अम्बिकापुर,23 जुलाई 2023 (घटती घटना) शहर को जलापूर्ति करने वाली बांकी जलाशाय में केवल 12 दिनों का पानी ही बचा है स्थिति की गंभीरता के मद्देनजर उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव ने बाकी जलाशय का निरीक्षण किया। उन्होंने पेयजल की निर्बाध आपूर्ति के लिए सूखने की कगार पर आ चुके बांध बांध में युद्धस्तर पर काम शुरू करने का निर्देश दिया। अल्प वर्षा की स्थिति से शहर में जल संकट की खबर पर देर शाम अंबिकापुर पहुंचे उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव ने जलापूर्ति से जुड़े सभी विभागों की बैठक बुलाई थी, देर रात तक चली इस बैठक के बाद रविवार की सुबह उपमुख्यमंत्री सिंह देव ने बांकी डैम जाकर जलभराव की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने डैम के अलग-अलग पॉकेट्स में जमा पानी को तकिया फिल्टर प्लांट तक लाने के लिए तत्काल पहल करने का निर्देश दिया। नगरनिगम, सिंचाई विभाग और पीएचई को समन्वय बनाकर युद्धस्तर पर काम शुरू करेंगे। उप मुख्यमंत्री सिंह देव ने बताया शहर के दस टंकियों को ट्यूबवेल के माध्यम से भरा जाता है। जबकि सात बड़े जलागार अमृत मिशन के माध्यम से घुनघुट्टा बांध से भरे जाते हैं। इन क्षेत्रों में दोनों समय जल आपूति में कोई दिक्कत नहीं है। बांकी जलाशय से आपूर्ति वाले में क्षेत्रों में भी ज्यादा से ज्यादा जल आपूति हो इसका प्रयास किया जाएगा।
उपमुख्यमंत्री सिंह देव ने कलेक्टर को निर्माण कार्य से जुड़े विभागों के समन्वय से तकिया फिल्टर प्लांट तक जलापूर्ति की व्यस्था बनाने कहा। इसके लिए उपकरणों और मिशनरी की व्यवस्था कर 24 घण्टे के भीतर काम शुरू करने निर्देशित किया। निरीक्षण के दौरान श्रम कल्याण मण्डल अध्यक्ष शफी अहमद, महापौर डॉ. अजय तिर्की, कलेक्टर कुंदन कुमार, पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार, जल संसाधन विभाग के ईई अरुण मिश्रा, सहित थर्मल पावर, पीएचई और नगरनिगम के तकनीकी अधिकारी साथ थे।
गागर से लाएंगे पीने का पानी
सिंचाई विभाग शहर में पेयजल की आपूर्ति के लिए बलरामपुर जिले के गागर नदी से नहर के माध्यम से पानी अम्बिकापुर तक लाने की योजना पर काम कर रही है। करीब साढ़े 19 किमी नहर के माध्यम से न सिर्फ अम्बिकापुर के लोगों को पीने का पानी मिलेगा बल्कि रास्ते में पडऩे वाले गांव के खेतों को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा। भविष्य की इस योजना की स्वीकृति के लिए उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने पहल की है।
अभी भयावह स्थिति नहीं
बांकी बांध में कम जल भराव से स्थिति चिंताजनक तो है लेकिन भयावह नहीं है। एक समय जलापूर्ति के निर्णय के पीछे कारण डैम से फिल्टर प्लांट तक पानी का प्रेशर कम होना है। कम प्रेशर के चलते टंकी को पूरी तरह भरने में करीब 20 घण्टे का समय लगता है। आधी भरी टंकियों से जलापूर्ति करने में सप्लाई लाइन के अंतिम तक पानी नहीं पहुंच पाता है। एक सप्ताह में बांकी डैम के कैचमेंट एरिया में अच्छी बारिश हुई तो स्थिति में सुधार हो जाएगा।