हाल ही में कोतमा विधानसभा क्षेत्र के पदाधिकारी भोपाल व दिल्ली पहुंचे और स्थानीय विधायक के खिलाफ अपना कड़ा रुख पार्टी के सामने रखा
इन कार्यकर्ताओं का कहना है कि बीते पांच साल से उनके विधानसभा में विधायक द्वारा अपने ही कार्यकर्ताओं को निशाना बनाते हुए भाजपा से मिलकर कानूनी कार्यवाही करा रहे हैं…
वहीं कार्यकर्ताओं का कहना है कि कांग्रेस विधायक सुनील सराफ की पार्टी नहीं है, ऐसे में पार्टी के अन्य लोगों को भी चुनाव लड़ने का मौका मिलना चाहिए। इन्ही सब मुद्दो के चलते अब विधायक सुनील सराफ उन चेहरों के खिलाफ कार्यवाही से भी गुरेज नहीं कर रहे कभी जिनकी बदौलत आज इस मकाम तक का सफर तय किया है…
-अरविंद द्विवेदी-
अनूपपुर,07 अगस्त 2023 (घटती-घटना)। क्षेत्रीय क्षत्रपों के मनमुटाव के बाद अब मध्यप्रदेश कांग्रेस में कार्यकर्ताओं का विरोध नेतृत्व के माथे पर शिकन का कारण बन सकता है। जिले के नगर पालिका बिजुरी में हुए भ्रष्टाचार की जांच पर बीते दिनों लोकायुक्त व बिजुरी पुलिस ने संयुक्त कार्यवाही करते हुये नगर पालिका बिजुरी से चोरी हुये 47 लाख का 900 केबीए जनरेटर के मामले में लोकायुक्त पुलिस ने कांग्रेस के पूर्व जिला महामंत्री व पूर्व नपा उपाध्यक्ष बिजुरी राकेश शुक्ला उर्फ गर्गू के घर से 250 के&वीए का जब्त करते हुये बिजुरी थाना में लाया गया। जानकारी के अनुसार लोकायुक्त पुलिस द्वारा नगर पालिका बिजुरी में हुए भ्रष्टाचार की जांच की जा रही है।
लोकायुक्त रीवा के निरीक्षक ने दी जानकारी
लोकायुक्त रीवा के निरीक्षक परमेन्द्र कुमार ने बताया कि नपा बिजुरी में सामग्री खरीदी में हुई अनियमितताओं पर अपराध क्रमांक 39/23 दर्ज किया गया जिसकी जांच मेरे द्वारा की जा रही है। इसमें एक भ्रष्टाचार जनरेटर से संबंधित है जिसे बिजुरी नगर पालिका द्वारा 47 लाख रुपये के 900 केव्ही का जनरेटर एम.आर. ट्रेडर्स से जुलाई 2021 में खरीदा गया था। जिसके लिए प्रस्ताव 10 मई को पास करते हुए 19 मई को टेंडर जारी किया गया और जिसका भुगतान 8 दिसंबर 2021 को कर दिया गया। लोकायुक्त रीवा के निरीक्षक ने बताया कि नगर पालिका ने एम.आर. ट्रेडर्स को 250 केव्ही वर्क आर्डर जारी किया था, जबकि नगर पालिका परिषद ने अपनी लिखा पढ़ी में 900 केव्ही का जनरेटर प्राप्त करना दर्शाया गया है। वही टेंडर में भी 900 केवीए की खरीदी की बात कही गई थी जिसे आज भी जेम पोर्टल में देखा जा सकता है। नपा बिजुरी द्वारा 16 जुलाई को निविदाकर एम.आर. ट्रेडर्स को कॉन्ट्रेक्ट जारी किया गया और 19 जुलाई 2021 को बिना जनरेटर खरीदे एमआर ट्रेडर्स द्वारा नपा बिजुरी को इनवॉइस जारी कर दिया गया। नपा की नोटशीट में विनोद पांडेय ने 19 जुलाई 2021 को 900 केवीए जनरेटर प्राप्त करना दर्ज कर लिया और यह भी दर्ज किया की भंडार पंजी 2021 /22 के पृष्ट क्रमांक 040 में दर्ज है। वही एक पन्ने पर भंडार में आने की सील भी लगाई गई है जिस पर अंकित है। उक्त सामग्री भंडार पंजी वर्ष 21 /22 के पृष्ट क्रमांक 40 में दर्ज है और उसके नीचे मीना कोरी के दस्तखत है। जिससे यह साबित होता है कि जनरेटर 19 जुलाई 2021 को प्राप्त किया गया है। वही त्रद्गद्व पोर्टल पर 18 अगस्त 2021 को पावती जेनरेट की है की एक नग जनरेटर प्राप्त हुआ।
बिना खरीदी के ही कर दिया गया लाखों का भुगतान
कांग्रेस नेता राकेश उर्फ गर्गू शुक्ला के घर से जो जनरेटर जब्त हुआ वह 250 केबीए का है। जिसकी खरीदी 5 मार्च 2022 को की गई और खरीद कर नगर पालिका बिजुरी को किराए में दिया गया था तथा भुगतान के लिए 14 जून से 5 अक्टूबर 2022 तक लगातार 7 आवेदन पत्र दिया गया। किंतु नपा ने भुगतान नही किया जिसके चलते उक्त फर्म के द्वारा अपना सामान उठा लिया गया। अब मुद्दे की बात यह है कि जिस जनरेटर को जप्त किया गया है उस जनरेटर में निर्माण का वर्ष दिसंबर 2021 अंकित है तो फिर यह जुलाई में कैसे बिजुरी नपा में दे दिया गया। साथ ही जेनरेटर की मैन्युफैख्रिंग माह और नगर पालिका की नोटशीट, एम.आर. के बिल से साबित होता है कि नगर पालिका ने बिना जेनरेटर प्राप्त किए ही 19.7.21 को प्राप्त दिखा कर 8.12.21 को पैसा आहरण कर लिया गया।
जिम्मेदार ही कर रहे शिकायतकर्ता को प्रताडि़त
नगर पालिका बिजुरी के पूर्व उपाध्यक्ष सतीश शर्मा जो बीजेपी के नेता हैं उन्होंने अध्यक्ष वा अन्य पार्षदगणों के साथ मिलकर मीना कोरी तत्कालीन सीएमओ द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की शिकायत की थी। जिस पर मीना कोरी के विरुद्ध थाना बिजुरी में मामला पंजीबद्ध हो गया था फिर मीना ने षडयंत्र करके सभी शिकायत कर्ताओं के विरुद्ध जांच प्रतिवेदन बनवाकर लोकायुक्त में मामला पंजीबद्ध करवा दिया। लोकायुक्त द्वारा सिर्फ शिकायतकर्ताओं के विरुद्ध जांच की जा रही है जबकि मूल आरोपी मीना कोरी की न तो जांच की जा रही है और ना ही उसको परेशान किया जा रहा।
राजनैतिक संरक्षण प्राप्त मीना कोरी कार्यवाही से कोसों दूर
बीते वर्ष नपा बिजुरी में हुए भ्रष्टाचार की शिकायत लोकायुक्त से की गई थी साथ ही बिजुरी थाने में तत्कालीन सीएमओ मीना कोरी के विरुद्ध पुलिस ने एफआईआर भी दर्ज की थी। किंतु राजनैतिक संरक्षण के चलते पुलिस मूल आरोपी जिसके ऊपर करोड़ों के गवन के आरोप लगे हैं, उसके ऊपर कोई भी कार्यवाही करती नजर नही आ रही है। ऐसे में एक साल बीत जाने के बाद भी मूल आरोपी मीना कोरी पुलिस की पकड़ से दूर हैं। जिसको लेकर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं।