वाराणसी@ज्ञानवापी के तीसरे दिन के एएसआई सर्वे के बाद बोला हिंदू पक्षअब हम भी काफी करीब हैं…

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वाराणसी,06 अगस्त 2023 (ए)। वाराणसी में ज्ञानवापी के सर्वे के तीसरे दिन का काम पूरा होने के बाद हिंदू पक्ष काफी संतुष्ट नजर आ रहा है। यह काम सोमवार को भी जारी रहेगा। इस सर्वे में एएसआई की ओर से हर तरह के अत्याधुनिक तरीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
रविवार को सर्वे के तीसरे दिन का काम पूरा होने के बाद हिंदू पक्ष के वकीलों ने इसपर काफी संतुष्टि जताई है और कहा है कि वह इस प्रक्रिया से पूरी तरह संतुष्ट हैं और उन्हें लगता है कि वे अपने दावे के बेहद करीब हैं और प्रतिदिन और भी करीब आते जाएंगे।


सही तरीके से हो रहा है सर्वे का काम


हिंदू पक्ष के वकील हिंदू पक्ष के एक वकील विष्णु शंकर जैन ने एएसआई सर्वे के बारे में कहा है कि, ‘एएसआई कोर्ट के आदेशों के मुताबिक सही तरीके से सर्वे का काम कर रहा है। पूरे परिसर का तीनों गुंबदों समेत बेसमेंट का विस्तार से अध्ययन किया जा रहा है। मैपिंग, नापने और फोटोग्राफी का काम चल रहा है…..कल सावन की सोमवारी है…भीड़ रहेगी…सर्वे का काम जारी रहेगा…..


काफी करीब हैं और हर दिन करीब बढ़ते चले जाएंगे


उन्होंने कहा कि हम तीनों वकीलों और चारों वादी महिलाओं का आधिकारिक बयान यही है कि सर्वे का काम चल रहा है। सुचारू रूप से चल रहा है…कोर्ट के आदेश के मुताबिक चल रहा है और विशेष जानकारी हम नहीं दे सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि हमलोग बहुत संतुष्ट हैं….काफी करीब हैं और हर दिन करीब बढ़ते चले जाएंगे…..एएसआई एक निष्पक्ष संस्था है…वह अपनी राय देगा और उसके बाद आगे मामला बढ़ेगा।


हर तरह की वैज्ञानिक तकनीक का इस्तेमाल


हिंदू पक्ष के एक और वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी का कहना है कि तीनों गुंबदों की फोटोग्राफी, नापने और मैपिंग का काम हुआ है….पूरे परिसर का अध्ययन किया जा रहा है……जीडीपीआर मशीनों का उपयोग किया गया है। हिंदू पक्ष का कहना है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की ओर से सर्वे के काम में हर तरह की वैज्ञानिक तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है।


सबका सहयोग मिल रहा है हिंदू पक्ष के वकील


वहीं हिंदू के तीसरे वकील सुधीर त्रिपाठी ने कहा है कि एएसआई को सर्वे के काम में सभी पक्षों का सहयोग मिल रहा है। उन्होंने कहा, ‘उन्होंने (मुस्लिम पक्ष) गुंबद के ऊपर जाने का चाबी दिया, सहयोग किया, उनके अधिवक्ता भी उपस्थित थे और गुंबद का सर्वे हुआ…..बहुत ही गहराई से मंथन हुआ है ये कह सकते हैं….. गौरतलब है कि मुस्लिम पक्ष ने पहले यह सर्वे रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन सर्वोच्च अदालत ने इसपर रोक नहीं लगाई। सर्वोच्च अदालत के इस फैसले पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल बोर्ड निराशा भी जाहिर कर चुका है। उसका कहना है कि अदालत का यह फैसला बहुत ही दुखद और हैरान करने वाला है।


अमेरिका के म्यूजियम में सुरक्षित है ज्ञानवापी का सच!
1868 में ब्रिटिश फोटोग्राफर ने खींची थीं तस्वीरें


अमेरिका के लास एंजिलिस स्थित गेट्टी म्यूजियम के फोटोग्राफ्स विभाग में तस्वीरें प्रदर्शित है, जिसके चित्र परिचय में लिखा है-ज्ञानवापी आर वेल आफ नालेज’ यानी ज्ञानवापी-ज्ञान का कुआं। विवरण में आगे लिखा है- वाराणसी में इसी नाम की मस्जिद के अंदर ज्ञानवापी कुएं का ²श्य। तीन अलंकृत नक्काशीदार स्तंभ अग्रभूमि में, एक खोदी गई मेहराब के नीचे और एक नक्काशीदार मूर्ति के सामने खड़े हैं।
एक दूसरी तस्वीर में अलंकृत रूप से सजाई गई मूर्ति दो स्तंभों के बीच दिख रही है और इसके ऊपर स्तंभों में से एक के शीर्ष पर घंटी लटकी हुई है। इस फोटो में दीवार पर बनी बजरंगबली की मूर्ति, घंटियां, नक्काशीदार खंभे व अन्य हिंदू धर्म के प्रतीक चिह्न एकदम स्पष्ट देखे जा सकते हैं।
ये तस्वीरें ब्रिटिश फोटोग्राफर सैमुअल बार्न ने 1868 में तब खींची थी, जब वह बनारस यात्रा पर आए थे। ये तस्वीरें आज से 155 वर्ष पूर्व ज्ञानवापी की सच्चाई को दर्शाते हैं। संग्रहालय में सैमुअल के खींचे और नीलामी में प्राप्त लगभग 150 फोटोग्राफ हैं, जो उन्होंने अपनी भारत यात्रा के दौरान कैमरे से खींची थीं।


दीवारों पर बने है काफी पुराने चित्र


इनमें बनारस के घाट, आलमगिरी मस्जिद सहित अनेक मंदिरों और ज्ञानवापी के भीतर तथा बाहर बैठे नंदी की अनेक तस्वीरें हैं। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्राचीन इतिहास, कला संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के प्रोफेसर अशोक कुमार सिंह बताते हैं कि सैमुअल बार्न के चित्रों में ज्ञानवापी में दीवारों पर देवी-देवताओं के चित्र, हिंदू धर्म के प्रतीक चिह्न स्पष्ट रूप से उपस्थित दिखते हैं। इससे यह पता चलता है ज्ञानवापी के भीतर आज भी मंदिर के बहुत सारे अवशेष पाए जा सकते हैं।


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