- तत्कालीन थाना प्रभारी आनंद सोनी द्वारा की गई विवेचना/जाँच के आधार पर शातिर प्रेमी को मिली सजा
- जनकपुर थाना क्षेत्र में 28 व 30 मार्च 2019 की थी घटना
- गवाहों के मुकदमे के बाद सिर्फ पुलिस के साक्ष्य पर हुई सजा
- पिता ने दो दिन पहले गुमशुदगी की रिपोर्ट कराई थी जज तीसरे दिन पेड़ पर लटका मिला था बेटी का शव
- घर वाले को भी पता था है प्रेम प्रसंग जिसके आधार पर पुलिस पहुंची आरोपी तक
- घरवालों का शक था प्रेमी पर आखिर वही निकला बेटी का हत्यारा
एमसीबी,20 अगस्त 2023 (घटती-घटना)। हत्या व दुष्कर्म के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश मनेंद्रगढ़ की अदालत से आया बड़ा फैसला प्रेमी की हत्या कर फांसी पर लटका देने वाले प्रेमी को घटना के 4 साल बाद सुनाया गया आजीवन कारावास की सजा। इस फैसले के बाद मृतिका के घर वाले को मिला न्याय, इस फैसले के बाद लोगों की न्यायालय से बढ़ी उम्मीद। प्रेमिका ने घटना को तब अंजाम दिया था जब प्रेमिका स्कूल से पेपर देकर घर लौट रही थी तब उसका गला दबाकर उसकी हत्या की और उसे पेड़ में लटका दिया गया था। पुलिस की निष्पक्ष विवेचना से मिला न्याय। पिता जब बेटी परीक्षा देकर घर नहीं लौटी तो थाने में 28 मार्च 2019 को दर्ज कराया गुमशुदगी की रिपोर्ट, 30 मार्च 2019 को पेड़ पर झूलती मिली बेटी का शव।
जानकारी के अनुसार मृतिका के पिता जब बेटी परीक्षा देकर घर नहीं लौटी तो उन्होंने जनकपुर थाने में 28 मार्च 2019 को गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई 30 मार्च को 2019 को ग्राम जनकपुर के फुलझर नल के जंगल में सराई के पेड़ पर लड़की मिली मृतिका, इसके बाद पुलिस को सूचना दिया गया और फिर वहां से जांच तेज हुई, थाना प्रभारी आनंद सोनी के पास इस हत्या की विवेचना थी और वह इस मामले को बड़ी बारीकी से देख रहे थे, जब पुलिस को शव मिला था उस समय उस जगह पर मृतिका के प्रश्न पेपर व बैग के साथ हत्या करने वाले आरोपी का जूता भी बरामद हुआ था, वही घर वाले ने हत्या की आशंका मृतिका के प्रेमी पर जताई थी और वही अंतिम बार मोबाइल दुकान वाले ने उसे उसके साथ जाते देखा था, जिसके आधार पर पुलिस प्रेमी को ढूंढ कर लाई और फिर पूरे मामले का खुलासा हुआ, मामला काफी पेचीदा था क्योंकि प्रथम दृष्टि में आरोपी की पहचान नहीं हो पाई थी पर पुलिस की विवेचना में आरोपी की पहचान तब हुई जब आरोपी 28 मार्च को प्रेमिका के साथ मोबाइल दुकान मोबाइल लेने गया था तब उसने देखा था, तब पुलिस का संदेह हकीकत में बदल गया था की हो ना हो वही हत्यारा है। क्योंकि पोस्टमार्टम में डॉक्टर ने भी पुलिस ने भी यह बता दिया था कि मारने के बाद उसे फांसी पर लटकाया गया है, जिसके बाद यह तय हो गया था कि यह आत्महत्या नहीं हत्या है।
पहले गुमशुदगी फिर हत्या का रिपोर्ट थाने में हुआ दर्ज
जानकारी के अनुसार प्रार्थी प्रकाश नारायण गुप्ता पिता राम नारायण गुप्ता उम्र 46 वर्ष निवासी देवगढ थाना जनकपुर जिला कोरिया (छ.ग.) ने जनकपुर थाने पहुच शिकायत दर्ज कराया की दिनांक 28/03/2019 को प्रातः 06/30 बजे जनकपुर कालेज परीक्षा देने के लिये छोड़ा था, बाद लड़की घर वापस नहीं गई तब दिनांक 28/03/19 को ही थाना जनकपुर में गुम इं0 क्र0 13/19 दिनांक 28/03/19 के 20/10 बजे कायम कराया था, जिसके बाद दिनांक 30/03/19 को प्रातः ग्राम जनकपुर फूलझर नाला के पास लड़की प्रज्ञा गुप्ता का शव सरई पेड़ डगाल में काला रंग स्टाल से फांसी में लटकी मिली थी। घुटना जमीन पर टिक गया था, गुम इंसान क्र. 13/19 कुमारी प्रज्ञा गुप्ता का शव फांसी लगा मिला है कि सूचक के रिपोर्ट पर मर्ग कायम कर जांच पंचनामा कार्यवाही किया गया था। प्रथम सूचना पत्र के अनुसार थाना जनकपुर के मर्ग क्रमांक 07/19 धारा 174 जा.फौ कि मृतिका कुमारी प्रजा गुप्ता का मर्ग जांच शव पंचनामा कार्यवाही किया गया था। सूचक, गवाहन, वारिशान का कथन लिया घटना स्थल शव निरीक्षण किया बाद मृतिका के शव का पीएम कराया गया। डॉक्टर ने शार्ट पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में बता की के सभी सबूत यह सुझाव दे रहे हैं कि मौत का कारण दम घुटना है जो गला घोंटने कारण हो सकता है। प्राकृतिक मृत्यु का कोई अन्य प्रमाण नहीं मिला है। आखç¸रकार हम इस राय पर पहुँचे कि मृत्यु की प्रकृति मानव वधात्मक है। विसरा और अन्य आवश्यक नमूने और वस्तुएँ संरक्षित कर ली गई हैं और आगे की फोरेंसिक जांच के लिए एफएसएल को भेजा गया था जिसमे मानव शुक्राणु पाया गया था।
प्रेमिका के घर के सामने ही रहता था प्रेमी
प्रेमिका के घर के सामने ही रहता था प्रेमी और यह बात प्रेमिका के घर वालों को भी थी पता, जिसके बाद प्रेमिका के साथ घर वालों ने डांट फटकार की इसके बाद वह वहां से चला गया पर कुछ दूर में घर लेकर रह रहा था और मुलाकात हो ती रहती थी, जिस दिन प्रेमिका गुम हुई उसे दिन वह अपना मोबाइल बनने के लिए दिया था और प्रेमी को कहा था कि आते वक्त मोबाइल लेते आना पर मोबाइल दुकान वाले ने उसे यह कह कर मोबाइल नहीं दिया की जिसका मोबाईल है उसे ही दूंगा, जिसके बाद प्रेमिका प्रेमी के साथ बाइक में बैठकर आई और मोबाइल लेकर चली गई, सिर्फ वही क्षण था जब मृतिका को प्रेमी के साथ देखा गया था, जहां से उसकी पहचान हुई और पुलिस ने उसके घटना स्थल से बरामद हुए जूते की भी जांच कराई तब जाकर यह साबित हो गया कि घटना स्थल पर पाया गया जूता भी प्रेमी का था जो हत्यारा था, हत्यारे का नाम विवेक पांडे बताया जा रहा है जो एमपी के सीधी जिले का था जिसे बचाने के लिए उसके घर वाले ने काफी प्रयास किया पर पुलिस के एविडेंस के सामने उसे नहीं बचाया जा सका अन्यथा उसे सजा हुई।
पुलिस के साक्ष्य पर हुई सजा
सूत्रों की माने तो जिस व्यक्ति ने गवाही दी थी कि मैंने अंतिम समय उसे देखा है वह अपने बयान से पलट गया था पर पुलिस के पास इतने सारे एविडेंस थे जो आरोपी को सजा देने के लिए पर्याप्त थे, पुलिस के पास फॉरेंसिक जांच की रिपोर्ट थी साथ ही उसके साथ दुष्कर्म हुआ है वह भी जांच में आ चुका था, मानव शुक्राणु मृतिका में पाया गया था, वहीं मृतका के शरीर पर आरोपी के नाखून के निशान भी थे जो यह बता रहे थे कि उसके साथ बर्बरता हुई है। थाना प्रभारी आनंद सोनी की विवेचना वाले मामले में कई लोगों को सजा हुई, उसमें से एक सजा यह भी है ऐसा मान्य जाने लगा है कि यदि पुलिस निष्पक्षता के साथ जांच की जाए तो न्याय जरूर मिलेगा आखिर एक बार और निष्पक्षता की जांच का नतीजा है कि उनके विवेचना पर एक आरोपी को और सजा हुई, आनंद सोनी एविडेंस जुटाने में काफी माहिर है जिस वजह से कई बार गवाहों के मुकरने के बावजूद उनके जुटाए एविडेंस पर सजा हुई है क्योंकि न्यायालय भी बिना एविडेंस के सजा नहीं सुनता।