- कठोर कार्यवाही होती तो बनती अन्य के लिए मिशाल,हालिया कार्यवाही से नहीं दिखेगा रिश्वतरखोरों में भय
- रिश्वत लेने वाले सहायक खाद्य अधिकारी को कलेक्टर कोरिया ने किया निलंबित,निलंबन अवधि में मुख्यालय एसडीएम कार्यालय बैकुंठपुर किया नियत
- मामले में एसडीएम बैकुंठपुर की भूमिका की भी होनी थी जांच,लेकिन अब उन्ही के संरक्षण में जिला सहायक खाद्य अधिकारी
- सहायक खाद्य अधिकारी का अपराध कैमरे में है रिकार्ड,फिर भी मामले में जांच सहित आगे की कार्यवाही का क्यों नहीं है उल्लेख?
- क्या सहायक खाद्य अधिकारी को बचाने का किया जा रहा है प्रयास,क्या मामले को ठंडे बस्ते में डालने का हो रहा प्रयास?
-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 05 अगस्त 2023 (घटती-घटना)। कोरिया जिले के जिला मुख्यालय से एक सहायक खाद्य अधिकारी का रिश्वत लेते विडियो जारी हुआ था और मामले में कलेक्टर कोरिया ने कार्यवाही करते हुए प्रथम दृष्टया दोषी मानकर सहायक खाद्य अधिकारी को निलंबित कर दिया है, निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय भी नियत किया गया है जो एसडीएम कार्यालय बैकुंठपुर हैं जहां वह अपनी उपस्थिति देते रहेंगे। प्रदेश सहित जिले में लगातार सामने आ रहे रिश्वतखोरी के मामले साथ ही भ्रष्टाचार के मामले में प्रशासन की कार्यवाही भी निलंबन तक सीमित रह रही है जिसके कारण रिश्वतखोरी के मामले साथ ही भ्रष्टाचार के मामले कम होने की बजाए बढ़ते जा रहें हैं क्योंकि भ्रष्टाचार में लिप्त साथ ही रिश्वतखोरी में लिप्त अधिकारी कर्मचारी यह मानकर चल रहें हैं की अधिक से अधिक उनके ऊपर निलंबन की कार्यवाही होगी और जो बाद में कार्य बहाली में बदल जायेगी।
बैकुंठपुर की ताजा घटना में जिसमे रिश्वतखोर सहायक खाद्य अधिकारी की विडियो जारी हुई है रिश्वत लेते हुए उसमे कलेक्टर कोरिया ने तत्परता तो दिखाई है कार्यवाही में लेकिन इस कार्यवाही को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं और लोग इसे नाकाफी बता रहें हैं साथ ही वह इस बात से भी हैरान हैं की जिस एसडीएम के नाम पर उनकी नाराजगी के नाम पर सहायक खाद्य अधिकारी पेट्रोल पम्प संचालक से रिश्वत ले रहे थे सहायक खाद्य अधिकारी को निलंबन अवधि में उन्ही के कार्यालय में मुख्यालय प्रदान किया गया है जिससे यह सवाल उठ रहा है की यह कहीं दोषी रिश्वतखोर अधिकारी को सुविधा साथ ही आगे चलकर उसे बचाने के उद्देश्य से तो नहीं किया गया है क्योंकि एसडीएम बैकुंठपुर के वाहन में ईंधन को लेकर ही एसडीएम नाराज हैं और उसी लिए रिश्वत की मांग अधिकारी कर रहा था। मामले में कार्यवाही कठोर होनी चाहिए थी जो मिसाल बनती साथ ही एस डी एम बैकुंठपुर की भूमिका भी मामले में जांच के दायरे में होती तब न्याय हो रहा है और कार्यवाही सही दिशा में जारी है ऐसा माना जाता ऐसा लोगों का मानना है। अब जबकि रिश्वतखोर अधिकारी एस डी एम बैकुंठपुर के संरक्षण में रहने वाले हैं और वहीं से वह जीवन निर्वाह भत्ता प्राप्त करने वाले हैं ऐसे में कार्यवाही को लेकर सवाल उठना लाजमी भी है।
कठोर कार्यवाही होती तो अन्य के मन में भी समाता भय,वर्तमान कार्यवाही से नहीं लगेगा रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार पर प्रतिबंध
प्रदेश सहित जिले में रिश्वतखोरी साथ ही भ्रष्टाचार के मामले लगातार सामने आते रहते हैं,रिश्वत कार्यालयों में निश्चित रूप से दी जाने वाली प्रथा बन चुकी है साथ ही प्रत्येक शासकीय विभाग में भ्रष्टाचार भी चरम पर है और ऐसे में जिसका भ्रष्टाचार साथ ही रिश्वतखोरी समाने आती है यदि उसके ऊपर कार्यवाही कठोर की जाए तो इस पर रोक लग सकती है साथ ही अन्य के मन में भी भय व्याप्त होगा और जिससे आने वाले समय में लोगों को इससे निजात मिलेगा,,लेकिन वर्तमान में ऐसे मामलो में कार्यवाही निलंबन तक ही सीमित है और इस तरह की कार्यवाही से भ्रष्टाचार में संलिप्त साथ ही रिश्वतखोर डरने वाले नहीं हैं और वह मानकर चलते हैं की जल्द उनकी बहाली हो ही जानी है और वह निश्चिंत रहकर रिश्वतखोरी भ्रष्टाचार को अंजाम देते जा रहे हैं।
जब विडियो सबूत मौजूद तो क्यों नहीं हो रही कठोर कार्यवाही?
बैकुठपुर रिश्वतखोरी मामले में सहायक खाद्य अधिकारी के विरुद्ध विडियो सबूत मौजूद है,आम व्यक्ति भी जिसने विडियो देखा वह समझ गया की रिश्वत ली गई और जिसके नाम से ली गई उसका नाम भी रिश्वतखोर अधिकारी ने लिया,अब साक्ष्य और प्रमाणित सबूत होने के बाद भी निलंबन की कार्यवाही की गई जो सवाल खड़े करता है। मामले में कठोर कार्यवाही होनी चाहिए थी यह लोगों का मानना है जिससे शासन से भी वेतन ले रहे साथ ही रिश्वत और भ्रष्टाचार से अपनी जेब भर रहे अधिकारी कर्मचारी आगे से सचेत रहते और इसकी पुनरावृति नहीं होती।
मामले में जांच होगी आगे कार्यवाही कठोर होगी इस बात का भी अभी पता नहीं
पूरे मामले में निलंबन की कार्यवाही कर दी गई है और कार्यवाही में इस बात का उल्लेख नहीं है की आगे मामले में जांच होगी की नहीं होगी कठोर कार्यवाही होगी की नहीं होगी, एस डी एम की भूमिका जो मामले में सामने आई है उसकी जांच होगी की नहीं होगी,सवाल बहुत हैं लेकिन जवाब आना बाकी है। पूरे मामले में जांच संस्थित कर जब निस्पक्षता से जांच की जायेगी तभी कार्यवाही को लेकर यह कहा जा सकेगा की कार्यवाही सही दिशा में है और आगे मिशाल बनेगी,वहीं अभी तो यही आभास हो रहा है की निलंबन बहाली के लिए की गई है जैसा लोगों का भी मानना है।