71 लोगों ने बाढ़ में गंवाई अपनी जान,
शिमला,17 अगस्त 2023 (ए)। हिमाचल प्रदेश 50 साल में सबसे भयावह प्राकृतिक आपदा देखने को मिला है। सामाजिक संगठनों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने 2005 के आपदा प्रबंधन अधिनियम के प्रावधानों के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से स्थिति को राष्ट्रीय आपदा या दुर्लभ गंभीरता की आपदा घोषित करने पर विचार करने का आग्रह किया है। प्रधानमंत्री को भेजे एक लंबे पत्र में उन्होंने लिखा कि, “राज्य इस समय अभूतपूर्व आपदा से जूझ रहा है। पिछले एक महीने से आधी से ज्यादा आबादी भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से लगातार जान का खतरा बना हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि व्यास घाटी में आई बाढ़ इस बड़े पैमाने की आपदा का शुरुआती बिंदु थी जो अब राज्य में फैलता जा रहा है। प्रदेश में बाढ़ आने से अब तक 71 लोग की मौत हो चुकी है वहीं 13 लोग अब भी लापता है।
कई मकान व इमारतें आंशिक रूप से और पूरी तरह से ध्वस्त हो गई हैं। सैकड़ों लोगों को अपने जान से हाथ धोना पड़ा है, और हजारों परिवारों को अपना घर छोड़कर अस्थायी रूप से अपने रिश्तेदारों के यहां शरण लेना पड़ रहा है, उनके पास पर्याप्त राशन की कमी हो रही है। राज्य की स्थिति बेहद गंभीर व नाजुक है। सरकारी और निजी संपत्ति दोनों को महत्वपूर्ण भारी नुकसान हुआ है। सामाजिक संगठनों के अधिकारियो का कहना है कि प्रारंभिक अनुमान से पता चलता है कि राज्य को 10,000 करोड़ रुपये से अधिक का भारी नुकसान हो रहा है, जो अभूतपूर्व है। “दुर्लभ गंभीरता की इस आपदा के सामने केंद्र सरकार के आवश्यक समर्थन के बिना हिमाचल प्रदेश स्थिति से निपटने के लिए संघर्ष कर रहा है, जिससे तत्काल सहायता में देरी हो सकती है और बड़े पैमाने पर परिवारों के दीर्घकालिक पुनर्वास में अनुचितता हो सकती है। इस परिदृश्य में राज्य आपदा राहत कोष राज्य के लोगों को त्वरित राहत और पुनर्वास प्रदान करने के लिए पर्याप्त नहीं होगा।
सीएम भूपेश बघेल ने सुखविंदर सिंह से की परिचर्चा
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से फोन पर बात कर वहां की त्रासदी के संबंध में किये जा रहे राहत कार्यों के लिए एकजुटता दिखाई। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक आपदा के चलते कठिन वक्त से गुजर रहा है। इस त्रासदी में सभी देशवासी हिमाचल प्रदेश के लोगों के साथ खड़े हैं। हर प्रकार के आवश्यक प्रयासों में हम साथ खड़े हैं। मुख्यमंत्री ने फोन पर सुक्खू से वर्तमान हालात की जानकारी भी ली। उन्होंने कहा कि देवभूमि के लोग प्राकृतिक आपदा के चलते कठिन स्थिति से गुजर रहे हैं। आपदा बहुत बड़े स्तर की है और देशवासियों की सामूहिक एकजुटता से इस आपदा से निपटेंगे।