नई दिल्ली @ गहमागहमी के बीच संसद का शीत सत्र आज से

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कृषि कानूनों की वापसी से होगी सत्र की शुरुआत
किसान आंदोलन, महंगाई, पेगासस सहित एक दर्जन मुद्दों पर सरकार को घेरेगा विपक्ष
सत्र से पहले पीएम की अनुपस्थिति में हुई सर्वदलीय बैठक


नई दिल्ली
,28 नवंबर 2021 (ए)। मुद्दों की गहमागहमी के बीच सोमवार से संसद के शीतकालीन सत्र का आगाज होगा। सरकार सत्र के पहले ही दिन तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने वाला बिल लोकसभा में पेश करेगी। सत्र के दौरान विपक्ष ने किसान आंदोलन, महंगाई, पेगासस जासूसी, निजीकरण जैसे मुद्दों पर तीखे तेवर अपनाने के संकेत दिए हैं, जबकि सरकार की ओर से भी विपक्ष पर पलटवार करने की रणनीति तैयार की गई है।
सरकार ने इस सत्र में तीन नए कानून को निरस्त करने, क्रिप्टो करेंसी और आधिकारिक मुद्रा विनियमन सहित 26 बिल पेश करने की तैयार की है। इनमें सरकार की प्राथमिकता कृषि कानूनों को निरस्त करने वाला बिल को पारित कराने की है। इसके लिए भाजपा की ओर से सांसदों को तीन पंक्ति का व्हिप जारी किया गया है।
कई मुद्दों पर होगी तीखी सियासी भिड़ंत
सत्र के दौरान कई अहम मुद्दों पर सरकार और विपक्ष के बीच सीधी और तीखी सियासी भिड़ंत होगी। विपक्ष ने खासतौर पर न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून गारंटी देने, किसान आंदोलन के दौरान हुई मौतों पर मुआवजा देने, पेट्रोल-डीजल सहित आवश्यक वस्तुओं की कीमतें बढऩे, पेगासस जासूसी, बेतहाशा निजीकरण और सीमा सुरक्षा बल विस्तारित अधिकार क्षेत्र जैसे मामले को जोरशोर से उठाने की रणनीति बनाई है।
सरकार भी पलटवार के लिए तैयार
सरकार की मुख्य चिंता तीनों कृषि कानून हैं। इस कानून की वापसी के मामले में सरकार ने भी विपक्ष पर पलटवार करने की रणनीति बनाई है। कानूनों को निरस्त करने वाला बिल पेश करते हुए सोमवार को कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर विपक्ष पर हमलावर होंगे। कृषि कानूनों को छोटे किसानों के हक में बताएंगे। सरकार की ओर से विपक्ष पर अच्छे कानूनों के खिलाफ दुष्प्रचार करने का भी आरोप लगाया जाएगा।
सर्वदलीय बैठक में शामिल हुए 31 दल
सत्र के एक दिन पहले रविवार को सरकार की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में 31 दलों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। सभी दलों ने कृषि कानून के संदर्भ में एक स्वर में व्यापक चर्चा कराने की मांग की। इसके अलावा बढ़ती महंगाई, पेगासस जासूसी, निजीकरण के मुद्दे पर भी विपक्ष ने एकजुट हो कर व्यापक चर्चा की मांग की। तृणमूल कांग्रेस ने सीमा सुरक्षा बल विस्तार अधिकार क्षेत्र बढ़ा कर संघीय ढांचे को कमजोर करने का आरोप लगाया। पार्टी ने महिला आरक्षण बिल पेश किए जाने की भी मांग की।
सर्वदलीय बैठक से
दूर रहे पीएम
अरसे बाद पीएम मोदी सर्वदलीय बैठक से दूर रहे। इससे पहले अपने कार्यकाल के दौरान पीएम संसदीय कार्य मंत्री की ओर से बुलाई जाने वाली सभी सर्वदलीय बैठकों में शिरकत की थी। उनकी अनुपस्थिति पर विपक्ष ने सवाल खड़ा किया। इस पर संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि यह बैठक उनकी ओर से बुलाई गई है। पीएम ने खुद ऐसी बैठक में शिरकत करने की परंपरा डाली थी।
आप ने किया
बैठक का बहिष्कार
सर्वदलीय बैठक का आप ने बहिष्कार किया। आप सांसद संजय सिंह ने आरोप लगाया कि बैठक में उन्हें बोलने नहीं दिया गया। वह एमएसपी पर गारंटी और मृत किसान के परिवारों को मुआवजा देने की मांग कर रहे थे। जब उन्हें बोलने नहीं दिया गया तो उन्होंने बैठक का बहिष्कार किया।
विपक्षी एकजुटता में टीएमसी ने डाला भंग
कांगे्रस की कोशिश सत्र दौरान विपक्ष को एकजुट करने की है। इसी रणनीति के तहत सोमवार को सत्र शुरू होने से पहले राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खडग़े ने विपक्षी दलों की बैठक बुलाई है। हालांकि टीएमसी ने इस बैठक से दूरी बना कर विपक्षी एकजुटता की कांग्रेस की कोशिशों को झटका दिया है। बीजेडी, टीआरएस, वाईएसआर कांग्रेस जैसे कई दल विपक्ष की बैठक में शामिल नहीं होंगे।
सर्वदलीय बैठक में 31 दलों के प्रतिनिधि शामिल हुए। सबने अपने अपने विचार रखे हैं। कई मुद्दों पर चर्चा की मांग की गई है। सरकार सभी मुद्दों पर नियमों के अनुरूप चर्चा कराने केलिए तैयार है। सरकार ने विपक्ष ने सत्र चलने देने की अपील की है। उम्मीद है कि सत्र चलाने में विपक्ष का सहयोग मिलेगा।
प्रहलाद जोशी,
संसदीय कार्य मंत्री
यह सत्र बेहद अहम है। हम कृषि कानूनों के सभी पहलुओं, बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी सहित कई अहम मुद्दों पर सार्थक चर्चा चाहते हैं। सर्वदलीय बैठक में हमने सरकार को अपनी प्राथमिकताएं बताई हैं। हम चाहते हैं कि इन मुद्दों पर सदन में व्यापक चर्चा हो।
मल्लिकार्जुन खडग़े,
नेता प्रतिपक्ष,राज्यसभा


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