बैकुण्ठपुर@कितने संवेदनशील हैं कोरिया कलेक्टर?…पिछले 5 दिनों से लगातार हो रही है बारिश…टपकती छत के नीचे पढ़ रहे बच्चे

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  • गौरेला पेंड्रा मरवाही के कलेक्टर से भी सिख नहीं ले पाए कोरिया कलेक्टर, जीपीएम जिले में दो दिनों का दिया गया अवकाश
  • मुख्यमंत्री जतन योजना अंतर्गत जिले के स्कूलों का मरम्मत भी नहीं हुआ समय पर,बारिश का मौसम आधा बीत चुका,मरम्मत अब भी अधूरा…
  • अधिकांश स्कूलों में मरम्मत कार्य प्रगति पर,बारिश की वजह से मरम्मत कार्य भी है रुका हुआ

बैकुण्ठपुर, 06 अगस्त 2023 (घटती घटना) प्रदेश सहित जिले में लगातार पांच दिनों से बारिश हो रही है, वहीं जिले के सभी नदी नाले उफान पर हैं खेतों में भी जलभराव हो चुका है और अब खेत की मेड़ों पर भी बाढ़ जैसे हालात हैं, इसी बीच जिले के नौनिहाल स्कूली छात्र छात्रा स्कूल जा रहें हैं और वह भी ऐसे शासकीय स्कूलों में जा रहें हैं जहां स्कूलों का छत टपक रहा है और भवन की हालत बेहद खराब है। वैसे शासकीय स्कूलों के खराब हालत को सुधारने मुख्यमंत्री जतन योजना अंतर्गत मरम्मत कार्य जारी है लेकिन मरम्मत कार्य भी कछुए की चाल से चल रहा है और इस बीच स्कूली बच्चे टपकती छत के नीचे ही बैठकर पढ़ने मजबूर हैं। बच्चे भी स्कूल किसी तरह पहुंच पा रहें हैं और कई जगह तो नदी नाले या खेतों की मेड़ों से बहते पानी के बीच बच्चे किसी तरह पार होकर स्कूल आ रहें हैं वहीं इस बीच वह भीग भी रहे हैं और भीगकर ही स्कूल आ रहें हैं। प्रदेश में जारी लगातार बारिश को देखते हुए नवीन जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही कलेक्टर ने दो दिनों का अवकाश विद्यालयों के लिए घोषित किया है लेकिन वहां के अलावा किसी अन्य जिले में अवकाश की घोषणा किसी कलेक्टर ने नहीं की है जो यह साबित करने काफी है की अन्य जगहों में कलेक्टर कितने संवेदनशील हैं। कोरिया जिले की भौगोलिक परिस्थिति भी गौरेला पेंड्रा मरवाही से ज्यादा विपरीत नहीं है,जिले में भी कई स्कूल ऐसी जगह हैं जहां स्कूली बच्चों का बारिश में स्कूल पहुंच पाना बेहद कठिन होता है साथ ही खतरनाक भी होता है जहां जान का जोखिम भी होता है वहीं विद्यालय भवन भी इस लगातार जारी बारिश में जर्जर होने की वजह से टपक रहें हैं और उनमें कक्षाएं संचालित हो पाना फिलहाल उचित नही लग रहा है फिर भी बच्चे स्कूल जा रहें हैं और टपकती छत के नीचे वह बैठकर पढ़ने मजबूर हैं। कई जगह मरम्मत की वजह से एक ही कक्ष फिलहाल उपलध है और उसी में किसी तरह कक्षाएं संचालित हो रही हैं। हाल ही में एक विद्यालय की स्थिति को लेकर ग्रामीणों ने भी अपनी आपçा दर्ज की है जहां मरम्मत जो धीमी गति से हो रहा है की वजह से बच्चे एक ही कक्ष में बैठने मजबूर हैं जबकि वह प्राथमिक शाला और पूर्व माध्यमिक शाला दोनो के छात्र हैं। कुल मिलाकर जिस तरह की बारिश हो रही है और शासकीय स्कूलों की जैसी दशा है फिलहाल लगातार बारिश को देखते हुए अवकाश की घोषणा आवश्यक जान पड़ती है जो नहीं हो सकी है।
जीपीएम कलेक्टर की तरह की जानी चाहिए… स्कूलों में अवकाश की घोषणा
जिले में जी पी एम कलेक्टर की तर्ज पर स्कूलों में अवकाश की घोषणा की जानी चाहिए ऐसा पालकों का भी मानना है। फिलहाल अभी दो दिन और बारिश की संभावना है और ऐसे में यदि बारिश इसी तरह जारी रही तो परिस्थितियां और विकराल होगी और बच्चों को परेशानी भी होगी। अब कोरिया कलेक्टर क्या निर्णय लेंगे वह तो नहीं कहा जा सकता लेकिन उनका निर्णय अब आता भी है तो विलंब से आया निर्णय माना जाएगा क्योंकि अब बारिश शायद ही आगे जारी रहे।
मुख्यमंत्री जतन स्कूल मरम्मत योजना में भी स्कूलों में केवल हो रहा है थूक पालिस का काम
मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना जिसमें स्कूलों का मरम्मत किया जा रहा है उसमे भी जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है और जिन भवनों को अनुपयोगी करार देकर नए भवन का निर्माण किया जाना चाहिए उनका भी मरम्मत किया जा रहा है जबकि वह मरम्मत के बाद भी कितने दिन टिके रहने वाले हैं वहां छात्रों का बैठना कितना सुरक्षित है यही सुनिश्चित नहीं है।
फिलहाल ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूली छात्र छात्राओं को हो रही बारिश की वजह सें स्कूल आने जाने में दिक्कत
लगातार हो रही बारिश की वजह से सबसे ज्यादा समस्या ग्रामीण क्षेत्र के छात्र छात्राओं को हो रही है। ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूल में पढ़ने वाले छात्र छात्रा ग्रामीण क्षेत्र के अंदरूनी जगहों से स्कूल जाते हैं और कई जगह नदी नाले भी रास्ते में पड़ते हैं वहीं कई मोहल्ले गांव के ऐसे हैं जहां मेड़ों से भी छात्र छात्राओं को गुजरान पड़ता है और अभी जारी बारिश ने नदी नाले उफान पर हैं मेड़ों से भी पानी ऊपर बह रहा है और यह किसी खतरे से कम नहीं है,वहीं छात्र छात्राओं में से सभी के पास खासकर प्राथमिक और मिडिल स्कूल के छात्र छात्राओं के पास छाता सहित रेनकोट की भी व्यवस्था नहीं है और वह भीगकर स्कूल पहुंच रहें हैं जिससे उनके तबियत के भी खराब होने की पूरी संभावना बनी हुई है। अब ऐसे में फिलहाल यदि अवकाश की घोषणा होती है तो यह छात्र हित में उचित निर्णय होगा जो कहा जा सकता है।
मुख्यमंत्री जतन विद्यालय मरम्मत कार्य की धीमी गति भी है इस बरसात में बच्चों के लिए समस्या की वजह
प्रदेश के मुख्यमंत्री ने प्रदेश के स्कूलों की जर्जर स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना का ऐलान किया और उन्होंने कई श्रेणियों में इसके लिए राशि जारी की जिसमे अति खराब,खराब और थोड़ा खराब श्रेणियां बनाई गईं और फिर उस अनुसार राशि जारी कर मरम्मत की समयावधि तय की जो बरसात पूर्व तक थी। अब जबकि बरसात आधी बीत चुकी और अभी भी मरम्मत कार्य प्रगति पर है धीमी है ऐसे में लगातार बारिश की वजह से छात्रों का परेशान होना कोई बड़ी बात नहीं है। बच्चे मरम्मत की धीमी गति की वजह से टपकती छत के नीचे ही दिनभर बैठ रहें हैं और किसी तरह पढ़ाई कर घर वापस जा रहें हैं।


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