ग्राम सुंदरपुर में डायल 112 के ड्राइवर की हत्या की गुत्थी पुलिस ने 12 घंटे के भीतर ही सुलझाई
अम्बिकापुर 27 नवम्बर 2021 (घटती-घटना)। शहर से लगे ग्राम सुंदरपुर में डायल 112 के ड्राइवर की हत्या की गुत्थी पुलिस ने 12 घंटे के भीतर ही सुलझा ली है।घर के बाहर बात करने को लेकर उपजे विवाद के बाद पिता-पुत्र ने मिलकर टांगी से वार कर ड्राइवर को मौत के घाट उतार दिया था। इस दौरान ड्राइवर का दोस्त वहां से भाग निकला था। पुलिस ने आरोपी पिता-पुत्र को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
मामले का खुलासा करते हुए एडिशनल एसपी विवेक शुक्ला ने बताया कि शुक्रवार की सुबह मणिपुर चौकी क्षेत्र के अंबिकापुर-बिलासपुर मार्ग से लगे ग्राम सुंदरपुर जंगलपारा में एक व्यक्ति की लाश पड़े होने की सूचना मिली थी। मणिपुर चौकी प्रभारी ने तत्काल घटना की जानकारी एसपी अमित तुकाराम कांबले को दी। एसपी के निर्देश पर एसपी व सीएसपी पुष्कर शर्मा के नेतृत्व में एफएसएल एवं डॉग स्मयड की टीम तत्काल घटना स्थल पर पहुंच कर मामले की जांच की। विवेचना पता चला की उक्त शव डायल 112 के चालक सोनूलाल यादव पिता कुजबिहारी यादव उम्र 25 वर्ष ग्राम केशवपुर जिला सूरजपुर का है। पुलिस ने इस मामले में अज्ञात अपराधियों के खिलाफ अपरध दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी थी। एएसपी विवेक शुक्ल ने बताया कि घटना दिवस गुरुवार की रात डायल 112 के चालक सोनूलाल अपने मित्र रमेश नेहरा के साथ बाइक में बैठकर सुन्दरपुर जंगलपारा गया था। जहां दोनों शराब सेवन करने के बाद सुन्दपुर निवासी चौधरी राम के घर के सामने आपस में बात कर रहे थे। जिस पर चौधरी राम अपने घर से निकला और उनको घर के सामने हल्ला करने से मना किया और वहां से जाने के लिये बोला। इस दौरान सोनूलाल व चौधरी राम के बीच कहासूनी होने लगी। इसी बीच चौधरी राम का बेटा शिवभजन भी वहां पहुंच गया। शिवभजन सोनूलाल से विवाद करने लगा। विवाद होता देख सोनूलाल का मित्र रमेश उसे छोड़कर वहां से भाग गया। इस दौरान गुस्से में आकर सोनूलाल ने अपने घर से टांगी लाकर सोनूलाल के ऊपर जानलेवा हमला कर दिया और उसकी मौत हो गई। इस मामले में पुलिस ने सुन्दरपुर निवासी चौधरी राम उम्र 62 वर्ष व उसका पुत्र शिवभजन को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो पिता-पुत्र ने चालक सोनूलाल को टांगी से मार कर हत्या करने की बात स्वीकार की। पुलिस ने पिता-पुत्र के खिलाफ कार्रवाई कर जेल दाखिल कर दिया है। उक्त कार्रवाई में उपनिरीक्षक विद्याभूषण भारद्वाज, सउनि सिदीयुस लकड़ा, प्रधान आरक्षक 43 विपीन तिवारी, आर चंचलेश सोनवानी, सरोज, अरविन्द उपाध्याय, परवेज, सैनिक, आसीम पन्ना सायबर सेल से प्रधान आरक्षक सुधीर सिहं, प्रवीण राठौर आरक्षक विरेन्द्र पैकरा सुयस शामिल रहे।
पुलिस को करते रहे गुमराह
पुलिस टीम द्वारा घटना में शामिल आरोपी की 12 घंटे के अन्दर पतासाजी कर गिरफ्तार कर रिमाण्ड पर भेजा गया। पुलिस ने बताया कि घटनास्थल के सामने चौधरी राम का घर है। इनके परिजन से घटना के संबंध में पूछे जाने पर सभी पुलिस को गुमराह करते रहे। घर वालों ने बताया कि घटना दिवस देर रात को कुछ लोगों को मारपीट करने की आवाज आ रही थी। पर डर से हमलोग घर से बाहर नहीं निकले। वहीं पुलिस ने कुछ दूर पर लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाला तो पता चला की इस बीच किसी के इस रास्ते से आने-जाने का फुटेज नहीं है। पुलिस को शक होने पर चौधरी राम व उसके पुत्र शिवभजन से सख्ती से पूछताछ की गई तो दोनों ने जुर्म कबूल कर लिया।