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रायपुर@स्कूल बस मालिकों पर अब परिवहन विभाग कसेगा का शिकंजा

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229 स्कूल बसों पर 5 करोड़ का रोड टैक्स बकाया
अब चल-अचल संपत्ति होगी कुर्क


रायपुर,28 जुलाई 2023(ए)।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में रोड टैक्स नहीं देने वाले 12 साल पुराने 229 स्कूल बस मालिकों के खिलाफ अब परिवहन विभाग कार्यवाही करने जा रहा है। अगस्त तक बकाया टैक्स जमा नहीं करने पर परिवहन विभाग बस को जब्त कर नीलाम करेगी। इसके बाद भी राशि बकाया होने पर बस मालिकों की चल-अचल संपत्तियों को भी कुर्क कर वसूली की जाएगी।
दरअसल, परिवहन विभाग ने एसडीएम से ऐसे बकायेदार बस मालिकों की चल-अचल संपत्तियों का ब्यौरा मांगा है, जो सालों से रोड टैक्स नहीं दिए हैं। विभाग के अधिकारियों ने बताया कि रायपुर समेत आरंग, अभनपुर और तिल्दा-नेवरा एसडीएम को पत्र लिखकर रोड टैक्स के बकायेदार बस मालिकों का नाम, पता और मोबाइल नंबर सहित सूची भेजी गई है। पत्र में बताया गया है कि स्कूल बस के संचालकों ने पिछले 10 साल से करीब 5 करोड़ रुपए रोड टैक्स जमा नहीं किया है। इसकी वसूली करने के लिए बस मालिकों को 7 अगस्त 2023 तक अंतिम मौका दिया गया है। निर्धारित अवधि में बकाया टैक्स जमा नहीं करने पर बस को जब्त कर नीलाम किया जाएगा। इसके बाद राशि बकाया होने पर उनकी चल-अचल संपत्तियों को कुर्क कर वसूली की जाएगी।


बस मालिकों को नोटिस जारी


उल्लेखनीय है कि, मई और जून महीने में पुलिस परेड ग्राउंड में लगाए गए स्कूल बसों की मैकेनिकल जांच शिविर में नहीं आने वाली बसों की जब परिवहन और यातायात पुलिस विभाग ने जानकारी खंगाली तब यह जानकारी सामने आई। परिवहन विभाग ने बकाया 5 करोड़ का रोड टैक्स वसूलने 229 स्कूल बसों के संचालकों को नोटिस जारी कर 30 जून तक बकाया टैक्स जमा करने का समय दिया था। यह अवधि अब बीत चुकी है, लिहाजा सभी को नोटिस जारी किया गया। जारी नोटिस में केंद्रीय मोटरयान अधिनियम का हवाला देते हुए इनका उपयोग स्कूलों बसों के रूप में नहीं करने की चेतावनी भी दी गई है। निर्धारित अवधि में टैक्स जमा नहीं कराने पर भू-राजस्व संहिता के तहत बसों के साथ ही अन्य चल-अचल संपत्तियों को सीज करने की चेतावनी दी गई थी। विभाग ने इन बसों को यात्री बस के रूप में संचालित करने की भी सलाह शैक्षणिक संस्थानों को दी है।


प्रत्येक बस का 1.25 से 2.50 लाख रुपए तक बकाया


स्कूलों में चलाई जा रही 229 बसों का 3 से 5 साल का रोड टैक्स जमा नहीं किया गया है। प्रत्येक बस का औसतन 1.25 लाख रुपए से लेकर 2.50 लाख रुपए तक बकाया है। इन सभी की गणना करने के बाद प्रत्येक बस मालिक और स्कूल प्रबंधन को टैक्स जमा करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। टैक्स जमा नहीं करने पर बसों को सीज करने की कार्रवाई की जाएगी।


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