर्ग के शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य के एवं कानूनी अधिकार के लिये कार्य
- बस्तर क्षेत्र में आदिवासी वर्ग की शिक्षा के लिए 300 से अधिक बंद स्कूलों को खोला गया
- पूर्वर्ती सरकार द्वारा दस गांवों के 1707 आदिवासी परिवार से छीनी गई 4200 एकड़ जमीन को लौटाया